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GIDA Trade Show में खरीदारी तो हुई, पर बदइंतजामी पर बाहर से आए कारोबारियों में गुस्सा
GIDA Trade Show: गीडा अधिकारियों के दावे के उलट फूड कोर्ट की स्थिति बेहद खराब रही। ज्यादातर स्टाल खाली ही दिखे। एक दुकानदार ने बताया कि, 'सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। गांव के लोगों ने फ्री का स्टाल समझ कर काफी सामान छीन लिया।
Gorakhpur News: गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) के स्थापना दिवस को लेकर लगे चार दिवसीय ट्रेड फेयर में लोग खरीदारी तो कर रहे हैं, लेकिन गीडा प्रशासन की बदइंतजामी को लेकर लोगों में गुस्सा भी है। लोगों का कहना है कि एक स्टॉल के लिए 40 हजार रुपये लिए गए हैं, लेकिन सुविधा और सुरक्षा के नाम पर कुछ नहीं है। मेरठ से आए एक कारोबारी ने बताया कि 2 हजार रुपये का सामान भी नहीं बिका। स्टॉल और कर्मचारियों पर एक लाख खर्च हो गए।
250 से अधिक स्टॉल पर जमकर खरीदारी
गीडा में बने उत्पादों के साथ ही प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए कारोबारियों के 250 से अधिक स्टॉल पर खूब खरीदारी हुई। नोएडा में फोम के उत्पाद बनाने वाले उद्यमी वीरसेन सिंह की गीडा स्थित यूनिट में बने मेडिकल गद्दे, दोहर, रजाई, तकिया से लेकर चादर की खूब बिक्री हो रही है। उद्यमी ने बताया कि, 'अस्पताल से लेकर होटलों के लिए विशेष तौर पर तैयार कमर्शियल गद्दों के अच्छे ऑर्डर मिले हैं। वहीं रेडीमेड गारमेंट बनाने वाले अखिलेश दूबे को 1000 शर्ट का ऑर्डर दिया है। फिरोजाबाद में बने शीशे के झूमर और लाइटिंग को लोग काफी पसंद कर रहे हैं। सहजनवां वहीं मिट्टी से बने टेराकोटा के ज्वैलरी की भी महिलाओं ने खरीदारी की। गीडा सीईओ अनुज मलिक खुद मातहतों के साथ खरीदारी करती हुई दिखीं। उन्होंने बनारसी साड़ी खरीदी।
फूड चार्ट हो गए खाली, खौफ में भागे दुकानदार
गीडा के फूड कोर्ट में अमेरिकन कॉर्न से लेकर राजस्थानी चाट के स्टाल पर लोगों की भीड़ दिखी। गीडा अधिकारियों के दावे के उलट फूड कोर्ट की स्थिति बेहद खराब रही। ज्यादातर स्टाल खाली ही दिखे। एक दुकानदार ने बताया कि, 'सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं है। गांव के लोगों ने फ्री का स्टाल समझ कर काफी सामान छीन लिया। पूरी तरह अराजकता की स्थिति है।'
बायर-सेलर मीट का आयोजन
राष्ट्रीय उद्योग निगम लिमिटेड के तत्वावधान में वेंडर डेवलपमेंट प्रोग्राम के तहत बायर-सेलर मीट (Buyer-Seller Meet) का आयोजन किया गया। जिसमें पूर्वोत्तर रेलवे से लेकर खाद कारखाना के अधिकारियों ने उद्यमियों से संस्था की जरूरतों को लेकर चर्चा की। अधिकारियों ने कहा कि, 'गीडा पूर्वोत्तर रेलवे से लेकर खाद कारखाना की जरूरतों को पूरा करने का अहम केंद्र बन सकता है।'