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Gorakhpur News: DDU दीक्षांत में सनातन भेषभूषा में दिखेंगे छात्र, शिक्षक और शिक्षिकाओं के लिए भी पहली बार ड्रेस कोड

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 30 अगस्त को होने वाले 43वें दीक्षांत समारोह के लिए इस बार अलग ड्रेस कोड तय किया गया है।

Purnima Srivastava
Published on: 19 Aug 2024 7:22 AM IST
Gorakhpur News
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दीक्षांत समारोह में पीली साड़ी में दिखेंगी छात्राएं प्रतिकात्मक तस्वीर (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह 30 अगस्त को होने जा रहा है। समारोह में अतिथियों की मौजूदगी में टॉपर सनातन भेषभूषा में दिखेंगे। छात्रों जहां सफेद कुर्ता-पाजामा पहनेंगे वहीं लड़कियों का ड्रेस कोड पीली साड़ी निर्धाारित किया गया है। कुलपति का दावा है कि प्रस्तावित ड्रेस कोड का उद्देश्य दीक्षांत समारोह के दौरान एकता और परंपरा की भावना पैदा करना है। ड्रेस कोड की शुरुआत हमारी सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने और संकाय और छात्रों के बीच गर्व की भावना को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में 30 अगस्त को होने वाले 43वें दीक्षांत समारोह के लिए इस बार अलग ड्रेस कोड तय किया गया है। संकाय सदस्यों और पदक विजेताओं व डिग्री/उपाधि प्राप्तकर्ताओं पर यह लागू होगा। डीडीयू में पहली बार दीक्षांत के लिए पारंपरिक परिधान के रूप में ड्रेस कोड तय किया गया है। पदक विजेताओं व डिग्री/उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र सफेद पारंपरिक कुर्ता पाजामा में नजर आएंगे। इसी तरह छात्राएं पीली साड़ी पहनेंगी। संकाय सदस्यों में शिक्षकों के लिए ऑफ व्हाइट कुर्ता-पाजामा और शिक्षिकाओं के लिए ऑफ व्हाइट साड़ी ड्रेस कोड तय किया गया है। प्रस्तावित ड्रेस कोड की अंतिम मंजूरी कार्य परिषद देगी। दीक्षांत में शिक्षक जहां व्हाइट कुर्ता-पाजामा तो वहीं शिक्षिकाएं ऑफ व्हाइट साड़ी पहनेंगी।

पटका भी अलग-अलग होगा

पटके से छात्रों के संकाय की पहचान मंच सज्जा की संयोजक प्रो. दिव्या रानी सिंह ने बताया कि संकायवार पटका निर्धारित है। पटके से ही छात्रों के संकाय की पहचान होती है। इसके तहत विज्ञान संकाय के टॉपर्स नीले रंग का पटका ग्रहण करेंगे। कला के छात्र मैरून, विधि के छात्र केसरिया, मेडिकल छात्र सफेद, एजुकेशन के छात्र गुलाबी, कृषि संकाय के छात्र हरे रंगा के पटके में नजर आएंगे। कुलपति प्रो.पूनम टंडन का कहना है कि विश्वविद्यालय का सबसे बड़ा उत्सव दीक्षांत समारोह है। एक परिधान में सभी उत्सव मनाते दिखें, इसे लेकर हमेशा आवाज उठती रही थी। इसे देखते हुए पहली बार भारतीय पारंपरिक पहनावे का चयन ड्रेस कोड के रूप में किया गया है।



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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