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यूपी में पहली बार शुरू हो रहा ‘रोड टू स्कूल’, पहले चरण में यह जनपद शामिल
Gorakhpur News: ‘रोड टू स्कूल’ प्रोजेक्ट में प्रथम चरण में गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के सभी 78 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों को सम्मिलित किया है।
Gorakhpur News: प्राथमिक शिक्षा के कायाकल्प में लगातार काम कर रही योगी सरकार कॉरपोरेट सेक्टर के सहयोग से शिक्षा व्यवस्था को और भी सुदृढ़ कर रही है। कॉरपोरेट के सामाजिक उत्तरदायित्व निधि से जहां कई विद्यालय अत्याधुनिक संसाधनों से संपन्न होकर स्मार्ट बने हैं तो वहीं अब प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों में नामांकन बढ़ाने, ड्राप आउट रोकने, बच्चों में पठन पाठन के प्रति अभिरुचि बढ़ाने, उनके स्वास्थ्य देखभाल और उन्हें खेल एवं कौशल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए भी संजीदगी से प्रयास हो रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षक इस काम तो कर ही रहे हैं, अब इसमें कॉरपोरेट सेक्टर ने भी दिलचस्पी दिखाई है। इसी क्रम में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में योगी सरकार के प्रयासों के मुरीद हुए हिंदुजा ग्रुप ने बच्चों के समग्र विकास के लिए ‘रोड टू स्कूल’ को यूपी में भी शुरू किया है। इसका औपचारिक शुभारंभ 20 अगस्त को गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे।
बड़े औद्योगिक घराने हिंदुजा ग्रुप की इकाई अशोक लीलैंड लिमिटेड ने अपने कार्यान्वयन भागीदारी लर्निंग लिंक फाउंडेशन के साथ मिलकर ‘रोड टू स्कूल’ प्रोजेक्ट में प्रथम चरण में गोरखपुर के चरगांवा ब्लॉक के सभी 78 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों को सम्मिलित किया है। इस ब्लॉक में प्रोजेक्ट के तहत काम शुरू भी हो चुका है। चरगांवा ब्लॉक में रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट का फायदा कक्षा एक से आठ तक के 17781 छात्रों को मिलेगा। जबकि दूसरे चरण में भटहट ब्लॉक के सभी 90 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों को शामिल किया जाएगा। दूसरे चरण में 16434 छात्र लाभान्वित होंगे। अशोक लीलैंड लिमिटेड और लर्निंग लिंक फाउंडेशन के इस साझा पहल को उत्तर प्रदेश में पहली बार लागू किया जा रहा है। तमिलनाडु समेत दक्षिण भारत के कुछ राज्यों और कश्मीर में इसके सफल परिणाम आए हैं।
क्या है रोड टू स्कूल
रोड टू स्कूल सरकारी प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कम्पोजिट विद्यालयों के छात्रों के बीच सीखने के अंतराल के मुद्दों पर कार्य करता है। इसमें छात्रों के समग्र विकास के लिए एक आधारभूत ढांचा तैयार करने पर खासा जोर है। रोड टू स्कूल में एक ऐसे मापनयोग्य मॉडल पर काम किया जाता है जिससे बच्चों के शैक्षिक और सह शैक्षिक, दोनों के विकास के साथ विद्यालय में उनकी उपस्थिति में सुधार किया जा सके और ड्राप आउट की समस्या दूर हो सके।
आधारभूत शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और कला शिक्षा में सुधार का लक्ष्य
रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट का लक्ष्य बच्चों के बीच आधारभूत शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और कला शिक्षा में सुधार करना है। यह प्रोजेक्ट निपुण भारत मिशन के अनुसार बुनियादी शिक्षा स्तरों में सुधार करने के लिए काम करेगा। मसलन बच्चों में विज्ञान और गणित को लेकर दिलचस्पी बढ़े और उनमें विषय की अभिव्यक्ति विकसित हो। बच्चों के समग्र स्वास्थ्य विकास को लेकर इस प्रोजेक्ट में शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक और पर्यावरणीय कल्याण आधारित पाठ्यक्रम चलेंगे। चयनित विद्यालय में बच्चों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए खेलो इंडिया कार्यक्रम को लागू किया जाएगा। जबकि कौशल विकास के लिए बच्चों में निहित हुनर को तलाश कर उसे तराशा जाएगा।
पहले चरण में 50 रिसोर्स पर्सन तैनात
प्रोजेक्ट ‘रोड टू स्कूल’ के तहत प्रत्येक दो विद्यालय के लिए एक रिसोर्स पर्सन की तैनाती की व्यवस्था है। चरगांवा ब्लॉक में सभी 78 विद्यालयों के सापेक्ष 50 रिसोर्स पर्सन की तैनाती कर दी गई है। दूसरे चरण में भटहट ब्लॉक में भी 50 रिसोर्स पर्सन तैनात किए जाएंगे। रिसोर्स पर्सन को दिए गए दायित्व की निगरानी व मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक ब्लॉक के लिए पांच वरिष्ठ रिसोर्स पर्सन की तैनाती रहेगी। इसके अलावा विद्यालयों में बच्चों के स्वास्थ्य देखभाल और कल्याण कार्यक्रम गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रत्येक ब्लॉक में पांच प्रोजेक्ट एसोसिएट रहेंगे। रोड टू स्कूल प्रोजेक्ट में प्रत्येक विद्यालय को शिक्षण सहायक सामग्री और बच्चों को गणितीय योग्यता में दक्ष बनाने के लिए गणित किट प्रदान की जाएगी। खेलो इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप बच्चों में खेल की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए एक खेल किट भी दी जाएगी।
सीएम के मार्गदर्शन में लगातार सुदृढ़ हो रहा शिक्षा का क्षेत्र
गोरखपुर के जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश बताते हैं कि मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सुदृढ़ता आ रही है। इसमें ‘रोड टू स्कूल’ प्रोजेक्ट भी भागीदार बन रहा है। इससे गुणात्मक और संख्यात्मक दोनों लिहाज से शिक्षा क्षेत्र में और भी मजबूती आएगी। यह प्रोजेक्ट 100 प्रतिशत छात्रों के नामांकन बनाए रखने और छात्रों को आगे की कक्षा में बढ़ाने के लिए कार्य करेगा। साथ ही इसमें खेल, कौशल विकास के अलावा सभी छात्रों को स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रथाओं से अवगत कराकर उनके समग्र विकास पर जोर दिया जाएगा।