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Gorakhpur News: आयुषी-अंशिका और अर्जुन जैसे छात्र-छात्राओं के 10-10 मिनट की 30 वीडियो से अंग्रेजी बोलना सीखेंगे छात्र, बीएसए हुए सक्रिय
Gorakhpur News: उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्र-छात्राओं में अंग्रेजी बोलने की दक्षता एवं कौशल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान के विशेषज्ञों ने 10-10 मिनट के उपयोगी वीडियो तैयार किए हैं।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश में 76 जिलों के प्राथमिक और कस्तूरबा की लाखों छात्र-छात्राएं अब वर्चुअल माध्यम से फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना सीखेंगे। इसके लिए विभाग ने प्राथमिक के ही छात्र-छात्राओं का 10-10 मिनट का 30 वीडियो तैयार कराया है। जिसे स्मार्ट क्लास के साथ ही स्मार्ट फोन के जरिये छात्रों तक पहुंचाया जाएगा।
उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के छात्र-छात्राओं में अंग्रेजी बोलने की दक्षता एवं कौशल को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) के विशेषज्ञों ने 10-10 मिनट के उपयोगी वीडियो तैयार किए हैं। यू-ट्यूब पर अपलोड वीडियो की खासियत है कि इन्हें परिषदीय स्कूलों के बच्चों पर ही फिल्माया गया है। कुछ वीडियो स्कूलों में तो कुछ ईएलटीआई की लैब में बनाई गई है। इन वीडियो में पुनरावृत्ति के लिए प्रैक्टिस सेशन भी शामिल है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने 21 नवंबर को सभी डायट के प्राचार्यों और बीएसए को पत्र लिखकर कक्षा शिक्षण में वीडियो कंटेंट का प्रयोग करने के निर्देश दिए हैं। उनका कहना है कि वीडियो कंटेंट का उद्देश्य उच्च प्राथमिक स्तर के छात्र-छात्राओं को सामान्य जीवन में उपयोग होने वाली अंग्रेजी भाषा से भली-भांति परिचित कराना है, जिससे मौखिक सम्प्रेषण को प्रोत्साहित किया जा सके।
प्रयागराज के छात्र-छात्राओं ने तैयार किया है वीडियो
प्राथमिक विद्यालय गौरी का पुरा मेजा की आयुषी, मोहित, अंशिका, नवनीत, शांतनु, अर्जुन, ईश्वान्वी और हरी, कंपोजिट विद्यालय नैनी चाका की सोनाक्षी, आशुतोष, डिंपल, राजनंदिनी, अंतिमा, रागिनी, शिवानी को वीडियो में फिल्माया गया है। वीडियो की शूटिंग प्राथमिक विद्यालय गौरी का पुरा मेजा, कंपोजिट विद्यालय बड़ी नैनी, प्राथमिक विद्यालय मंडरा चाका और कंपोजिट आदर्श विद्यालय एलनगंज में हुई है। वीडियो की पटकथा, डायलॉग लेखन भी परिषदीय शिक्षकों तहरीम अर्शी, रजनी महेश्वरी, सोनम पांडेय, डॉ. डॉली सिंह, प्रीतपाल कौर त्रिपाठी, शिवानी वाधवा ने ही किया है।
प्रदेश के सभी बीएसए को मिला ये निर्देश
वीडियो कंटेंट दिखाने से पूर्व अध्यापक छात्र-छात्राओं को कंटेंट के बारे में संक्षिप्त जानकारी दें। वीडियो की गतिविधियों को कराने के लिए बच्चों के बीच में पर्याप्त स्थान रखा जाए। अध्यापक यह सुनिश्चित करें कि विद्यार्थी की-वर्ड्स का सही उच्चारण करें एवं प्रैक्टिस सेशन के दौरान अभ्यास अवश्य कराएं। अध्यापक वीडियो में आए शब्दों एवं वाक्यों का प्रयोग दैनिक जीवन में करने के लिए छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहित करें तथा प्रत्येक वीडियो कम से कम दो बार दिखाएं। यह सुनिश्चित करें कि सभी छात्र-छात्राओं को वीडियो की आवाज स्पष्ट सुनायी दे। जरूरत पड़ने पर वीडियो कंटेंट पुन: सुनाया जा सकता है। वीडियो दिखाने के बाद अध्यापक छात्र-छात्राओं को पाठ से सम्बन्धित राइम्स/रोल प्ले/अन्य गतिविधियां कराएं एवं छात्र-छात्राओं की समझ को जानने के लिए वीडियो से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाएं तथा अभ्यास कार्य कराया जाए। छात्र-छात्राओं में कल्पनाशील कौशल विकसित करने के लिए वीडियो के माध्यम से दिखाए जा रहे पाठ अथवा रोल प्ले के समानान्तर अन्य कोई कहानी/कविता आदि सुनाने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित किया जाए।