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Gorakhpur News: ऐप के जरिये शेयर में रातोंरात अमीर बनना चाहते हैं, तो ये सूचना आपके काम की
Gorakhpur News: अधिक लाभ के लालच में लोग आसानी से इनके शिकार बन जा रहे हैं। लोग मार्केट में मिलते जुलते प्रतिष्ठित ऐप के चलते जालसाजों के झांसे में फंस रहे हैं।
Gorakhpur News: शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर रातोंरात अमीर बनने की चाह रखने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। ऐसे जालसाज भी मार्केट में उतर आए हैं। उत्तर प्रदेश में 12 फर्जी ऐप के जरिये निवेश का झांसा देकर 4 करोड़ से अधिक की रकम उड़ाने का मामला प्रकाश में आया है। जालसाजों ने यूनिवर्सिटी के शिक्षकों से लेकर कारोबारियों को अपना शिकार बनाया है। कई मामलों में साइबर पुलिस मुकदमा दर्ज कर जालसाजों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
जालसाजों ने चंद दिनों में मोटी कमाई के नाम पर सोशल मीडिया पर जाल बिछाया है। उनका दावा है कि उतार-चढ़ाव के हिसाब से शेयर मार्केट में निवेश कराएंगे। अधिक लाभ के लालच में लोग आसानी से इनके शिकार बन जा रहे हैं। लोग मार्केट में मिलते जुलते प्रतिष्ठित ऐप के चलते जालसाजों के झांसे में फंस रहे हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, व्यापारी, शिक्षक हर तबके के लोग इनके जाल में फंसकर रकम गंवा चुके हैं। गोरखपुर की साइबर पुलिस ने पिछले तीन महीने में 22 मामलों में पुलिस ने केस दर्ज किया है। इनमें से 16 मामले ऐसे हैं, जिनमें शेयर में रकम निवेश के नाम पर जालसाजी की गई है। मामले करोड़-दो करोड़ के भी हैं लेकिन 10 लाख से 30 लाख के बीच के ज्यादा केस हैं। एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर का कहना है कि लोगों को लालच में लेकर जालसाज ठगी का शिकार बनाते हैं। जो भी मामले सामने आ रहे हैं, पुलिस केस दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। इसके अलावा लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है।
इन फर्जी ऐप के जरिये हुई 4 करोड़ की धोखाधड़ी
जालसाजों ने बल्क कोटक एआई प्रो, कोटक सेक्योरिटीज केएसएल ऑफिशियल, जीएसगोल्डडॉटकॉम, तमिल123, टॉप्स टेक्नोलॉजी, राजलाल वासानी, धन एप, इंडियन स्टॉक, गोल्डमैन, गोल्डमैन सैच्स ट्रेडिंग, कॉसमॉस, ट्रेड जोन नाम से एप बनाकर जालसाजी की है। ये नाम एफआईआर में दर्ज हैं। पुलिस ने इन एप से सावधान रहने की सलाह दी है।
इनके साथ हुई ठगी
अगस्त में जेमिनिया गार्डन निवासी आशुतोष सिंह से दो करोड़ रुपये की ठगी हो गई। रुपये भेजने के बाद जालसाजी की जानकारी हुई और केस दर्ज कराया। सितंबर में एयरफोर्स कर्मचारी की पत्नी से 27.45 लाख रुपये की ठगी हुई। वह शेयर में दिलचस्पी रखती थीं और झांसे में आकर रकम गंवा दी। वहीं अक्तूबर में गोरखनाथ इलाके के मनीष झुनझुनवाला के साथ भी 84 लाख रुपये की ठगी हो गई। कई खातों में इन्होंने रुपये भेजे थे। हीरापुरी कॉलोनी में रहने वाले बृजेश कुमार ने साइबर थाना पुलिस को बताया कि वह गोरखपुर यूनिवर्सिटी में सहायक आचार्य हैं। फेसबुक पर एक लिंग सात जुलाई को आया और फिर उसने एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया। ग्रुप का नाम वीवीएल था। फिर शेयर बाजार ट्रेडिंग का ऑफर दिया गया। कुछ समय तक तो इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन बाद में फंस गया और कई बार में 9 लाख 67 हजार लगा दिए। रकम डूबने लगी तो 1.60 लाख ही निकाल पाए और बाकी डूब गई। मोहद्दीपुर में रहने वाली डॉ. सौम्या पत्नी डॉ. राहुल सिंह से भी 2.21 लाख की जालसाजी हुई है। गुगल डाटा टास्क ग्रुप के नाम पर जालसाजी हुई है। ग्रुप में टॉस्क पूरा करने पर रुपये का वादा किया गया था। अब रुपये गंवाने के बाद डॉक्टर ने कैंट थाने में केस दर्ज कराया है।
ऐसे खाली हो रहा बैंक खाता
लिंक पर जाने के बाद ऐप डाउनलोड कराया जाता है। फिर इस ऐप पर कुछ छोटी-छोटी कंपनियों के शेयर को खरीदने का सुझाव दिया जाता है और शुरुआत में मुनाफा भी दिखाया जाता है। फिर विश्वास होने पर बड़ी रकम लगाने को कहा जाता है और झांसे में आने वाले पैसा लगा देते हैं। बड़ी रकम का मुनाफा दिखा जालसाजी की कोशिश की जाती है। मसलन, अगर किसी ने दस लाख लगाया है तो उसे 11.70 लाख का लालच दिया जाता है। इसके बाद जीएसटी के नाम पर ओटीपी भेज खाता खाली कर देते हैं।