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Gorakhpur: ओमेक्स समूह विकसित करेगा इंटीग्रेटेड टाउनशिप, अमीर-गरीब सभी को मिलेगा आशियाना

Gorakhpur News: गोरखपुर विकास प्राधिकरण नेओमेक्स लिमिटेड को टाउनशिप विकसित करने के लिए मंजूरी दे दी है।

Purnima Srivastava
Published on: 23 March 2024 8:40 AM IST
Omex Group develop integrated township
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Omex Group develop integrated township Gorakhpur  (photo: social media )

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में अब बड़े बिल्डर भी आकर्षित होने लगे हैं। सहारा इंडिया के बाद गोरखपुर में दूसरी सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड टाउनशिप को लेकर कवायद शुरू हो गई है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण नेओमेक्स लिमिटेड को टाउनशिप विकसित करने के लिए मंजूरी दे दी है। करीब 119 एकड़ एरिया में विकसित होने वाली टाउनशिप में कंपनी की तरफ से 2100 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।

गोरखपुर विकास प्राधिकरण ने रियल इस्टेट डेवलपर कंपनी मेसर्स ओमेक्स लिमिटेड को निजी क्षेत्र की पहली इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए लाइसेंस प्रदान किया। इस टाउनशिप को तालजहा एवं गायघाट में विकसित किया जाएगा। फर्म एक माह में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना कर प्राधिकरण को सौंप देगी। उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति, 2023 के अंतर्गत प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने 119 एकड़ भूमि पर टाउनशिप विकसित करने के लिए ओमेक्स समूह को लाइसेंस जारी किया। यह टाउनशिप नीति के तहत निजी क्षेत्र का पहला लाइसेंस है। इस इंटीग्रेटेड टाउनशिप के प्रस्तावित फोरलेन रिंग रोड के करीब होने के चलते बेहतरीन कनेक्टिविटी मिलेगी।

परियोजना में बड़ी संख्या में कुशल और अकुशल श्रमिकों के लिए रोजगार के बड़े अवसर उपलब्ध होंगे। इसके पहले जीडीए खुद खोराबार व जंगल सिकरी में 187.22 एकड़ और 207 एकड़ क्षेत्रफल में राप्तीनगर विस्तार एवं स्पोर्ट्स सिटी नाम से टाउनशिप परियोजना लांच कर चुका है। प्राधिकरण के प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह ने बताया कि इस परियोजना के अंतर्गत ओमेक्स समूह जमीन समेत टाउनशिप विकास पर 2100 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश करेगा। इस टाउनशिप में दुर्बल आय वर्ग, अल्प आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग एवं उच्च आय वर्ग के नागरिकों को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ आवास की सुविधा मिलेगी। जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने बताया कि जीडीए दो एंटीग्रेटेड टाउनशिप लांच कर चुका है, निजी क्षेत्र की यह पहली टाउनशिप है। इस टाउनशिप से न केवल लोगों को बेहतरीन आवासीय सुविधा मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।

ध्वस्त होंगी दुकानें, बनेंगे मकान

जीडीए की शास्त्री नगर में निर्मित सभी 50 दुकानें ध्वस्त होंगी। इन जर्जर पड़ी दुकानों से प्राधिकरण को कोई आय नहीं हो रही बल्कि हादसे की आशंका भी बना रहती है। हालांकि इन दुकानों में 02 आवंटित हैं, ध्वस्तीकरण के पूर्व उनके आवंटियों का समायोजन होगा। प्राधिकरण की योजना इस जमीन पर कामर्शियल एवं आवासीय कॉम्प्लेक्स बनाने की है। शास्त्रीनगर में जीडीए ने 1988 में 1500 वर्ग मीटर जमीन में 50 की संख्या में दुकानों का निर्माण किया था। प्राधिकरण उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने गत दिवस निरीक्षण के दौरान इन दुकानों की जर्जर हालत देखते हुए सभी को ध्वस्त करने के निर्देश दिया। साथ ही इस जमीपर पर कामर्शियल एवं आवासीय काम्प्लेक्स के निर्माण के निर्देश दिया। इसमें नीचे के फ्लोर पर दुकानें और ऊपर आवास बनाए जाएंगे। बीआरडी मेडिकल कालेज रोड पर डॉ. एन्क्लेव के निकट प्राधिकरण की 02 एकड़ जमीन है। इसका अधिकांश हिस्सा खाली है लेकिन कुछ पर अतिक्रमण है। प्राधिकरण इस जमीन पर ग्रुप हाउसिंग और कामर्शियल परियोजना की संभावनाएं तलाश रहा है। प्रभारी मुख्य अभियंता किशन सिंह के मुताबिक शास्त्रीनगर और मेडिकल रोड की जमीनों के लिए नगर आयुक्त के निर्देश पर प्लानिंग शुरू हो गई है। जीडीए की प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट इन दोनों ही परियोजनाओं के लिए प्रोजेक्ट तैयार करेगी।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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