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Gorakhpur News: SDM पिता की मौत के बाद मां ने बेटी शांभवी के सपने को जिंदा रखा, बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में मिला चौथा स्थान

Gorakhpur News: शांभवी ने वर्ष 2023 में बिहार एपीओ की परीक्षा में टॉप किया था। इसके बाद से उन्हें मुजफ्फपुर में सहायक अभियोजन के पद पर नियुक्ति मिली है। वर्तमा नमें गया में उनका प्रशिक्षण चल रहा है।

Purnima Srivastava
Published on: 29 Nov 2024 7:40 AM IST
Gorakhpur News: SDM पिता की मौत के बाद मां ने बेटी शांभवी के सपने को जिंदा रखा, बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में मिला चौथा स्थान
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SDM पिता की मौत के बाद मां ने बेटी शांभवी के सपने को जिंदा रखा, बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में मिला चौथा स्थान (social media)

Gorakhpur News: उतर प्रदेश के गोरखपुर के होनहारों का परचम बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा से लेकर भारतीय अभियांत्रिकी सेवा (आईईएस) में दिख रहा है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विविद्यालय की पूर्व छात्रा शांभवी सांकृत्यायन ने बिहार न्यायिक सेवा परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया है। पिछले वर्ष बिहार के सहायक अभियोजन अधिकिारी की परीक्षा में वे टॉपर रही थीं। शांभवी के पिता की वर्ष 2011 में ही मौत हो गई थी। इसके बाद मां ने बेटी के सपनों को साकार करने के लिए मेहनत की। बेटी के जज बनने के बाद पूरे परिवार और शुभचिंतकों को खुशी की लहर है।

शांभवी के पिता सुभाष चन्द्र पाण्डेय एसडीएम थे। वर्ष 2011 में उनका निधन हो गया था। उनका सपना था कि बच्चे सफलता की ऊंचाइयों को छुएं। इस दिशा में शांभवी ने बड़ी सफलता हासिल की है। इनकी माता वंदना पाण्डेय गोरखपुर जिलाधिकारी कार्यालय में स्टेनो हैं। इनकी छोटी बहन यशस्वी सांकृत्यायन आईआईएम रोहतक से एमबीए करने के बाद अमेजन चेन्नई में कार्यरत हैं। छोटे भाई सात्विक सांकृत्यायन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, हैदराबाद से बीए एलएलबी कर रहे हैं। बिहार की 32वीं न्यायिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा- 2023 परीक्षा में गोरखपुर महानगर के राप्तीनगर फेज-1 निवासी शांभवी को चौथा स्थान मिला है। शांभवी डीडीयू से सत्र 2022 की एलएलएम टॉपर भी हैं। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के वर्ष 2021 बैच के दो छात्रों ने वर्ष 2024 की प्रतिष्ठित भारतीय अभियांत्रिकी सेवा (आईईएस) परीक्षा में सफलता हासिल की है।

बिहार एपीओ की परीक्षा में किया था टॉप

शांभवी ने वर्ष 2023 में बिहार एपीओ की परीक्षा में टॉप किया था। इसके बाद से उन्हें मुजफ्फपुर में सहायक अभियोजन के पद पर नियुक्ति मिली है। वर्तमा नमें गया में उनका प्रशिक्षण चल रहा है। शांभवी ने बताया कि बिहार न्यायिक सेवा की 155 सीटों के लिए पिछले वर्ष ही वैकेंसी निकली थी। मेंस परीक्षा पिछले वर्ष नवम्बर में ही हुई थी। बीते 23 नवम्बर को साक्षात्कार हुआ था। मेंस और इंटरव्यू अच्छा होने के कारण उम्मीद थी कि चयन होगा। परिणाम में चौथा स्थान पाने के बाद उन्होंने घर और विश्वविद्यालय में इसकी खुशी साझा की। सफलता का श्रेय माता वंदना पाण्डेय, गुरुजनों वेद प्रकाश पाण्डेय व डॉ हरीश चन्द्र पाण्डेय आदि शिक्षकों व परिवार के लोगों को दिया है।

बलिया की रहने वाली है मां

शांभवी ने वर्ष 2019 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए एलएलबी उत्तीर्ण किया था। उससे पहले हाईस्कूल और इंटरमीडिएट लिटिल फ्लावर स्कूल गोरखपुर से की है। शांभवी मूल रूप से कुशीनगर जिले की निवासी हैं। उनकी माता बलिया जिले की हैं।

एमएमएमयूटी के दो छात्र आईईएस परीक्षा में सफल

मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीटेक सिविल इंजीनियरिंग के वर्ष 2021 बैच के दो छात्रों ने वर्ष 2024 की प्रतिष्ठित भारतीय अभियांत्रिकी सेवा (आईईएस) परीक्षा में सफलता हासिल की है। किशन कुमार रौनियार ने इसमें 25वीं रैंक हासिल की है। दिव्यांश त्रिपाठी ने ऑल इंडिया 62वीं रैंक हासिल की है। किशन ने पिछले वर्ष भी इस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल की थी। किशन वर्तमान में एनएचएआई में कार्यरित हैं। दिव्यांश भी एसएससी में पहले चयनित हुए थे। वहां से सीपीडब्ल्यूडी में जूनियर इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षण ले रहे हैं।



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Ragini Sinha

Ragini Sinha

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