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Gorakhpur: मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों के राह चला तकनीशियन, अल्ट्रासाउंड कराने पत्नी के साथ पहुंचे पति को पीटा
Gorakhpur News: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची महिला के पति को प्रशिक्षु एक्सरे तकनीशियन ने थप्पड़ जड़ दिया।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाबा राधव दास मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर तीमारदारों से मारपीट करने के लिए बदनाम है ही, इस कटेगरी में एक्स-रे तकनीशियन में शामिल हो गए हैं। मंगलवार को पत्नी का अल्ट्रासाउंड कराने पति को प्रक्षिशु तकनीशियन ने थप्पड़ जड़ दिया। पूरे प्रकरण का संज्ञान लेते हुए प्राचार्य ने दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंगलवार को अल्ट्रासाउंड कराने पहुंची महिला के पति को प्रशिक्षु एक्सरे तकनीशियन ने थप्पड़ जड़ दिया। गर्भवती सुमन चौरसिया गर्भवती के पति सुनील के साथ बीआरडी मेडिकल कालेज में अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचे थे। अल्ट्रासाउंड कक्ष के बाहर वह काफी देर इंतजार करने के बाद वह पर्चा लेकर कक्ष में गए तो पहले से मौजूद दो प्रशिक्षु एक्सरे तकनीशियन से विवाद हो गया। उनमें से एक ने थप्पड़ जड़ दिया। इस घटना से सकते में आए सुनील ने इसकी शिकायत प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल से की। सुनील ने बताया कि मंगलवार को सुबह से पत्नी के पेट में दर्द हो रहा था। सुबह आठ बजे ही यहां आ गया था। तभी से पत्नी का पर्चा लेकर नंबर लगाने के लिए परेशान था। जहां नंबर लगाया जा रहा था। वहीं पर प्रशिक्षु एक्स-रे टेक्नीशियन मौजूद थे। वह हाथापाई करने लगे। पिछले बुधवार को पत्नी को लाया था। नंबर नहीं मिला। उस दिन पर्चे पर 28 मई का समय दिया गया था।
ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। पिछले साल 31 मई को संतकबीर नगर के पिता-पुत्र का सिर जूनियर डॉक्टरों ने फोड़ा था। बीते 09 फरवरी को साथी का इलाज कराने आए इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों से मारपीट हुई थी। 29 फरवरी को मेडिसिन विभाग के वार्ड नंबर 14 में एक मरीज के तीमारदारों को बुरी तरह पीटे थे। 02 नवंबर 2019 को वार्ड नंबर 14 में कुशीनगर के एक मरीज के तीमारदारों के साथ मारपीट हुई थी। 25 सितंबर 2019 को मुजहना, महराजगंज के एक मरीज के तीमारदारों को कमरे में बंद कर पीटा था।
प्राचार्य के पहुंची शिकायत, हुआ निलंबन
पीड़ित सुनील पूरे प्रकरण को लेकर प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल के पास पहुंचा। प्राचार्य ने अल्ट्रासाउंड कक्ष में मौजूद सभी स्टॉफ को तलब कर लिया। प्राचार्य ने जब कड़ाई से पूछताछ की तब तब दोनों ने गलती स्वीकार की। प्राचार्य ने आरोपी दोनों प्रशिक्षुओं को निलंबित कर दिया। फौरी तौर पर दोनों को आगामी सालाना परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई है। यह परीक्षा करीब एक महीने बाद होगी। प्राचार्य ने बताया कि मामला बेहद गंभीर है। कर्मचारियों को मरीजों की दुश्वारी समझनी चाहिए। हाथापाई या मारपीट करना गलत है। इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।