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Gorakhpur: फतेह बहादुर हत्या की सुपारी के आरोप को पुलिस ने नकारा, अब एसटीएफ बढ़ाएगी जांच

Gorakhpur News: कैंपियरगंज से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह को जान से मारने की साजिश प्रकरण की जांच पूरी कर पुलिस ने मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है।

Purnima Srivastava
Published on: 12 Aug 2024 7:57 AM IST
BJP MLA Fateh Bahadur Singh
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भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह   (फोटो: सोशल मीडिया )

Gorakhpur News: खुद की हत्या के लिए पांच करोड़ की सुपारी का दावा कर यूपी की सियासत को गर्म करने वाले कैम्पियरगंज से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह के आरोपों को गोरखपुर पुलिस ने खारिज कर दिया है। पुलिस की जांच में साजिश के सुराग नहीं मिले है। सीएम योगी आदित्यनाथ के हस्तक्षेप के बाद अब पूरे मामले की जांच को एसटीएफ आगे बढ़ाएगी।

भाजपा विधायक की हत्या की सुपारी के लिए पांच करोड़ रुपए जुटाने के मामले में एसएसपी ने क्राइम ब्रांच के अलावा एसटीएफ से भी अपने स्तर से जांच का आग्रह किया था। पुलिस को जब इस मामले में अभी तक कोई प्रगति नहीं मिली तो पूरी जांच अब एसटीएफ को सौंप दी गई है। उधर, कैंपियरगंज से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री फतेह बहादुर सिंह को जान से मारने की साजिश प्रकरण की जांच पूरी कर पुलिस ने मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इसमें हिस्ट्रीशीट समेत दो लोगों से पूछताछ की जिक्र है, जिसके हवाले से पुलिस ने साजिश के साक्ष्य न होने की बात कहते हुए एसटीएफ से जांच कराने का आग्रह किया है।

पीपीगंज के हिस्ट्रीशीटर पर लगाया था आरोप

बीते 18 जुलाई को भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने प्रेसवार्ता कर साजिश की बात कही थी। आरोप लगाया था कि पीपीगंज थाने के हिस्ट्रीशीटर ने पांच करोड़ में उनकी हत्या कराने की सुपारी दी है। एक करोड़ रुपये चंदा जुटाकर एकत्र किया गया है। आरोप लगाए थे कि साजिशकर्ताओं के बारे में पुलिस को बताने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए मुझे मीडिया में आना पड़ा। विधायक के आरोप लगाने से पुलिस व प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया। हरकत में आई क्राइम ब्रांच की टीम ने हिस्ट्रीशीटर समेत कई लोगों से पूछताछ की। जिनके ऊपर संदेह था, उनका नंबर सर्विलांस पर लगाया गया, लेकिन हत्या का ठेका लेने व चंदा जुटाने का कोई साक्ष्य नहीं मिला।

पहले करीबी था रंजन चौधरी, सियासी अदावत में बन गई दूरी

जांच आख्या में बताया गया है कि भाजपा की जिला पंचायत सदस्य सरोज देवी का बेटा व पीपीगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर राजीव रंजन चौधरी पहले विधायक का करीबी था, लेकिन नगर पंचायत चुनाव के बाद से अलग हो गया। वर्तमान में विधायक से उसका मनमुटाव चलता है। आशंका है कि इसी वजह से संदेह हुआ होगा।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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