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Gorakhpur News: डीडीयू में पूर्व कुलपति की तानाशाही के शिकार प्रो. कमलेश 17 महीने बाद बहाल, बोले- यह लोकतांत्रिक जीत
Gorakhpur News: प्रो. कमलेश पिछले दो वर्षों में तीन बार निलंबित हुए। कुल 17 महीने से अधिक समय तक उन्होंने निलंबन झेला। डीडीयू में कार्य परिषद की बैठक के दौरान कुलपति प्रो. पूनम टंडन व अन्य सदस्यों ने प्रोफेसर की बहाली का निर्णय लिया।
Gorakhpur News: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी में पूर्व कुलपति प्रो.राजेश सिंह की तानाशाही के शिकार शिक्षकों को अब राहत मिलती दिख रही है। 30 से अधिक जिम्मेदारियां देखने वाले प्रो.अजय सिंह सभी से मुक्त हो चुके हैं। लोकतांत्रिक विरोध के चलते हिन्दी विभाग के प्रो.कमलेश गुप्त को पूर्व कुलपति ने निलंबित कर दिया था। अब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने 17 महीने बाद प्रो.कमलेश को बहाल करने का निर्णय लिया है। बहाली के बाद प्रोफेसर ने कहा, यह तानाशाही-मनोवृत्ति पर लोकतांत्रिक प्रवृत्ति की जीत है।
प्रो. कमलेश पिछले दो वर्षों में तीन बार निलंबित हुए। कुल 17 महीने से अधिक समय तक उन्होंने निलंबन झेला। डीडीयू में कार्य परिषद की बैठक के दौरान कुलपति प्रो. पूनम टंडन व अन्य सदस्यों ने प्रोफेसर की बहाली का निर्णय लिया। हाईकोर्ट ने बीते 21 नवंबर को हिन्दी विभाग के निलंबित आचार्य प्रो. कमलेश गुप्त के निलंबन और सभी आरोपों को निरस्त कर दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में उन्हें कार्य परिषद ने बहाल कर दिया। कुलसचिव कार्यालय से बहाली का आदेश भी जारी हो गया। प्रो. कमलेश ने बहाली का आदेश पत्र लगाते हुए ‘फेसबुक’ पर लिखा है, यह एक शिक्षक की बहाली मात्र नहीं है। यह हमारे विश्वविद्यालय में लोकतांत्रिक मूल्यों की बहाली है। यह तानाशाही-मनोवृत्ति पर लोकतांत्रिक प्रवृत्ति की जीत है। लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए किए गए इस संघर्ष में शामिल सभी को बधाई।
हैप्पीनेस लैब्स की तर्ज पर ‘स्नेह’ केन्द्र
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में गुरुवार को कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में कार्य परिषद की बैठक संपन्न हुई। इसमें हैप्पीनेस लैब्स की तर्ज पर ‘स्नेह’ केन्द्र खोले जाने का मंजूरी मिल गई। मनोविज्ञान विभाग द्वारा प्रस्तावित ‘स्नेह’ केंद्र (स्पेस टू नर्चर, एनर्जाइज एंड हील) की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की। कुलपति की यह अनूठी पहल है। स्नेह केंद्र मानसिक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों, कर्मचारियों तथा अन्य स्टेकहोल्डर्स को व्यक्तिगत रूप से और कार्यस्थल पर स्वस्थ और प्रभावी जीवन शैली बनाए रखने में मदद करेगा। हैप्पीनेस लैब्स की तरह स्नेह केंद्र की स्थापना का उद्देश्य समग्र प्रसन्नता व कल्याण, अनुसंधान तथा आउटरीच गतिविधियां हैं। यह केन्द्र लोगों के साथ व्यवहार करने, मानव व्यवहार पैटर्न को समझने, प्रेरणा देने जैसे बुनियादी गुणों को विकसित करने में मदद करेगा। यह केन्द्र जनसंख्या की विविधता के अनुसार शांति और प्रसन्नता का अध्ययन करने के साथ साथ विभिन्न उपकरणों के डिजाइन, मान्यता और पेटेंट में मदद करेगा।