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Gorakhpur News: पोर्टल हैक या फिर कर्मचारियों को किया सेट? DDU के कालेजों ने बंद पोर्टल पर जमा करा दिया EXAM फीस
Gorakhpur News: कुशीनगर के एक कॉलेज के करीब 530 से अधिक विद्यार्थियों का शुल्क बिना लेट फीस के जमा किया गया है। देवरिया के एक कॉलेज के करीब डेढ़ दर्जन और दूसरे कॉलेज के करीब एक दर्जन छात्रों का शुल्क बिना लेटफीस जमा हुआ है।
Gorakhpur News: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में प्रश्न पत्र, समय-सारिणी से लेकर फीस जमा करने को लेकर व्यवस्था राम भरोसे ही है। डीडीयू प्रशासन की लापरवाही से बंद पोर्टल पर विभिन्न कालेजों के 550 छात्रों की बिन लेट पेमेंट के ही EXAM फीस जमा हो गई। अब मामला खुला तो अधिकारी जांच की बात कर लीपापोती कर रहे हैं।
डीडीयू में परीक्षा शुल्क पोर्टल के जरिये ही जमा होता है। डीडीयू में सम सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए शुल्क जमा करने की तिथि कई बार विस्तारित की गई थी। अंतिम बार 30 मार्च तक परीक्षा शुल्क प्रति छात्र 500 रुपये विलंब शुल्क के साथ जमा करने का आदेश जारी किया गया था। उस दौरान भी कई कॉलेज अपने छात्रों का शुल्क जमा नहीं कर पाए थे। उसके बाद डीडीयू ने साफ कर दिया कि अब तिथि विस्तारित नहीं की जाएगी। इसके बाद यह खेल हुआ। पोर्टल बंद होने के बाद भी तीन कॉलजों द्वारा अवैध रूप से पोर्टल खोलवाकर करीब 550 छात्रों का परीक्षा शुल्क जमा करने का है। इसमें भी प्रति छात्र 500 रुपये लेटफीस जमा नहीं किया। इसमें देवरिया के दो और कुशीनगर के एक कॉलेज का नाम आ रहा है। तीन-चार अप्रैल को परीक्षा शुल्क के मद में अवैध रूप से पोर्टल खोलकर कुल 40 ट्रांजक्शन किए गए हैं। इसमें 3 अप्रैल को 17 और 4 अप्रैल को कुल 23 ट्रांजक्शन किए गए हैं। कुल मिलाकर करीब साढ़े पांच सौ से अधिक विद्यार्थियों का शुल्क तो जमा किया गया लेकिन लेटफीस जमा नहीं किया गया। डीडीयू प्रशासन को इस खेल से करीब पौने तीन लाख रुपये की वित्तीय चोट पहुंचाई।
अन्य कालेजों ने मांगी लेट फीस तब खुला मामला
कुशीनगर के एक कॉलेज के करीब 530 से अधिक विद्यार्थियों का शुल्क बिना लेट फीस के जमा किया गया है। देवरिया के एक कॉलेज के करीब डेढ़ दर्जन और दूसरे कॉलेज के करीब एक दर्जन छात्रों का शुल्क बिना लेटफीस जमा हुआ है। शुल्क जमा होने के बाद सेटिंग के बल पर प्रवेश पत्र भी जनरेट करा लिया। उधर, कई कॉलेजों ने सैकड़ों छात्रों के हित में परीक्षा शुल्क जमा करने के लिए एक और मौका देने का आग्रह किया था। छात्र हित में डीडीयू प्रशासन ने 9 अप्रैल को परीक्षा शुल्क जमा करने के लिए पोर्टल खोलने का आदेश दे दिया। शेष कॉलेजों ने 500 रुपये विलंब शुल्क के साथ जमा भी कर दिया। कुछ कॉलेजों को इस खेल का पता चला तो वे विवि प्रशासन पर दोहरा व्यवहार का आरोप लगाने लगे। कॉलेजों ने मांग उठाई कि सम्बंधित तीनों कॉलेजों से या तो लेटफीस लिया जाए या सभी कॉलेजों को लेटफीस वापस हो। डीडीयू के कुलसचि प्रो.शांतनु रस्तोगी ने बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है।