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Gorakhpur News: पाकिस्तानी छुहारा इम्पोर्ट होने का रूट बदला, अब गल्फ कंट्री से भारत पहुंच रहा
Gorakhpur News: गोरखपुर में ड्राई फ्रूट के बड़े कारोबारी अनिल जायसवाल बताते हैं कि ‘पुलवामा अटैक के बाद ड्राई फ्रूट में सर्वाधिक असर छुहारा की कीमतों पर पड़ा था। 60 से 130 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला पाकिस्तानी छोहारा 160 से 250 रुपये तक पहुंच गया था। अब कीमतें कुछ कम हुई है। वजह दिल्ली और गुजरात में बैठे एक्सपोटर छुहारा मंगा रहे हैं। कारोबारी सीधे पाकिस्तान से छोहारा मंगाने के गल्फ कंट्री से इसे इम्पोर्ट कर रहे हैं।
Gorakhpur News: छुहारा से लेकर लाहौरी नमक पर 200 फीसदी कस्टम ड्यूटी बढ़ने से पाकिस्तान से छुहारा तस्करी कर आने लगा था। कुछ कारोबारी इसे इराक के रास्ते मंगाने लगे। वहीं बड़ी मात्रा में छोहरा नेपाल के रास्ते तस्करी कर आने लगा। दो साल पहले महराजगंज के कोल्हुई में रोडवेज बस से तस्करी कर लाये जा रहे छुहारे को कस्टम ने बरामद किया था।
गोरखपुर में ड्राई फ्रूट के बड़े कारोबारी अनिल जायसवाल बताते हैं कि 'पुलवामा अटैक के बाद ड्राई फ्रूट में सर्वाधिक असर छुहारा की कीमतों पर पड़ा था। 60 से 130 रुपये प्रति किलो में बिकने वाला पाकिस्तानी छोहारा 160 से 250 रुपये तक पहुंच गया था। अब कीमतें कुछ कम हुई है। वजह दिल्ली और गुजरात में बैठे एक्सपोटर छोहारा मंगा रहे हैं। कारोबारी सीधे पाकिस्तान से छुहारा मंगाने के गल्फ कंट्री से इसे इम्पोर्ट कर रहे हैं। पहले इसकी खपत 45 से 50 टन प्रति महीने की खपत थी, जो वर्तमान में 40 टन तक है।
पाकिस्तानी छुहारा की कीमतें दोगुनी
'चेंबर ऑफ टेडर्स के महासचिव गोपाल जायसवाल बताते हैं कि 'कस्टम ड्यूटी बढ़ने से पाकिस्तानी छुहारा की कीमतें भले ही दोगुने से अधिक हो गई हों लेकिन डिमांड पर कोई असर नहीं है।' कारोबारियों के मुताबिक छुहारे का सस्ता विकल्प खजूर जरूर बना था लेकिन एक बार फिर पाकिस्तानी छुहारे का ही मार्केट पर कब्जा है। खजूर ईरान के अलावा अधिकतर खाड़ी देशों से आता है। यह बाजार में 200 से 2200 रुपये प्रति किलो के भाव से उपलब्ध है। कोरोना काल में भी खजूर की अच्छी मांग रही।
पाकिस्तान से छुहारा के साथ ही लाहौरी सेंधा नमक बड़ी मात्रा में आयात होता है। 200 फीसदी की कस्टम ड्यूटी के बाद भी कारोबार पर असर नहीं दिख रहा है। लाहौरी नमक की कीमतें छह गुनी होने के बाद भी लोगों के लिए पाकिस्तानी नमक (सेंघा नमक) देश वासियों के लिए मजबूरी बना हुआ है। किराना दुकानदार केदार नाथ गुप्ता बताते हैं कि 'पुलवामा अटैक के बाद सेंधा नमक की मांग काफी कम हो गई थी लेकिन कोरोना काल में आयुर्वेद के प्रति बढ़े भरोसे के बाद इसकी मांग में इजाफा हुआ है। कई अच्छी कंपनियां इसकी पैकेजिंग कर बिक्री कर रही हैं।'