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Gorakhpur News: अब 480 वर्ग मीटर एरिया में बन सकेगा सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट, शासन को इसलिए लेना पड़ा निर्णय
Gorakhpur News: स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में बनने वाले सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के जमीन का मानक 1500 वर्ग मीटर था। जिससे ग्राम प्रधान जमीन की उपलब्धता नहीं होने की बात कहते हुए हाथ खड़ा कर दे रहे थे।
Gorakhpur News: स्वच्छ भारत मिशन के तहत गांवों में बनने वाले सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट के जमीन का मानक 1500 वर्ग मीटर था। जिससे ग्राम प्रधान जमीन की उपलब्धता नहीं होने की बात कहते हुए हाथ खड़ा कर दे रहे थे। पूरे प्रदेश से मिल रही दिक्कतों का संज्ञान लेते हुए शासन ने मानक में राहत दी है। अब 1500 वर्ग मीटर के मानक के जगह 480 वर्ग मीटर में ही कूड़ा निस्तारण केन्द्र बनाया जा सकेगा। सीडीओ की तरफ से ग्राम प्रधानों और सचिवों को संदेश भेजा जा रहा है। साथ में चेतावनी दी जा रही है कि अब जो ग्राम प्रधान सालिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर लापरवाही करते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
गोरखपुर जिले में कुल 736 ग्राम पंचायतों में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट बनाने लक्ष्य है। लेकिन अभी तक 10 प्लांट का निर्माण भी पूरा नहीं हो सका है। 600 से अधिक ग्राम प्रधानों की दलील है कि ग्राम पंचायत में बड़ी जमीन नहीं होने से सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का प्लांट नहीं बन पा रहा है। शासन की तरफ से ग्राम सभा को प्रत्येक परिवार 340 रुपये के हिसाब से कूड़ा निस्तारण केन्द्र के लिए बजट भी जारी कर दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन फेज टू के जिला समन्वयक बच्चा सिंह का कहना है कि कूड़ा निस्तारण केन्द्र को लेकर पहले के मानक 1500 वर्ग मीटर को शिथिल करते हुए 480 वर्ग मीटर कर दिया गया है। ऐसे में ग्राम पंचायतों से जल्द निर्माण की प्रक्रिया शुरू करने को कहा गया है। चयनित सभी 736 ग्राम पंचायतों में बजट का आवंटन के बाद भी लेटलतीफी हो रही है। काम नहीं होने पर धन वापस हुआ तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रदेश में फिसड्डी दिख रहा गोरखपुर
डीपीआरओ कार्यालय के मुताबिक, कूड़ा निस्तारण को लेकर पूरे प्रदेश में गोरखपुर की प्रगति बेहद खराब है। उधर, ग्राम प्रधानों की दलील है कि कूड़ा निस्तारण केन्द्र को लेकर गांव में राजनीति हो रही है। कोई भी व्यक्ति अपने घर के पास कूड़ा निस्तारण केन्द्र का निर्माण नहीं होने देना चाहता है।