Gorakhpur News: पौधरोपण में भी सपा का सियासी दांव, जगह-जगह लगा रहे ‘PDA पेड़’

Gorakhpur News: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन्मदिन से शुरू हुए पीडीए पौधरोपण अभियान के तहत गोरखपुर जिले में पौधे लगाए जा रहे हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 4 July 2024 2:19 PM GMT
SPs political bet in plantation too, planting PDA trees at many places
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गोरखपुर में PDA पेड़ लगाते सपाई: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: पौधरोपण भी अब सियासी दांव पेंच का हथियार हो गया है। सपा हो या भाजपा पौधरोपण का रिकॉर्ड बनाने के लिए हर साल नये पैतरे चलते रहे हैं। अब जब सपा विपक्ष में है तो वह जगह-जगह पीडीए पेड़ लगा रही है। पार्टी का दावा है कि पीडीए पेड़ सामाजिक समानता, समता की प्राणवायु का संदेश देंगे।

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जन्मदिन से शुरू हुए पीडीए पौधरोपण अभियान के तहत गोरखपुर जिले में पौधे लगाए जा रहे हैं। गुरूवार को सपा जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार गौतम की उपस्थिति में कैम्पियरगंज से लेकर पीपीगंज में पौधरोरण किया गया। नगर पंचायत पीपीगंज में सपा जिलाध्यक्ष बृजेश कुमार गौतम ने पीडीए पेड़ लगाया।

उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव पर्यावरण के संरक्षण के उद्देश्य के साथ-साथ सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में पीडीए का पेड़ लगाया जा रहा है। यह पौधे सामाजिक समानता, समता की प्राणवायु देने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि नीम, बरगद और पीपल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होने के साथ साथ गरीब तबके का मजबूत सहारा भी हैं। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से इस कार्यक्रम को तन मन से लगकर पूरा करने और पार्टी द्वारा निर्धारित लक्ष्य पूरा करने का भी आह्वान किया।

PDA का सपा को मिला लाभ, पहली बार प्रदेश में 37 सीटें मिलीं

पहले समाजवादी पार्टी का नारा होता था एमवाई (मुस्लिम और यादव) लेकिन लोकसभा चुनाव में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक नया नारा गढ़ा, पीडीए यानी पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक। इसका असर था कि सपा प्रदेश में पहली बार 37 सीटें जीतने में कामयाब हुई।

लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने ओबीसी समुदाय से जुड़े 27, मुस्लिम समुदाय के चार, आरक्षित सीटों पर 15 दलित उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इस दांव का अखिलेश यादव को बड़ा लाभ मिला था। सपा जीत के इस फार्मूले को हाथ से फिसलने नहीं देना चाहती है। 2027 के विधानसभा चुनाव में भी सपा वोटरों के बीच इसी समीकरण के सहारे जाने की तैयारी में हैं।

Shashi kant gautam

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