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Gorakhpur News: एम्स की MBBS छात्रा का अधिकारी के केबिन हुआ था यौन शोषण, रिपोर्ट के बाद भी कागजी कार्रवाई पर उठे सवाल

Gorakhpur News: विशाखा कमेटी की रिपोर्ट के बाद हालांकि निदेशक ने माना कि विशाखा कमेटी की रिपोर्ट में कुछ लचर प्रतिक्रिया है।

Purnima Srivastava
Published on: 14 Jan 2024 3:08 AM GMT
Gorakhpur News
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Gorakhpur News (Photo: Social Media)

Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर जिले में एम्स में पढ़ रही एमबीबीएस छात्रा के साथ प्रशासनिक अधिकारी ने अपने केबिन में ही यौन उत्पीड़न किया था। विशाखा कमेटी की जांच में मेडिकल छात्रा से यौन शोषण की पुष्टि होने के बाद आरोपी प्रशासनिक अफसर को हटा दिया गया है। वहीं दो अन्य महिला गार्ड ने कमेटी के सामने प्रस्तुत होकर उत्पीड़न की बात को स्वीकारा है। इसके बाद भी आरोपी अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई से बच रहे एम्स प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं।

विशाखा कमेटी की रिपोर्ट के बाद एम्स प्रशासन ने आरोपी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति को निरस्त कर मूल विभाग में वापस भेज दिया। मूल विभाग को निरस्तीकरण के पत्र के साथ ही यौन उत्पीड़न के आरोपों की जानकारी भी भेजी गई है। लेकिन सिर्फ कागजी कार्रवाई होने से मेडिकल छात्राओं के साथ ही अन्य कर्मचारियों में आक्रोश है। विशाखा कमेटी की रिपोर्ट के बाद हालांकि निदेशक ने माना कि विशाखा कमेटी की रिपोर्ट में कुछ लचर प्रतिक्रिया है। इस वजह से कानूनी कार्रवाई के लिए विधिक सलाह जरूरी हो गई है। पीड़िता के भविष्य को देखते हुए अभी इस मामले में सीधे कानूनी कार्रवाई के बजाय विशेषज्ञों से विधिक सलाह ली जा रही है। निदेशक ने बताया कि इस मामले की सूचना छात्रा ने किसी को नहीं दी थी। इसकी वजह संवादहीनता थी। इसको देखते हुए महिला शिक्षकों को एम्स में अहम जिम्मेदारी दी गई है। हॉस्टल मैनेजमेंट का कमेटी का गठन किया गया है। इसके अलावा अधिष्ठाता छात्र मामले की नियुक्ति की गई है।

छात्रा ने ई-मेल से निदेशक को दी थी जानकारी

मेडिकल छात्रा ने प्रशासनिक अधिकारी द्वारा यौन उत्पीड़न करने के मामले को ई-मेल के जरिये निदेशक को बताया था। निदेशक का कहना है कि बीते सात जनवरी को परिसर में रहने वाली एमबीबीएस की छात्रा को गंभीर हालत में सहपाठियों ने मानसिक रोग विभाग में भर्ती कराया गया था। विभाग में महिला चिकित्सक ने इलाज के साथ काउंसिलिंग की तो छात्रा ने एम्स के प्रशासनिक अफसर की हरकतों की जानकारी दी। इसकी जानकारी महिला चिकित्सक ने तत्काल कार्यकारी निदेशक व उप निदेशक प्रशासन को दी।

निदेशक पर शह का आरोप

विशाखा कमेटी के सामने दो महिला सुरक्षा गार्डों ने भी अपनी पीड़ा सुनाई। इनका कहना था कि वे पहले भी प्रभारी महिला गार्ड से शिकायत कर चुकी थीं, लेकिन कोई उनकी सुनता ही नहीं था। गार्ड के सुपरवाइजर ने भी लिखित बयान दिया कि आरोपी अधिकारी ही महिला गार्डों की ड्यूटी लगाते थे। गार्डों ने बताया कि पूर्व निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर के कार्यकाल में आरोपी अधिकारी बेहद प्रभावशाली था। उस पर तत्कालीन निदेशक भरोसा करतीं थीं। इसी लिए उत्पीड़न के बावजूद पीड़ित छात्रा शिकायत करने से हिचक रही थी। उसने 17 दिसंबर को भी नींद की कई गोलियां निगल ली थीं। छात्राओं का कहना है कि अगर पिछले कार्यकारी निदेशक ने शिकायतों का संज्ञान लिया होता तो परिसर में किसी के साथ मनमानी की हिम्मत नहीं पड़ती।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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