Gorakhpur News: गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट, सहमतियों और असहमतियों के बीच मीडिया से लेकर साहित्य पर सार्थक शब्द संवाद

Gorakhpur News: साहित्यकार डॉ.गणेश पांडेय ने फेसबुक पर लिखा कि जिस साहित्योत्सव के स्थायी उद्घाटनकर्ता विश्वनाथ जी होंगे, उस आयोजन का हश्र क्या होगा! आयोजन कभी स्तरीय नहीं हो सकता है।

Purnima Srivastava
Published on: 25 Dec 2023 2:54 AM GMT (Updated on: 25 Dec 2023 6:06 PM GMT)
Gorakhpur News
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गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट के उद्घाटन सत्र में प्रो.विश्वनाथ तिवारी (Newstrack)

Gorakhpur News: दो दिवसीय गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट का छठवां संस्करण कई अच्छी यादों को समेटे अगले वर्ष के इंतजार की तरफ बढ़ गया। शहर के बड़े वर्ग में साहित्यिक आयोजन को लेकर चर्चाएं हो रही हैं। देश के नामी चेहरों के बीच सजे सत्र को अभी भी लोग यू-ट्यूब पर एक बार फिर देख रहे हैं। अभिनेता संजय मिश्रा से लेकर अन्नू कपूर की बेबाक बातों से फेस्ट की पूरी तरह सार्थक दिख रहा है। देश में चर्चिंत ऐंकर में शुमार रूबिका लियाकत से लेकर आशुतोष, हर्षवर्धन त्रिपाठी और विजय त्रिवेदी की मौजूदगी के बीच न्यूज रूम से लेकर मीडिया की अंदरूनी राजनीति पर खुलकर चर्चा होती दिखी।

इसमें कोई संदेह नहीं कि सहमति के बीच कई असहमतियां भी संवाद के बीच उभरी। लेकिन सहमतियों और असहमतियों के बीच मीडिया से लेकर साहित्य पर सार्थक शब्द संवाद से लिटरेरी फेस्ट सार्थकता की तरफ बढ़ता दिखा। गूगल सर्च इंजन में पिछले छह वर्षों से गोरखपुर लिटरेरी फेस्ट भी खूब तलाशा जा रहा है। इसकी वजह सिर्फ इस आयोजन की सार्थकता और विविधता है। यहाँ मुद्दों की बात होती दिखती है, और कुछ हद तक निष्कर्ष भी निकलते दिखते हैं। यहाँ मुद्दों को लेकर सहमति के साथ ही असहमतियां भी नजर आती हैं। पेशे से शिक्षक जागृति श्रीवास्तव कहती हैं कि यहां गोरखपुर महोत्सव जैसी तड़क-भड़क तो नहीं है, पर संजीदगी जरूर है। कुर्सियां खाली नहीं हैं। बल्कि, साहित्य की खुराक से उर्जा हासिल करने वाले कद्रदानों की खासी भीड़ है। जो सहमतियों और असहमतियों के बाद भी बीच कुछ न कुछ हासिल करने के लिए बेचैन दिखते हैं।


न्यूज रूम से लेकर मीडिया में बदलावों पर खुली चर्चा

दो दिन का तीसरा लिटरेरी फेस्ट विभिन्न सत्रों में बंटा हुआ था। कमोवेश सभी सत्र साहित्य की पूरी खुराक लिये हुए दिखे। देश की नामचीन हस्तियों की मौजूदगी में तीखीं बहसें भी हुईं तो शब्दों की कटार की टकराहट भी दिखी। लिटरेरी फेस्ट का यह छठवां साल था। विवेक होटल के सभागार में हुए आयोजन में पहुंचे लोगों की साहित्यक भूख खत्म होती दिखी। सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश त्रिपाठी का कहना है कि लिटरेरी फेस्ट में लोगों की जीवंत सहभागिता जन महोत्सव होने की गवाही दे रहे थे। समाज में जो कुछ हो रहा है, उसका प्रतिरूप है साहित्य। लिटरेरी फेस्ट का मंच तमाम सहमतियों और असहमतियों के बीच हर बुनियादी सवालों का सार्थक जवाब देने में कामयाब दिखता है। गोरखपुर का लिटरेरी फेस्ट जयपुर लिटरेरी फेस्ट अच्छा है या खराब। आगे चलेगा या थमेगा के बहस के आगे का संदेश देता है। हमारा प्रयास शब्द संवाद के जरिये समाज के अंदर की उथल-पुथल को मंच प्रदान करना है।

इन दिग्गजों की रही मौजूदगी

साहित्य से प्रो विश्वनाथ तिवारी, अरुण कमल, अलका सरावगी, अग्निशेखर, प्रियदर्शन, देवेंद्र आर्य, सत्यानंद निरुपम, डा अजीज़, डा कलीम क़ैसर, अंकिता सिंह, नवीन चौधरी, विनीता अस्थाना, प्रवीण कुमार, केशव मोहन पांडेय। मीडिया से विजय त्रिवेदी, नागेंद्र, आशुतोष , रुबिका लियाकत, हर्षवर्धन त्रिपाठी। सिनेमा और रंगकर्म से अन्नू कपूर, रवि किशन, संजय मिश्रा, डा सागर,महमूद फारूकी, दारेन शाहिदी।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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