Gorakhpur News: गोरखपुर मेडिकल में एमआरआई कराने की वेटिंग 100 दिन की, प्राचार्य बोल रहे-हम क्या करें?

Gorakhpur News: छह साल बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं के नाम पर क्या सुधार हुआ, इसकी बानगी एमआरआई जांच की वेटिंग को देखकर लगाया जा सकता है।

Purnima Srivastava
Published on: 20 Dec 2023 2:21 AM GMT
MRI in Gorakhpur Medical
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MRI in Gorakhpur Medical  (photo: social media )

Gorakhpur News: गोरखपुर का बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज 2017 में ऑक्सीजन कांड के चलते सुर्खियों में था। तब 60 से अधिक बच्चे ऑक्सीजन की कमी से मर गए थे। एक वर्ग में नायक और दूसरे में खलनायक डॉ.कफील इसी कांड की उपज है। तब मेडिकल कॉलेज में सुधार को लेकर तमाम बातें हुईं थीं। छह साल बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं के नाम पर क्या सुधार हुआ, इसकी बानगी एमआरआई जांच की वेटिंग को देखकर लगाया जा सकता है। मेडिकल कॉलेज में एमआरआई के लिए अप्रैल महीने की वेटिंग मिल रही है। यानी चिकित्सक ने पर्चा पर आज एमआरआई टेस्ट लिखा तो इसे कराने का मौका 100 दिन बाद ही मिलेगा।

गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया से लेकर कुशीनगर के मरीजों के लिए सरकारी व्यवस्था में एमआरआई की सुविधा सिर्फ गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज में है। पीपीगंज के रामेन्द्र के पैर में दिक्कत है। लीगामेंट की दिक्क्त को देखते हुए चिकित्सक ले एमआरआई का परामर्श दिया। मंगलवार को जब वह एमआरआइ कक्ष में जांच कराने पहुंचे तो उन्हें 15 अप्रैल 2024 का समय दिया गया। जब तक एमआरआइ नहीं हो जाएगी, इलाज शुरू नहीं होगा। यह दर्द सिर्फ रामेन्द्र का नहीं है। ऐसे 50 से अधिक रोगी रोज लौटाए जा रहे हैं। बाहर जांच कराने में लगभग 5500 से लेकर 10000 रुपये लगते हैं, जबकि मेडिकल कालेज में यह जांच मात्र 2500 रुपये में हो जाती है। कुशीनगर की रमावती देवी का कहना है कि अगस्त में चिकित्सक ने जांच लिखा था। दो दिन पहले जांच हुई। रिपोर्ट के लिए 10 दिन से दौड़ रहे हैं। एमआरआई ही नहीं सीटी स्कैन में सात से 10 दिन व अल्ट्रासाउंड में चार दिन की वेटिंग चल रही है। कालेज द्वारा दिए गए समय पर पहुंचने पर भी जांच हो जाएगी, इसकी गारंटी नहीं है।

जिला अस्पताल में भवन बन गया, मशीन का पता नहीं

गोरखपुर जिला अस्पताल में एमआरआई जांच की सुविधा के दावे के साथ भवन पांच साल पहले ही बन गया था। लेकिन इस भवन को अभी भी एमआरआई मशीन का इंतजार है। सवा करोड़ की लागत से तैयार भवन की ईंटें भी अब उखड़ने लगी हैं। दरअसल, भवन बनाने के बाद शासन की तरफ से मशीन की उपलब्धता कराने से इनकार कर दिया गया।

रोज होती हैं 18 से 20 जांचें

रोगियों व उनके स्वजन ने बताया कि एमआरआइ व अल्ट्रासाउंड जांच सायं चार बजे बंद कर दी जाती है। बीआरडी मेडिकल कालेज के रेडियोलाजी विभागाध्यक्ष का कहना है कि एमआरआइ जांच के लिए मात्र एक मशीन है। एक दिन में 18 से 20 जांचें ही हो पाती हैं। इसलिए लंबी वेटिंग चल रही है।

दावा जल्द लगेगी एक और मशीन

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जल्दी ही एमआरआई और सीटी स्कैन की एक-एक मशीन और लगाई जाएगी। अभी एक-एक मशीन होने के चलते मरीजों को जांच में दिक्कत आती है। प्राचार्य डॉ. गणेश कुमार ने बताया कि बाल रोग संस्थान में रेडियोलॉजी स्थापित होगी। इसके लिए मशीनों की मंजूरी मिली है। नई मशीनें लग जाने पर रेडियोलॉजी विभाग में मरीजों का दबाव कम होगा। यहां सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड की भी सुविधा होगी। फिलहाल की व्यवस्था पर कुछ नहीं कर सकते हैं। मरीज शिकायत करें। संज्ञान शासन को लेना है।

Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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