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Gorakhpur News: थोक में खाद्य तेलों की दाम में नरमी, फुटकर में काट रहे ग्राहकों की जेब
Gorakhpur News: खाद्य तेल अब कोरोना काल से पूर्व की कीमतों के करीब पहुंच गई हैं। खाद्य तेलों की कीमतों में कमी से शादी वाले घरों के साथ ही आम लोगों को राहत मिली है। खाद्य तेलों के थोक और फुटकर कीमतों में 20 से 25 रुपये का अंतर है।
Gorakhpur News: महंगाई से भले ही किचन का बजट बिगाड़ रही हो लेकिन डिमांड नहीं होने से खाद्य तेलों की कीमतें लगातार गिर रही हैं। खाद्य तेल अब कोरोना काल से पूर्व की कीमतों के करीब पहुंच गई हैं। खाद्य तेलों की कीमतों में कमी से शादी वाले घरों के साथ ही आम लोगों को राहत मिली है। खाद्य तेलों के थोक और फुटकर कीमतों में 20 से 25 रुपये का अंतर है। कोरोना काल के बाद सरसों की तेल की कीमतें 190 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई थीं। इसके साथ ही रिफाइंड भी 170 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गया था। लेकिन पिछले एक महीने से खाद्य तेलों में गिरावट दिख रही है।
यहां बिक रहा इतने सौ रूपए लीटर सरसों का तेल
सरसों की अच्छी पैदावार के साथ बाजार में डिमांड कम होने से कीमतें कम होने की मुख्य वजह बताई जा रही है। 9 जून को महेवा से लेकर साहबगंज मंडी में पॉम आयल 90 रुपये लीटर बिका। वहीं 15 किलोग्राम का टिन 1575 रुपये में बिका। इसी तरह सोयाबीन रिफाइंड तेल थोक में 108 रुपये प्रति लीटर बिका। वहीं 15 लीटर का एक टिन सोया रिफाइंड 1555 रुपये बिका। सरसों तेल के प्रमुख ब्रांड की कीमत 127 रुपये लीटर है। वहीं दूसरे बड़े ब्रांड का सरसो तेल 117 रुपये बिका।
कोल्हू मशीनों पर सरसों तेल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। मशीनों पर सरसों तेल 200 से लेकर 225 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। बक्शीपुर में तेल की फैक्ट्री लगाने वाले रमेश गुप्ता का कहना है कि ‘सरसों की कीमतों के आधार पर ही तेल की कीमतें तय होती हैं। 200 रुपये प्रति लीटर से कम कीमत पर बिक्री पर कोई लाभ नहीं है।’
फुटकर कारोबारियों की चांदी, काट रहे मुनाफा
इसके विपरीत फुटकर बाजार में कीमतें थोक की अपेक्षा काफी अधिक है। रिफाइंड तेल फुटकर में 130 से 135 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है। वहीं सरसों का तेल फुटकर में 140 से 145 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है। रुस्तमपुर में फुटकर व्यापारी अनिल गुप्ता का कहना है कि ‘कीमतें रोज कम हो रही है। जिस रेट में तेल लाएंगे उसी अनुपात में मुनाफा रखा जाता है। फुटकर में सामान एक ही दिन में नहीं बिकता। ऐसे में ग्राहकों को कीमतें अधिक लगती हैं।’ चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष संजय सिंघानिया का कहना है कि ‘कीमतें हर दिन कम हो रही है। जिससे थोक व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। अभी खाद्य तेलों की कीमतों में और कमी आएगी। इसकी बड़ी वजह बाजार में डिमांड का नहीं होना है।’