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Gorakhpur: थानों में असलहों को जमा कर वापस नहीं ले रहे, पुलिस ने पूछा तो बोले-छड़ी थामें या बंदूक?
Gorakhpur News: गोरखपुर के एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने थानों में पांच साल से जमा असलहों की कुंडली खंगालकर उनके लाइसेंस निरस्त कराने के साथ ही उनको जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
Gorakhpur News: हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा असलहों को लेकर की गई सख्ती और बदली व्यवस्था से लाइसेंसी असलहों को लेकर क्रेज कम हुआ है। इसका अंदाजा गोरखपुर-बस्ती मंडल के विभिन्न थानों में जमा करीब 65 हजार असलहों की स्थिति देख होता है। लोगों ने विभिन्न चुनावों में असलहों को थानों में जमा कर दिया लेकिन लेने नहीं आ रहे हैं। पुलिस ने कुछ से संपर्क किया तो जवाब मिला, साहेब अब उम्र बहुत हो गई। छड़ी थामें या बंदूक।
गोरखपुर के एसएसपी डॉ.गौरव ग्रोवर ने थानों में पांच साल से जमा असलहों की कुंडली खंगालकर उनके लाइसेंस निरस्त कराने के साथ ही उनको जब्त करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। गोरखपुर जिले में कुल 390 असलहे ऐसे मिले हैं, जो बीते पांच साल से थानों में जमा हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान जब लाइसेंसी असलहों को जमा कराने की प्रक्रिया शुरू हुई तो मालूम हुआ कि तमाम ऐसे लोग हैं, जिनके असलहे थानों या दुकानों पर पहले से जमा हैं। सालों पहले जमा कराने के बाद लोग इन असलहों को घर नहीं ले गए। एसएसपी ने जब समीक्षा की तो पता लगा कि जिले भर के थानों में कुल 390 असलहे जमा हैं। जिनके मालिक उनको भूल चुके हैं। इनमें बड़हलगंज में 46 और गोला 95 असलहे हैं। पुलिस के अनुसार, थाने के मालखाने में जमा बंदूक, रायफल और पिस्टल इत्यादि की देखभाल में मुश्किल आती हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर पुलिस को परेशान होना पड़ता है। दिलचस्प यह है कि गोरखपुर में ज्यादेतर असलहे गोला और बड़हलगंज थाने में है। बता दें कि यह इलाका पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी और पूर्व मंत्री मार्कण्डेय जैसे बाहुबली नेताओं का रहा है।
विदेशों में रहते हैं, अब नहीं चाहिए बंदूक
13 असलहों की डीएम को भेजी गई रिपोर्ट पहले चरण की कार्रवाई के लिए कुल 13 असलहों का लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट गुरुवार को भेजी गई है। इनमें गोला थाना के 10 और तिवारीपुर के तीन लाइसेंस हैं। इसके बाद अन्य थानों की सूची भी डीएम को भेजी जाएगी। पुलिस का कहना है कि कुछ लोग विदेश में रहते हैं। तो कुछ लोगों ने वरासत सहित अन्य समस्याओं की वजह असलहों को थाने पर लावारिस हाल छोड़ दिया है। एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर का कहना है कि पांच साल से थानों में जमा असलहों की सूची तैयार की गई है। इनमें तात्कालिक रूप से 13 लाइसेंस के निरस्तीकरण के लिए डीएम को रिपोर्ट भेजी गई है। इसमें गोला के 10 और तिवारीपुर के तीन लाइसेंस शामिल हैं। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।
गोरखपुर और देवरिया में सबसे अधिक लाइसेंसी बंदूकें
गोरखपुर में 22,979, देवरिया में 13,402 और कुशीनगर में 5368 लाइसेंसी असलहे हैं। इसी तरह महाराजगंज में 3472, बस्ती में 7485, संतकबीर नगर में 4201 और सिद्धार्थनगर में 4388 लाइसेंसी असलहे हैं।