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Gorakhpur News: प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक से लेकर शराब का सेवन सोरायसिस रोगी के लिए खतरनाक, ऐसे संभव है त्वचा के इस रोग का बचाव

Gorakhpur News: सिमरन तिवारी ने अपना शोध गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ. प्रिया एसआर नायर (क्रिया शारीर विभाग) और डॉ. प्रज्ञा सिंह (संहिता एवं सिद्धांत विभाग) के पर्यवेक्षण में किया है।

Purnima Srivastava
Published on: 15 July 2024 6:49 PM IST
Dr. Simran Tiwari, a researcher of Sushruta batch
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सुश्रुत बैच की शोध करने वाली डॉक्टर सिमरन तिवारी: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: सोरायसिस त्वचा से जुड़ी एक गंभीर समस्या है जिसमें त्वचा के ऊपर एक मोटी परत बन जाती है। इसमें तेज खुजली होती है और कई बार ये घाव भी बना देती है। इस बीमारी के प्रति सतर्कता और जागरूकता बेहद जरूरी है। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की बीएएमएस, सुश्रुत बैच की छात्रा सिमरन तिवारी ने सोरायसिस पर किए गए शोध में यह पता लगाया है कि संतुलित आहार के सेवन से सोरायसिस के लक्षणों को रोका जा सकता है। ओमेगा-3 वसीय अम्लो से युक्त खाद्य पदार्थ (वसाई मछली, अखरोट और अलसी आदि) सोरायसिस पैच की सूजन को कम करने मे कारगर हैं।

शारीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर पड़ता है असर

सिमरन तिवारी ने अपना शोध गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज की डॉ. प्रिया एसआर नायर (क्रिया शारीर विभाग) और डॉ. प्रज्ञा सिंह (संहिता एवं सिद्धांत विभाग) के पर्यवेक्षण में किया है। सिमरन बताती हैं कि सोरायसिस एक दीर्घकालिक बीमारी है जिसमें रोगी के शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अति सक्रिय हो जाती है। इस रोग में त्वचा पर कोशिकाएं तेजी से जमा होने लगती हैं।

सफेद रक्त कोशिकाओं के कम होने के कारण त्वचा की परत सामान्य से अधिक तेजी से बनने लगती है, साथ ही त्वचा पर पपड़ीदार और सूजन वाले घाव हो जाते हैं। यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है पर ज्यदातर खोपड़ी, कोहनी या घुटने आदि को प्रभावित करता है। डॉक्टर और वैज्ञानिक अब तक सोरायसिस के असल कारण तक नहीं पहुंच पाए हैं। सोरायसिस का उपचार बीमारी के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है।

सोरायसिस से त्वचा इस तरह दिखती है: Photo- Newstrack

शोध का निष्कर्ष

सिमरन के शोध निष्कर्ष में कहा गया है कि बीमारी की रोकथाम में आहार और स्वच्छता का ध्यान बहुत जरूरी है। इसमें प्रोसेस्ड फूड, कोल्ड ड्रिंक, सैचुरेटिड एवं ट्रांसफैट युक्त भोजन का सेवन करने से बचना चाहिए। शराब सेवन, धूम्रपान और तंबाकू जैसे उत्पादों का सेवन करने से लक्षणों को गंभीर बना सकते है। इस रोग में विशेष रूप से त्वचा की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

सोरायसिस के लक्षण

सौम्य, सुगंधहीन, रसायन मुक्त उत्पादों का प्रयोग करके सोरायसिस के लक्षणों को रोका जा सकता है। कठोर साबुन और सर्फ़ का प्रयोग न करें क्योंकि ये लक्षणों को उग्र कर सकते हैं। त्वचा में नमी बनाए रखने के लिए एवं रूखी त्वचा से बचाने के लिए केमिकल फ्री मॉइश्चराइजर एवं लेप का उपयोग करें। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लेना और तनाव से बचना भी आवश्यक है। यदि आप सोरायसिस जैसे लक्षण अनुभव करते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि सोरायसिस का घरेलू इलाज करने के साथ-साथ चिकित्सक की सलाह भी बहुत जरूरी होती है।



Shashi kant gautam

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