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Gorakhpur News: योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई बारह पंथ योगी महासभा की बैठक, भविष्य को लेकर हुई चर्चा
Gorakhpur News:नाथ पंथ के संतों-महंतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को गोरखनाथ मंदिर में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई।
Gorakhpur News: नाथ पंथ के संतों-महंतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक रविवार को गोरखनाथ मंदिर में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में देशभर के प्रमुख नाथ पंथी योगियों की उपस्थिति में महासभा की भावी योजनाओं समेत विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई।
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देश के वर्तमान सामाजिक व राष्ट्रीय परिस्थितियों में नाथपंथ की भूमिका के निर्धारण में इस बैठक को बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। उल्लेखनीय है कि यह महासभा देश में नाथपंथी धर्मचार्यों का सबसे बड़ा संगठन भी है। रविवार को हुई बैठक में अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मस्तनाथ पीठ के महंत सांसद योगी बालकनाथ, महामंत्री महंत चेताईनाथ, जूनागढ़ के महंत बापू शेरनाथ, फतेहपुर शेखावटी के महंत नरहरिनाथ, केदली मठ मैंगलोर के महंत राजा निर्मलनाथ, अंबाला के महंत पारसनाथ, जालौर के महंत गंगानाथ, 18 मठ के महंत समुंदरनाथ सहित सभी पंथों के महंत, पीठाधिपति एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
समाजिक एवं राष्ट्रीय एकता, समरसता के अभियान को राष्ट्रव्यापी फलक देने के लिए अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा की स्थापना वर्ष 1939 में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ महाराज जी द्वारा की गयी थी। वह आजीवन इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। उनके ब्रह्मलीन होने के बाद 1969 से राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज इस केंद्रीय संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए। वह भी आजीवम इस महासभा के मुखिया रहे। अवेद्यनाथ जी महाराज के समाधिस्थ होने के उपरांत महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने 25 सितंबर 2014 को गोरक्षपीठाधीश्वर महंत योगी आदित्यनाथ को इस केंद्रीय संगठन का निर्विरोध अध्यक्ष चुन लिया। विभिन्न पंथों के मुखिया या उनके प्रतिनिधि योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में मंदिर, मठों या पूजा स्थलों का संचालन करते हैं।
गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रवर्तित नाथ पंथ प्रमुख रूप से 12 उपपंथों में विभाजित है। ये सभी उपपंथ साधना-प्रणाली एवं दार्शनिक मत दोनों में साम्य रखते हैं। इन उप पंथों के नाम सतनाथी, रामनाथी, धर्मनाथी, लक्ष्मननाथी, दरियानाथी, गंगानाथी, बैरागीपंथी, रावलपंथी या नागनाथी, जालन्धरनाथी, आई पंथी या ओपन्थी, कापलती या कपिल पंथी और धज्जा नाथी या महावीर पंथी हैं। ये विभिन्न उप पंथ देश के विभिन्न भागों में अपना प्रमुख केंद्र रखते हुए देशव्यापी संगठन से संबद्ध हैं। अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा केंद्रीय संगठन की तरह कार्य करती है। इसका मुख्य कार्यालय हरिद्वार में है।
योगी ने की नौ देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा
मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के कर कमलों से विधि विधान पूर्वक नौ नवीन मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न होने के साथ गोरक्षपीठ का देवलोक और समृद्ध हो गया। प्राण प्रतिष्ठा का यह अनुष्ठान श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ की पूर्णाहुति के संगम पर पूर्ण हुआ। गोरखनाथ मंदिर में बने नौ नए मंदिरों में देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा के लिए धार्मिक अनुष्ठान दो चरणों में 8 मई को ही प्रारंभ हो गए थे। प्रथम चरण में श्रीशिव महापुराण की कथा हुई तो दूसरे चरण में 15 मई से श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ व श्रीमद्भागवत महापुराण कथाज्ञानयज्ञ का आयोजन हुआ। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पूर्ण करने के लिए मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को ही गोरखनाथ मंदिर आ गए थे। तब से वह लगातार सभी अनुष्ठानिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हुए। रविवार को उन्होंने श्रीलक्ष्मी नारायण महायज्ञ की पूर्णाहुति कर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच देव विग्रहों का पूजन करते हुए प्राण प्रतिष्ठा की। विविध वाद्य यंत्रों और बैंड बाजे पर भक्तिमय धुन के बीच गोरक्षपीठाधीश्वर द्वारा देवी देवताओं की प्रतिमाओं का पट अनावरण होने के साथ ही समूचा मंदिर परिसर भक्तिमय जयकारों से गूंज उठा।
शिल्पकारों व आर्किटेक्ट को सीएम ने किया सम्मानित
सीएम योगी ने इस अवसर पर नवीन मंदिरों के निर्माण में योगदान देने वाले आर्किटेक्ट अनुपम अग्रवाल व संगमरमर से बने देव विग्रहों का मूर्त रूप देने वाले शिल्पकार पिता-पुत्र, जयपुर के मुकेश कुमार जैमिनी व शिवम कुमार जैमिनी को कथा मंच पर सम्मानित किया।
इस अवसर पर बाबा मस्तनाथ पीठ अस्थल बोहर रोहतक के महंत एवं अलवर के सांसद योगी बालकनाथ, अयोध्या से आए जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य, सुग्रीव किलाधीश अयोध्या के स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, अशर्फी भवन अयोध्या के जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य, अमृतनाथ मठ फतेहपुर शेखावटी के महंत नरहरिनाथ, नैमिषारण्य से आए स्वामी विद्या चैतन्य, गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास समेत बड़ी संख्या में साधु संत, यजमानगण व श्रद्धालु उपस्थित रहे।