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Gorakhpur News: 2.22 लाख लोगों की बनी प्रिजेम्पटिव टीबी आईडी, 2225 नये टीबी रोगी मिले

Gorakhpur News: गोरखपुर में चल रहे 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान में जनजागरूकता के साथ साथ टीबी के नये रोगी खोजे जा रहे हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 29 Jan 2025 7:22 PM IST
Gorakhpur News
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Gorakhpur News (Photo Social Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में चल रहे 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान में जनजागरूकता के साथ साथ टीबी के नये रोगी खोजे जा रहे हैं। अभी तक उच्च जोखिम श्रेणी के लोगों की स्क्रीनिंग कर करीब 2.22 लाख लोगों की प्रिजेम्पटिव टीबी आईडी बनाई गई है और 2225 नये टीबी रोगी खोजे गए हैं। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी। उन्होंने बताया कि जिला क्षय अधिकारी डॉ गणेश यादव के नेतृत्व में जिला क्षय रोग केंद्र की टीम ने फर्टिलाइजर पहुंच कर अभियान के बारे में अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान साठ साल से अधिक उम्र के लोग, कुपोषित या कमजोर, मधुमेही रोगी, धुम्रपान व नशा करने वाले, उपचाराधीन टीबी रोगियों के निकट सम्पर्कियों, इलाज पूरा कर चुके टीबी रोगी, एचआईवी रोगी और मलिन बस्तियों के लोगों की खासतौर से स्क्रीनिंग कराई जा रही है। यह सभी लोग उच्च जोखिम श्रेणी में आते हैं। इनकी स्क्रीनिंग के बाद प्रिजेम्पटिव टीबी आईडी बनाई जा रही है। जांच के बाद जो नये टीबी रोगी मिल रहे हैं उनका सम्पूर्ण इलाज निःशुल्क होगा। साथ ही इलाज चलने तक एक हजार रुपये प्रति माह की दर से उन्हें निक्षय पोषण योजना की सहायता राशि भी दी जाती है। यह रकम पोषण से भरपूर खानपान लेने के लिए मरीजों के खाते में दी जाती है।

रोग के लक्षण बताए

जिला क्षय अधिकारी डॉ गणेश यादव ने बताया कि स्कूल, कॉलेज, धर्मगुरुओं और समाज के प्रतिष्ठित लोगों को अभियान के बारे में बताया जा रहा है और उनसे संभावितों मरीजों को जांच के लिए प्रेरित करने की अपील की जा रही है। दो हफ्ते से अधिक की खांसी, बुखार, रात में पसीना, मुंह से खून, सीने में दर्द, सांस में तकलीफ, वजन घटना, भूख न लगना, थकान और गर्दन में गिलटी या गांठ टीबी के प्रमुख लक्षण है। इन लक्षणों के बारे में कल एचयूआरएल (फर्टिलाइजर) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपेन रॉय, उनके सहयोगी डॉ एके सिन्हा, सर्वेश गुप्ता और एलएन पांडेय समेत कई अधिकारियों और कर्मचारियों को जागरूक किया गया। संस्था की तरफ से आश्वासन मिला है कि वह परिसर के बाहर भी लोगों को जागरूक करेंगे और नये मरीजों को ढूंढने में मददगार बनेंगे। सभी लोगों ने टीबी उन्मूलन की शपथ भी ली।

गोरखपुर में टीबी की स्थिति

जिला क्षय अधिकारी ने बताया कि जिले में ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के 394 मरीज और ड्रग सेंसिटिव टीबी के 10756 मरीज उपचाराधीन है। अभियान के दौरान करीब 8.34 लाख जोखिम श्रेणी लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी।



Ramkrishna Vajpei

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