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Gorakhpur News: DDU के कुलसचिव ने मांगा शुल्क का ब्योरा, कॉलेजों में हड़कंप
Gorakhpur News: कुलसचिव, डीडीयू प्रो. शांतनु रस्तोगी का कहना है कि सभी कॉलेजों से छात्रों के सापेक्ष विभिन्न मद में विश्वविद्यालय के कोष में तीन वर्षों में जमा किए गए धन का ब्योरा मांगा गया है।
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के शुल्क में गोलमाल का अंदेशा दिख रहा है। कुलसचिव ने सभी कॉलेजों पर फीस के मद में जमा हुई रकम की डिटेल मांगी है। कॉलेज इसे देने में आनाकानी कर रहे हैं। कुलसचिव ने एक बार फिर कड़ा पत्र लिखते हुए 15 अप्रैल तक पूरा ब्योरा तलब किया है।कुलसचिव को संदेह है कि कॉलेजों से जितना धन मिलना चाहिए उतना धन मिला नहीं है। ऐसे में कुलसचिव ने 15 अप्रैल तक कॉलेजों से तीन वर्षों में जमा धन का ब्योरा मांगा है।
कुलसचिव, डीडीयू प्रो. शांतनु रस्तोगी का कहना है कि सभी कॉलेजों से छात्रों के सापेक्ष विभिन्न मद में विश्वविद्यालय के कोष में तीन वर्षों में जमा किए गए धन का ब्योरा मांगा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद उसका मिलान कराया जाएगा। उसके बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ कहा जा सकेगा।
विश्वविद्यालय में छात्रों द्वारा विभिन्न मद में जमा हुए शुल्क जमा होते हैं। पत्र के मुताबिक कॉलेजों से यह डिटेल मांगा गया है। किस सत्र में कक्षा यूजी, पीजी, वार्षिक सेमेस्टर, सीबीसीएस में कितने विद्यार्थी थे? कितने छात्र संस्थागत और व्यक्तिगत थे? जमा की गई धनराशि, चालान संख्या (साक्ष्य सहित), ट्रांजेक्शन का माध्यम (साक्ष्य सहित) जमा करना है। छात्रों के सापेक्ष जितना धन जमा हुआ, उतना प्राप्त नहीं हुआ है। इसे देखते हुए इसकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सम्बद्ध सभी कॉलेजों से 15 अप्रैल तक पिछले तीन वर्षों में विभिन्न मद में जमा किए धन का विस्तृत ब्योरा मांगा गया है।
डीडीयू प्रशासन ने इस सम्बंध में सभी सम्बद्ध कॉलेजों के प्रबंधकों/प्राचार्यों को पत्र लिखकर सत्र 2021-22, सत्र 2022-23, सत्र 2023-24 में प्रवेशित विद्यार्थियों के सापेक्ष विश्वविद्यालय कोष में जमा की गई धनराशि का विवरण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी द्वारा 6 अप्रैल को यह पत्र जारी किया गया है। पत्र में बाकायदा प्रारूप बनाया गया है। पत्र के मुताबिक प्रारूप के अनुरूप ही अलग-अलग सत्रों में विभिन्न मद में जमा किए गए शुल्क का विवरण कॉलेजों द्वारा उपलब्ध कराया जाना है।
जद में आ सकते हैं खिलाड़ी
डीडीयू प्रशासन द्वारा पहली बार इस तरह की रिपोर्ट सभी कॉलेजों से मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद होगा मिलान कॉलेजों से मिली रिपोर्ट के आधार पर एक-एक डाटा का छात्रों की संख्या और जमा करने की टाइमिंग के हिसाब से मिलान कराया जाएगा। चर्चा है कि जांच में बड़ा घोटाला सामने आ सकता है।