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Gorakhpur: भारत-नेपाल के गोदाम में रखा है 320 करोड़ कीमत का लाल चंदन, रखवाली में खर्च हो रहे लाखों
Gorakhpur: लाल चंदन की नीलामी नहीं होने से इसकी रखवाली पर वन विभाग हर साल लाखों रुपये खर्च कर रहा है। वन विभाग फिर लाल चंदन के निस्तारण को लेकर पत्राचार करने की तैयारी में है।
Gorakhpur News: भारत-नेपाल बॉर्डर के सौनोली बार्डर से होकर नेपाल के रास्ते बड़े पैमाने पर चीन को रक्त चंदन की तस्करी हो रही है। पिछले दिनों करीब ढाई करोड़ कीमत का लाल चंदन कस्टम ने बरामद किया है। इसे सुरक्षित रखने में वन विभाग को मुश्किल हो रही है। 16 साल पहले सोनौली बार्डर से बरामद करीब 10 करोड़ रुपये का लाल चंदन वन विभाग के गोदाम में पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं नेपाल के वन विभाग के गोदाम में भी करीब 300 टन लाल चंदन रखा है। भारत और नेपाल को मिलाकर करीब 320 करोड़ रुपये कीमत का लाल चंदन दोनों देशों के लिए सिरदर्द बना हुआ है।
लाल चंदन की नीलामी नहीं होने से इसकी रखवाली पर वन विभाग हर साल लाखों रुपये खर्च कर रहा है। वन विभाग एक बार फिर लाल चंदन के निस्तारण को लेकर पत्राचार करने की तैयारी में है। महराजगंज जिले के इंडो-नेपाल बार्डर पर वर्ष 2008 में पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों की जांच व सतर्कता से बसुली जंगल के पास 10 टन रक्त चंदन की लकड़ी बरामद कर वन विभाग को सौंपा था। माप के बाद 11.35 घन मीटर रक्त चंदन वन विभाग के गोदाम में पड़ा है। सुरक्षा एजेंसियां बरामदगी के बाद उत्तरी चौक रेंज व निचलौल रेंज कार्यालय की सुपुर्दगी में है। महराजगंज जिले के सोनौली व निचलौल का क्षेत्र आंध्र प्रदेश व तेलंगाना के जंगलों का बेसकीमती लाल चंदन की चीन से लेकर यूरोपीय देशों को तस्करी हो रही है। सोनौली क्षेत्र में कस्टम विभाग द्वारा पकड़े गए ढाई टन लाल चंदन लकड़ी से यह बार्डर एक बार फिर सुर्खियों में है। करीब ढाई टन लाल चंदन के साथ पूर्व का 10 टन लाल चंदन सोहगीबरवा सेंक्चुरी के गोदाम में रखा हुआ है। वन विभाग करोड़ों रुपये मूल्य के रक्त चंदन की नीलामी प्रक्रिया पूरी नहीं कर रहा है। दक्षिण भारत में मिलने वाला लाल चंदन नेपाल के रास्ते चीन भेजा रहा है।
नेपाल के वन विभाग के पास है 300 करोड़ कीमत का लाल चंदन
अंतरराष्ट्रीय बाजार में एक टन लाल चंदन की कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। भारत की सोनौली सीमा से सटे नेपाल के नवलपरासी जिले में बीते दिनों डेढ़ क्विंटल लाल चंदन की बरामदगी हुई। नेपाल में इससे पूर्व भी 75 कुंतल लाल चंदन बरामद किया गया था। विभिन्न स्थानों से बरामद करीब 300 टन लाल चंदन को नेपाल वन विभाग ने अपनी निगरानी में रखा है। विभागीय प्रक्रिया के बाद इसे भारत को सौंपा जाना है। आरोपित से मिली जानकारी के अनुसार चीन में औषधि, सौंदर्य प्रसाधन व फर्नीचर बनाने में इसका प्रयोग होता है।
ऐसे हो सकता है लाल चंदन का निस्तारण
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक एपी सिन्हा का कहना है कि रक्त चंदन की लकड़ी को लेकर भारत सरकार की गाइड लाइन है। या तो इसको आंध्र प्रदेश को सुपुर्द किया जाएगा या फिर नीलामी की जाएगी। यूरोपियन कंट्री में डिमांड अधिक होने से इसके तस्करी की बातें सामने आ रही हैं। गाइड लाइन के अनुसार इसका निस्तारण कराया जाएगा। वन कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि वह बरामद रक्त चंदन की लकड़ी को पूरी हिफाजत के साथ सुरक्षित रखें।