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Gorakhpur: जेल में बंद बंदी हेपेटाइटिस की चपेट में, वजह तलाशेगा RMRC

Gorakhpur News: हेपेटाइटिस-सी के मिले सर्वाधिक मामले आरएमआरसी की जांच में कारागार में हेपेटाइटिस के कुल 21 मामले सामने आए हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 15 May 2024 7:46 AM IST
Gorakhpur jail
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Gorakhpur jail  (photo: social media )

Gorakhpur News: गोरखपुर मंडलीय कारागार में निरुद्ध बंदी हेपेटाइटिस की चपेट में आ रहे हैं। आरएमआरसी की जांच में 11 फीसदी से अधिक बंदियों में हेपेटाइटिस मिला है। इसमें सबसे ज्यादा मामले हेपेटाइटिस-सी के हैं। हेपेटाइटिस पीड़ितों में सर्वाधिक संख्या युवाओं की है। अब इसे लेकर आरएमआरसी अलग से जांच करने की तैयारी में है।

जेल में हेपेटाइटिस की जांच की जिम्मेदारी संभाले रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) की टीम ने बीते 24 और 25 अप्रैल को मंडलीय कारागार में 182 मरीज के खून के नमूनों की जांच की थी। कारागार में करीब 1800 बंदी हैं। उनमें से 10 फीसदी बंदियों को छांटा गया। उनकी उम्र 18 से 65 वर्ष की थी। आरएमआरसी ने यह पहल स्टेट हेल्थ एजेंसी के आग्रह पर किया। हेपेटाइटिस-सी के मिले सर्वाधिक मामले आरएमआरसी की जांच में कारागार में हेपेटाइटिस के कुल 21 मामले सामने आए हैं। जिसमें सबसे अधिक हेपेटाइटिस-सी के मामले हैं। रैपिड कार्ड से जांच में हेपेटाइटिस-सी के 8 मामले सामने आए। कारागार में हेपेटाइटिस-बी के चार और हेपेटाइटिस-ई के नौ मामले सामने आए हैं। हेपेटाइटिस-बी लंबे समय बाद हेपेटाइटिस-डी में तब्दील होकर जानलेवा हो जाता है। संक्रमितों में 40 फीसदी की उम्र 28 वर्ष से कम है। टीम में डॉ. राजीव मिश्रा, डॉ. नलिनी मिश्रा, डॉ. आयुष मिश्रा, डॉ. रीतेश कुमार, कमलेश शाह, डॉ. रविशंकर सिंह, एमएस फातिमा शामिल रहीं।

हेपेटाइटिस की वजह तलाशेगा आरएमआरसी

आरएमआरसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौरव राज द्विवेदी ने बताया कि हेपेटाइटिस का प्रसार आबादी में अधिकतम 10 फीसदी पाया जाता है। जेल में निरुद्ध बंदियों में सीरिंज से नशा करने वाले शामिल हैं। जेल का दायरा सीमित होता है। बंदियों की संख्या अधिक है। यह प्रसार की एक वजह हो सकती है। इस मामले में हेपेटाइटिस के प्रसार के वजह की जांच की जाएगी। वरिष्ठ जेल अधीक्षक दिलीप पाण्डेय ने की। उन्होंने कहा कि जेल में निरुद्ध शारीरिक तौर पर कमजोर, बीमार, एचआईवी संक्रमितों को चिन्हित कर हेपेटाइटिस जांच कराई गई थी। इस वजह से हेपेटाइटिस संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। बंदियों को दवाएं दी जा रही हैं। बैरकों की स्वच्छता पर ध्यान दिया जा रहा है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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