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Goarkhpur News: रंगमंच केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण, विश्व रंगमंच दिवस पर हुआ आयोजन

Goarkhpur News: गोरखपुर के शाही मार्केट स्थित अभियान रूम थिएटर में संपन्न आयोजन में साहित्य, रंगमंच और कला जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अद्या प्रसाद द्विवेदी ने अपने संबोधन में गोरखपुर के रंगमंच के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की

Purnima Srivastava
Published on: 27 March 2025 9:25 PM IST
Gorakhpuur News
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Gorakhpur News: विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर अभियान थिएटर ग्रुप द्वारा एक भव्य विचार गोष्ठी, काव्य पाठ और सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। गोरखपुर के शाही मार्केट स्थित अभियान रूम थिएटर में संपन्न आयोजन में साहित्य, रंगमंच और कला जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां उपस्थित रहीं।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ. अद्या प्रसाद द्विवेदी ने अपने संबोधन में गोरखपुर के रंगमंच के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में रंगमंच की पुनः संरचना और विकास की एक समय में पहचान गिरीश रस्तोगी के नाम से जुड़ी थी, लेकिन वर्तमान समय में यह कार्य अभियान थिएटर ग्रुप के श्री नारायण पांडे जी बखूबी कर रहे हैं।

उन्होंने रंगमंच को एक सशक्त माध्यम बताते हुए कहा कि यह समाज में संवेदनशीलता, जागरूकता और सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कलाकार समाज का सबसे श्रेष्ठ नागरिक होता है, क्योंकि वह समाज के सभी वर्गों की भावनाओं को अपनी कला के माध्यम से व्यक्त करता है। उन्होंने भरत मुनि के नाट्य शास्त्र का उल्लेख करते हुए कहा कि रंगमंच केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज का दर्पण है।

प्रो. कुलदीपक शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नाटक और रंगमंच का निर्माण ही इसलिए किया गया था ताकि मनुष्य अपने तनाव और सामाजिक रूढ़ियों से मुक्ति पा सके। उन्होंने कहा कि नाट्यशास्त्र में वर्णित आंगिक, वाचिक, आहार्य और सात्त्विक अभिनय की अवधारणा को विश्व के हर कलाकार अपने तरीके से अपनाता है। उन्होंने यह भी कहा कि मंचन केवल लेखन से कहीं आगे बढ़कर एक समग्र कला है, जिसमें अभिनय, निर्देशन, संगीत, नृत्य और तकनीकी पहलू भी सम्मिलित होते हैं। उन्होंने यह भी कहा, कोई भी कला ऐसी नहीं है जो रंगमंच में संभव न हो। यह एक ऐसा माध्यम है जो हर जाति, धर्म और वर्ग को एक साथ जोड़ता है और मानवीय संवेदनाओं को सशक्त तरीके से प्रस्तुत करता है।

रंगमंच केवल अभिनय का मंच नहीं बल्कि संवाद की एक संगठित विधा

कवि देवेंद्र आर्य ने रंगमंच के सामाजिक योगदान पर चर्चा की और कहा कि गोरखपुर में रंगमंच की जो स्थिति शिथिल हो रही थी, उसे अभियान थिएटर ग्रुप के श्री नारायण पांडे ने पुनः जागृत किया है। उन्होंने कहा कि रंगमंच केवल अभिनय का मंच नहीं बल्कि संवाद की एक संगठित विधा है, जो समाज को दिशा देने में सहायक होती है। कवि देवेंद्र अपनी रचि कविता के माध्यम से अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त की, चाय पर उन्होंने एक बेहद ही बेहतरीन कविता 'चाय सिर्फ चाय नहीं होती' का पाठ किया।

थिएटर कलाकारों और वॉलंटियर्स का सम्मान

इस अवसर पर गोरखपुर में आयोजित पांच दिवसीय भारंगम (भारत रंग महोत्सव) जो की राष्ट्र नाट्य विद्यालय प्रत्येक वर्ष कई शहरों में करती है। इसमें योगदान देने वाले अभियान थिएटर ग्रुप के वॉलंटियर्स को सम्मानित किया गया। सम्मानित किए गए कलाकारों और वॉलंटियर्स में सुमितेंद्र कुमार, कृष्णा राज, विशाल गुप्ता, आदर्श मिश्रा और सृष्टि जायसवाल प्रमुख थे। सोशल मीडिया और मीडिया सहयोगी के रूप में गोरखपुर में थिएटर को बढ़ावा देने वाले नसीम अकरम (इंक्रेडिबल गोरखपुर), सचिंद्र चौधरी (गोरखपुर वाले हैं) को सम्मानित किया गया। रंगमंच के इस कार्यक्रम में कला के अन्य रूपों को भी प्रोत्साहित किया गया। पेंटिंग और रंगोली प्रतियोगिता में विशेष योगदान देने वाले कलाकारों को सम्मानित किया गया। इन कलाकारों में शिवम गुप्ता, प्राची पाठक, पलक रावत, निशू यादव, आकाश यादव, सनी निषाद, उमा भारती, शालू सिंह और रामपाल सिंह शामिल थे।

सात दिवसीय एक्टिंग वर्कशॉप और सर्टिफिकेट वितरण

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण 18 मार्च से 24 मार्च तक सात दिवसीय एक्टिंग वर्कशॉप रही, जिसमें थिएटर और फिल्म के अनुभवी निर्देशक श्री एम. के. रैना ने प्रशिक्षण दिया। इस वर्कशॉप में शहर के कई युवा कलाकारों ने भाग लिया और थिएटर की बारीकियों को सीखा। कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों का सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। इन कलाकारों में प्रिंस राय, कृष्णा राज, जय गुप्ता, सृष्टि जायसवाल, आदित्य कनक, रवि, रितिका, अभिषेक, आदर्श, श्रेया, मनीष, वैदेही, राहुल, अनूप प्रजापति, राहुल सिंह कुशवाहा, श्रेया आशीर्वाद श्रीवास्तव, विशाल गुप्ता और सुमितेंद्र कुमार शामिल है।

रंगमंच के भविष्य की ओर एक नया कदम

अभियान थिएटर ग्रुप का यह आयोजन न केवल गोरखपुर में रंगमंच को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह स्थानीय कलाकारों और थिएटर प्रेमियों के लिए भी एक प्रेरणा है। इस आयोजन ने साबित कर दिया कि गोरखपुर में रंगमंच की जड़ें गहरी हैं और यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं तो यह शहर भी रंगमंच के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना सकता है।रंगमंच केवल मंच पर होने वाले नाटकों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में बदलाव लाने वाला एक सशक्त माध्यम भी है। इस प्रकार के आयोजन न केवल रंगमंच को जीवंत बनाए रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी थिएटर की ओर आकर्षित करते हैं।विश्व रंगमंच दिवस पर आयोजित यह कार्यक्रम कला, साहित्य और रंगमंच के संगम का एक बेहतरीन उदाहरण था। इसमें न केवल थिएटर के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, बल्कि कलाकारों को सम्मानित कर उन्हें और अधिक प्रेरित किया गया। अभियान थिएटर ग्रुप द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित रूप से गोरखपुर में रंगमंच की संस्कृति को पुनर्जीवित करने और युवा पीढ़ी को थिएटर के प्रति आकर्षित करने में सफल होगा। गर्विता राय ने इस कार्यक्रम का मंच संचालन किया।

Ramkrishna Vajpei

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