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Gorakhpur News: युवा जोश में साइलेंट अटैक की नहीं हो रही जानकारी, अचानक ‘काल’ बन रहा हार्ट अटैक

Gorakhpur News: पूर्वांचल के मरीजों की उम्मीद बन कर उभर रहा गोरखपुर का एम्स भी अचानक हार्ट अटैक के बढ़े मामलों को लेकर अध्ययन कर रहा है। खास चिंता युवाओं को लेकर है।

Purnima Srivastava
Published on: 1 March 2025 8:17 AM IST
Gorakhpur News
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Gorakhpur News (Image From Social Media)

Gorakhpur News: कोरोना के बाद हार्ट अटैक के मामलों में हुई बेतहाशा बढ़ोतरी को लेकर चिकित्सा जगत में मंथन चल रहा है। पूर्वांचल के मरीजों की उम्मीद बन कर उभर रहा गोरखपुर का एम्स भी अचानक हार्ट अटैक के बढ़े मामलों को लेकर अध्ययन कर रहा है। खास चिंता युवाओं को लेकर है। एम्स की ओपीडी तस्दीक कर रही है कि प्रतिदिन तीन से चार युवा हार्ट की समस्या को लेकर एम्स पहुंच रहे हैं।

एम्स की इमरजेंसी में हर दिन औसतन चार से पांच लोग हार्ट अटैक से पीड़ित आ रहे हैं। इनमें युवाओं की उम्र 25 से 30 फीसदी के आसपास है। एम्स के चिकित्सकों के शुरुआती अध्ययन में पता चला है कि युवाओं को पहले अटैक की जानकारी ही नहीं हुई। दूसरी बार जब अटैक पड़ा, तब जाकर वह एम्स में इलाज के लिए पहुंचे।

हार्ट अटैक का असर सबसे अधिक पुरुषों पर है। महिलाओं में यह संख्या महज 10 से 12 फीसदी है। जिन महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले आए, उनकी उम्र 50 के पार थी। इस उम्र में मेनोपॉज कम हो जाता है। एस्ट्रोजन हार्मोन काफी कम मात्रा में बनने लगा। इसकी वजह से महिलाओं में हार्ट अटैक के मामले आए। एम्स के इमरजेंसी के डॉ. अरुण पांडेय ने बताया कि ऐसे मरीजों का डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया गया है। अध्ययन का नेतृत्व इमरजेंसी के डॉ. अरविंद कुमार कर रहे हैं। इनके साथ डॉ. अरुण, डॉ. सुहास, डॉ. सुब्रह्मण्यम शामिल हैं। डॉ. अरुण पांडेय ने बताया कि युवाओं को साइलेंट हार्ट अटैक की जानकारी पहले अटैक में हुई ही नहीं। इसमें सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ नहीं हुई। न ही मरीजों को पसीना आया। हालांकि साइलेंट अटैक में धमनियों में प्लाक जमा हो गया था। पीड़ितों ने मांसपेशियों के ऐंठन को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद दूसरी बार जब अटैक हुआ तो स्थिति गंभीर हुई, तब ऐसे मरीज एम्स पहुंचे।

साल भर में बढ़ गए 30 फीसदी मामले

2023 में 1200 के आसपास मरीज एम्स की इमरजेंसी में हार्ट अटैक की दिक्कत लेकर पहुंचे। 2024 में यह आंकड़ा 1800 के आसपास पहुंच गया। दोनों वर्षों में युवाओं की संख्या करीब 20 से 25 फीसदी रही है। इनकी उम्र 25 से 45 वर्ष के बीच है। डॉ. अरुण ने बताया कि वैसे तो हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं।



Ramkrishna Vajpei

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