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सार्वजनिक क्षेत्र का ऐसा बैंक जिसने मुर्दों को दे दिया लोन, यूपी के इस जिले में यह बैंक
Gorakhpur News: मुकदमा दर्ज करने के बाद गोरखपुर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जिसमें शाखा प्रबंधक और दलाल पंकज मणि त्रिपाठी की मिलीभगत से मुर्दों को लोन मिला है।
Gorakhpur News: क्या मुर्दों को भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से ऋण मिल सकता है? हर किसी का जवाब होगा, ये तो मुमकिन नहीं है। लेकिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारतीय स्टेट बैंक की जंगल कौड़िया शाखा से 20 से अधिक मुर्दों को ऋण दे दिया गया। अब जब मामला खुला है कि स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक समेत तीन पर 80 लाख रुपये हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ है।
मुकदमा दर्ज करने के बाद गोरखपुर पुलिस की जांच आगे बढ़ रही है तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। जिसमें शाखा प्रबंधक और दलाल पंकज मणि त्रिपाठी की मिलीभगत से मुर्दों को लोन मिला है। पहले जानते हैं कि एसबीआई के प्रबंधक और दलाल पंकज त्रिपाठी की मिलीभगत से किन मृतकों को लोन मिला। अहिरौली गांव निवासी श्रीराम निषाद की मौत को 9 साल हो चुके हैं, उनके नाम से पंकज 3 लाख रुपये का लोन कराया था। वहीं, जिंदपुर गांव निवासी बंसी सिंह की मौत भी काफी पहले हो चुकी है, उनके नाम पर 10 लाख से अधिक का लोन कराया था। अब तक की जांच में ऐसे दो दर्जनों मामले सामने आए हैं, जिसमें उन लोगों के नाम लोन हुआ, जो कि अब इस दुनिया में है ही नहीं। मुर्दों का लोन कराकर पंकज त्रिपाठी ने काफी संपत्ति अर्जित की। उसके पास वर्तमान में तीन लग्जरी गाड़ी के साथ-साथ सरहरी -महाराजगंज चौराहे पर लाखों की जमीन, रसूलपुर चकिया चौराहे पर बॉबीज के नाम से रेस्टोरेंट है। वहीं, शेरपुर चमराह टोल प्लाजा पर न्यू होटल बॉबीज 2 के नाम होटल खोलने की तैयारी कर रहा है।
कैंटीन ब्वॉय बन गया आठ साल में करोड़पति
जंगल कौड़िया स्टेट बैंक से मुर्दों के नाम पर लोन जालसाजी में शामिल कैंटीन ब्वॉय आठ साल में करोड़पति बन गया। इलाके के रिटायर्ड लोगों के बारे में पंकज को पूरी जानकारी थी। वह उन पर नजर रखता था और मौत के बाद लोन कराकर रुपये हड़प लेता था। अपने इलाके के सेवानिवृत्ति लोगों को निशाना बनाकर पंकज ने शाखा प्रबंधक के साथ मिली भगत करते हुए दो दर्जन से अधिक मरे हुए व्यक्तियों का लोन करवा दिया और उनका पैसा परिवार के अकाउंट में क्रेडिट करवा दिया। पंकज के परिवार में ग्राहक सेवा केंद्र एसबीआई के तीन ग्राहक सेवा केंद्र रजिस्टर्ड थे, उनके खाते में पैसा भेजवाता था फिर पैसा निकाल कर शाखा प्रबंधक व अन्य के लोगों के बीच बंटवारा होता था। पुलिस की जांच में अब यह मामला लाखों से करोड़ों तक पहुंच सकता है।
कौन है मुर्दों का लोन कराने वाला पंकज
जंगल कौड़िया क्षेत्र के बलुवा गांव निवासी 20 वर्षीय पंकज मणि त्रिपाठी के पिता एलआईसी एजेंट हैं। पंकज 2015 में सिहोरवा बैंक शाखा प्रबंधक की नजर में आया और बैंक में छोटे-मोटे काम करने लगा। कुछ दिन बाद उसने बैंक कर्मी के सहयोग से सिहोरवा बाजार एसबीआई बैंक के कुछ दूरी पर एसबीआई का जन सेवा केंद्र ले लिया। 2016 में वह कौड़िया भारतीय स्टेट बैंक शाखा प्रबंधक के नजर में आया और उसने बैंक मैनेजर से तालमेल बैठा लिया। प्रबंधक ने उसे कैंटीन ब्वॉय बना दिया। हालांकि पंकज ने लोगों से बताया कि उसकी बैंक में नौकरी लग गई है। पकड़ अच्छी हुई तो शाखा प्रबंधक ने कैंटीन ब्वॉय पंकज की लग्जरी गाड़ी फाइनेंस कर दी। पंकज ने उस गाड़ी को शाखा प्रबंधक को चलने के लिए दे दिया।