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Gorakhpur News: नेपाली नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल में हर किरदार का जोरदार अभियन, खूब बजीं तालियां
Goarkhpur News: नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल की मुख्य पात्र जून ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। मां के निधन के बाद जून अपनी दो बहनों के अलावा सौतेली मां के साथ रहती है।
Gorakhpur News ( Pic- Social- Media)
Gorakhpur News: राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली की ओर से बाबा योगी गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में महानिदेशालय,पर्यटन एवं संस्कृति, उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ के सहयोग से चल रहे पांच दिवसीय भारत रंग महोत्सव भारंगम में गुरुवार को एस्थेटिक डांस स्टूडियो, काठमांडू नेपाल द्वारा नेपाली भाषा में समयोग गुरागैन का लिखा एवं नम्रता के. सी. के निर्देशन में नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल का मंचन यह बता गया कि रंगमंच की शक्ति बहुत बड़ी है और गुरुवार की शाम उस शक्ति का एक आदर्श उदाहरण नाटक के जरिये पेश किया गया। नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल में हर परफॉरमेंस मंत्रमुग्ध करने वाली थी और हर किरदार को बेहद खूबसूरती से जीवंत किया गया।
नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल की मुख्य पात्र जून ने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था। मां के निधन के बाद जून अपनी दो बहनों के अलावा सौतेली मां के साथ रहती है। व्यक्तिगत इच्छाएं और आकांक्षाएं परिवार पर पूरी तरह हावी है जिससे मां के बाद एक परिवार की कल्पना कठिन है। असहमति, उत्पीड़न को झेलते हुए अलगाव की शिकार जून एक नई राह पर चल देती है और अपनी बुध्दि और कौशल के बलबूते अपने रस्ते को आसान बना लेती है। जून परियों की कहानियों की महिला पात्रों को फिर से परिभाषित करने का प्रयास करती है जिन्हें आदिम काल से राक्षसी, पीड़ित और हासिये पर रखा गया है। नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल में महिलाओं पर समाज में हुए अत्याचार और शोषण के खिलाफ जम कर आवाज़ उठाई गई है। नाटक जून:मोर देन अ फैरी टेल में विस्तृत सेट डिज़ाइन, लाइटिंग, संगीत और निश्चित रूप से, निर्देशन - इन सभी तत्वों ने नाटक की स्क्रिप्ट में जान फूंक दिया और दर्शको की वाहवाही बटोरने में सफल रहे। स्क्रिप्ट का शानदार निष्पादन, उल्लेखनीय प्रदर्शन और मनोरंजक कहानी इस बात का प्रमाण है कि नाटक के कलाकारों और क्रू ने प्रोडक्शन में कितनी मेहनत की है।
विभिन्न भूमिकाओं में मृणाल श्रेष्ठ, प्राणेश श्रेष्ठ, मनीषा बस्नेत, मेलीशा घिमिरे, निकोल श्रेया, तमांग, गणेश श्रेष्ठ, अनु गौतम, कुंती सीमाली, रिज़वान थापा, अनीश पुद्सेनी, ज्ञानू लामा,अनामी बोहोरा, प्रियंका चामलगैन, दिलाशा गुरुंग, शर्मिष्ठा दास, सुजाता दास, सृष्टि दास, दृष्टि दहल ने उल्लेखनीय रोल अदा किया। मंच से परे दृश्य बंध अभिकल्पना राजन ख़ातिवाड़ा, दृश्य बंध सहायक हम बीसी, मणि कुलुंग राय, रोशन लोहोरुंग, दृश्य अभिकल्पना सोमनाथ खनाल, प्रकाश इंगी होपो कोइँच सुनुवर, वेशभूषा संजीता पराजुली,आद्रिशा चौधरी, निश्छल श्रेष्ठ, संगीत सलीन मगर, शाश्वत श्रेष्ठ अभिकल्पना निर्देशन कोरियोग्राफी नम्रता के सी अतिरिक्त संवाद एवं गीत सोमनाथ खनाल का रहा। इससे पहले भारत रंग महोत्सव के समन्वयक श्रीनारायण पाण्डेय ने सभी गणमान्य अतिथियों एवं दर्शकों का स्वागत एवं आभार ज्ञापित करते हुए दर्शको से शुक्रवार को भी कलकारों को अपना प्यार दुलार और साथ देने की अपील की। उन्होंने कहा कि भारंगम के बहाने गोरखपुर इतिहास रच रहा है। गोरखपुर के कलाकार और यहां के फ़िज़ा की चर्चा हर किसी की जुबान पर है। बाहर से आये कलाकार गोरखपुर की भूरी भूरी प्रसंशा कर रहे है। श्री पांडेय ने कहा कि आयोजन की सफलता यहां की जनता लिख रही। हर दिन दर्शकों से अपार प्रेम मिलना एनएसडी के लिए सौभाग्य की बात है।
7 फ़रवरी को होगा नाटक गोर्धन के जूते
मीडिया समन्वयक नवीन पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली की ओर से बाबा योगी गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में महानिदेशालय,पर्यटन एवं संस्कृति, उत्तर प्रदेश सरकार तथा भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ के सहयोग से चल रहे पांच दिवसीय भारत रंग महोत्सव भारंगम में आखिरी दिन फोर्थ वाल ड्रामैटिक सोसाइटी, जयपुर राजस्थान द्वारा शुक्रवार 7 फ़रवरी को राजस्थानी भाषा में नाटक गोर्धन के जूते का मंचन किया जायेगा जिसके लेखक और निर्देशक होंगे देशराज गुर्जर।