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Gorakhpur News: कैंसर ही नहीं दिल की नसें भी सुखा रहा गुल मंजन और तंबाकू, हार्ट अटैक के मामले भी बढ़े

Gorakhpur News: पूर्वांचल सहित बिहार और नेपाल के तराई के मरीजों की नसें इतनी कमजोर हो रही है कि मरीजों को पेस मेकर लगाने के साथ एंजियोप्लास्टी तक करनी पड़ रही है।

Purnima Srivastava
Published on: 21 Dec 2024 8:22 AM IST
Gorakhpur News: कैंसर ही नहीं दिल की नसें भी सुखा रहा गुल मंजन और तंबाकू, हार्ट अटैक के मामले भी बढ़े
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कैंसर ही नहीं दिल की नसें भी सुखा रहा गुल मंजन और तंबाकू   (photo: social media )

Gorakhpur News: तंबाकू, गुटखा से लेकर गुलमंजन सिर्फ मुंह का कैंसर ही नहीं दिल की नसों को भी सुखा रहा है। गोरखपुर एम्स से लेकर मेडिकल कॉलेज में पूर्वांचल, सीमावर्ती बिहार से लेकर नेपाल से हजारों की संख्या में पहुंच रहे मरीजों के इलाज में यह तथ्य सामने आया है। कुल मिलाकर निष्कर्ष यह है कि पूर्वांचल में हृदय रोग का सबसे बड़ा कारण तंबाकू और गुल मंजन बना हुआ है। जो हृदय के आकार में असामान्य वृद्धि कर रहा है। वहीं मांसपेशियों के दीवारों में मोटाई दिख रही है।

पूर्वांचल सहित बिहार और नेपाल के तराई के मरीजों की नसें इतनी कमजोर हो रही है कि मरीजों को पेस मेकर लगाने के साथ एंजियोप्लास्टी तक करनी पड़ रही है। एम्स के हृदय रोग विशेषज्ञों की जांच में यह बात सामने आई है। एम्स ने इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है कि इन दोनों के इस्तेमाल से हर हाल में बचें। एम्स के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में 35 से 40 फीसदी मरीज गुल मंजन और तंबाकू के सेवन करने वाले आ रहे हैं। इनके हृदय की नसें सामान्य हृदय रोग के मरीजों की तुलना में 45 से 50 फीसदी कमजोर हैं। इस पर विशेषज्ञों ने चिंता जाहिर की है।

हार्टअटैक का बड़ा कारण है तंबाकू

एम्स के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आतिफ ने बताया कि पूर्वांचल में हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारण तंबाकू का सेवन है। गुल को लोग मंजन के रूप में इस्तेमाल करते हैं, जबकि यह भी पिसा हुआ एक तरह का खतरनाक तंबाकू है। इसके सेवन से हृदय की कोरोनरी कोशिकाएं काफी ज्यादा प्रभावित हो रही है। कोशिकाओं में रक्त की आपूर्ति कम हो रही है, जो कोशिकाओं को (डाइलेटेड) फैला और सिकुड़ा रही है। इसके अलावा चार से पांच फीसदी लोगों में हार्ट अटैक का कारण सिगरेट और शराब है।

डॉ. आतिफ ने बताया कि जांच में पता चला कि गुल मंजन से ऐसे मरीजों के हृदय के आकार में असामान्य वृद्धि, मांसपेशियों के दीवारों की मोटाई, बड़े पैमाने पर मांसपेशियों का बढ़ना और सिकुड़ना मिला है। इसके कारण हृदय के पंप करने की शक्ति कम हो गई। इसे डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी कहते हैं। इसके मरीज लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इनमें 20 से 25 फीसदी मरीजों को पेस मेकर और पांच से आठ फीसदी मरीजों की एंजियोप्लास्टी करने वाली स्थिति आ गई थी। डॉ. आतिफ ने बताया कि आजकल युवाओं में सबसे अधिक हार्ट अटैक के मामले आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में अगर युवा जिम जा रहे हैं तो उससे पहले ईसीजी, इको, टीएमटी के साथ लिपोप्रोटीन ए, एचएस-सीआरपी, क्रोनिक कैल्शियम जैसी जांच हर हाल में कराएं। इसके बाद ही जिम जाएं।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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