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Gorakhpur News: संग्रहालय के स्ट्रांग रूम में बंद ‘सीता-राम’ की 300 वर्ष पुरानी मूर्ति, कब खत्म होगा इनका वनवास?

Gorakhpur News: कैंपियरगंज थाने से 300 वर्ष पुरानी राम-सीता की दो मूर्तियां और कुछ मुकुट तथा कैंट थाने से भगवान श्रीराम की मूर्ति सहित श्रीराम की तीन और मां सीता की एक प्रतिमा संग्रहालय में संरक्षित की गई।

Purnima Srivastava
Published on: 20 Jan 2024 8:26 AM IST
Gorakhpur News
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गोरखपुर का राजकीय बौद्ध संग्रहालय (Newstrack)

Gorakhpur News: अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन कर तैयार है। रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हैं। लेकिन, गोरखपुर जोन के 11 जिलों में पिछले वर्षों में तस्करों से बरामद भगवान श्रीराम और सीता की मूर्तियों का वनवास खत्म होता नहीं दिख रहा है। गोरखपुर जोन के विभिन्न थानों में रखी गई भगवान की मूर्तियों को गोरखपुर के बौद्ध संग्राहलय के स्ट्रॉग रूम में रख तो दिया गया लेकिन मंदिरों में इनकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो सकी। संग्राहालय में राम जी की तीन और मां जानकी की एक प्रतिमा बौद्ध संग्रहालय के स्ट्रांग रूम में रखी गई है। इसमें एक मूर्ति 300 साल पुरानी है।

गोला क्षेत्र के रामामऊ गांव स्थित अति प्राचीन रामजानकी मंदिर से कुछ साल पहले श्रीराम-सीता सहित अन्य की मूर्तियां चोरी हुई थी। पुलिस ने कुछ ही दिनों में मूर्तियों को बरामद कर लिया था और मंदिर के पुजारी के प्रयास से थाने के मालखाने से मूर्तियों को कोर्ट की मदद से छुड़कर मंदिर में दोबारा स्थापित कराया गया था। पुजारी के प्रयास श्रीराम और मां जानकी अपने स्थान पर लौट आए। लेकिन सभी मूर्तियों को मंदिर में स्थान नहीं मिल रहा है।

दरअसल, गोरखपुर जोन के 11 जिलों के थानों के मालखाने में देवी-देवताओं की 157 बेशकीमती मूर्तियां दो साल पहले तक पकड़ी गईं थीं। वर्तमान में अब यह संख्या और बढ़ गई है। ज्यादातर मूर्तियां तस्करी करके ले जाते समय पुलिस ने बरामद की थीं। हालांकि थाने के मालखाने में खराब हो रही इन मूर्तियों के संरक्षण के लिए इंटेक ने प्रयास किया था। इंटेक गोरखपुर चैप्टर के सह संयोजक अचिंत्य लाहिड़ी थानों के मालखानों में रखी ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए बौद्ध संग्रहालय में रखवाया गया है। इंटेक के प्रयास पर पूर्व एडीजी अखिल कुमार ने काफी सहयोग किया था। पूर्व उप निदेशक डॉ. मनोज गौतम के कार्यकाल में इनका प्रदर्शन हुआ था।

300 वर्ष पुरानी है राम जानकी की दो मूर्तियां

पूर्व एडीजी अखिल कुमार के विशेष सहयोग से प्राचीन मूर्तियों को संरक्षित करने का प्रस्ताव इंटेक की तरफ से भारत सरकार की संसदीय स्थायी समिति के सामने रखा था। समिति ने कानून और न्याय मंत्रालय में नियमों में संशोधन करके मूर्तियों को सुरक्षित तरीके से म्यूजियम में रखने की व्यवस्था बनाने के लिए कहा था। 18 अगस्त 2021 कैंट थाने के मालखाने से देवी-देवताओं की करोड़ों रुपये की मूर्तियां बौद्ध संग्रहालय में पहुंचाई गईं। कैंपियरगंज थाने से 300 वर्ष पुरानी राम-सीता की दो मूर्तियां और कुछ मुकुट तथा कैंट थाने से भगवान श्रीराम की मूर्ति सहित श्रीराम की तीन और मां सीता की एक प्रतिमा संग्रहालय में संरक्षित की गई। बौद्ध संग्रहालय के उप निदेशक डॉ.यशवंत सिंह का कहना है कि संग्रहालय के आरक्षित संकलन में मूर्तियों को रखा जाता है। प्राचीनता, महत्व इत्यादि के आधार पर उनका प्रदर्शन किया जाता है। पहले रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया होती है। इसके बाद उनका डॉक्यूमेंटेशन किया जाता है। इसके बाद ही डिस्प्ले किया जाता है। सभी कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जाएगा।



Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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