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Gorakhpur News: DDU के रिसर्च को पेटेंट, कीमोथेरेपी से लेकर इंसुलिन की जानकारी देगा यह डिवाइस

Gorakhpur News: बायोसेंसर डिवाइस फॉर टारगेटेड ड्रग डिलीवरी’ के डिजाइन को यूके से पेटेंट मिला है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर ने किया था रिसर्च।

Purnima Srivastava
Published on: 22 April 2024 12:40 PM GMT
डॉ.तुलिका मिश्रा।
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डॉ.तुलिका मिश्रा। (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर यूनिवर्सिटी में बॉटनी विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.तुलिका मिश्रा ने ऐसी डिवाइस विकसित की है जो कैंसर, हार्ट से लेकर मधुमेह के रोगियों के लिए वरदान साबित होगी। इस डिवाइस से यह जानकारी मिलेगी कि कीमोथेरेपी से लेकर इंसुलिन लेने का सही समय क्या होगा? डॉ.तुलिका के शोध के बाद विकसित डिवाइस को युनाइटेड किंगडम से पेटेंट मिल गया है।

यूके से मिला पेटेंट

‘बायोसेंसर डिवाइस फॉर टारगेटेड ड्रग डिलीवरी’ के डिजाइन को यूके से पेटेंट मिलने के बाद कुलपति ने डॉ.तुलिका को बधाई दी है। बायोसेंसिंग आधारित इस डिवाइस से पता चलेगा कि कीमोथरेपी, हार्ट की समस्या, इंसुलिन की डोज कितनी होगी और इसे लेने का उचित समय क्या होगा? डॉ.तुलिका ने बताया कि यह एक नान इनवेसिव तकनीक है। जो रोगों से लड़ने में सहायक है। दरअसल, खराब जीवन शैली के कारण करीब हर घर में कोई न कोई व्यक्ति कैंसर, हार्टअटैक या शुगर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। दुनिया भर की सबसे गंभीर समस्या बन चुकी इन बीमारियों के बेहतर उपचार के लिए करीब पांच वर्ष पूर्व एक ऐसा उपकरण डिजाइन करने के संकल्पों के साथ देश के अलग-अलग राज्यों के कुल 9 वैज्ञानिकों ने रिसर्च शुरू किया था। वर्ष 2021 में यूके डिजाइन पेटेंट, इंग्लैंड में आवेदन किया गया था। करीब तीन साल बाद यह पेटेंट हुआ है। पिछले दो दशक से विभिन्न मानव रोगों के लिए औषधीय पौधों पर अनुसंधान कर रहीं डॉ तूलिका मिश्रा ने इस डिजाइन में ‘को-पर्सनलाइज्ड मेडिसिन एंड फार्मोको थिरेपी’ पर काम किया है। इस डिवाइस से शरीर से निकलने वाले अनेक enzymes, hormones और प्रोटीन की बायोसंसिग से जांच हो सकेगी।

दूर बैठे डॉक्टर जान सकेंगे मरीज का हाल

यह बायोसेंसर कई चीजों का मिला-जुला रूप है। इस डिवाइस को वाईफाई या ब्लूटूथ से भी कनेक्ट किया जा सकेगा। इससे दूर बैठे चिकित्सक भी मरीज की बीमारी का हाल जान सकेंगे। ब्लूटूथ या वाईफाई से कनेक्ट कर मरीज के शरीर की बायोसेंसिंग करने पर उसका परिणाम डॉक्टर के मोबाइल पर भी दिखेगा।

विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि : कुलपति

गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने डॉ. तूलिका मिश्रा के डिजाइन को पेटेंट मिलने पर बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए बड़ी उपलब्धि है। विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. शांतनु रस्तोगी, वनस्पति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. अनिल कुमार द्विवेदी आदि ने भी बधाई दी है।

Sidheshwar Nath Pandey

Sidheshwar Nath Pandey

Content Writer

मेरा नाम सिद्धेश्वर नाथ पांडे है। मैंने इलाहाबाद विश्विद्यालय से मीडिया स्टडीज से स्नातक की पढ़ाई की है। फ्रीलांस राइटिंग में करीब एक साल के अनुभव के साथ अभी मैं NewsTrack में हिंदी कंटेंट राइटर के रूप में काम करता हूं। पत्रकारिता के अलावा किताबें पढ़ना और घूमना मेरी हॉबी हैं।

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