TRENDING TAGS :
Gorakhpur: तिवारी हाता के बाहर समर्थकों ने किया ED के खिलाफ प्रदर्शन
Gorakhpur News: हरि शंकर तिवारी के आवास के बाहर समर्थकों ने ED छापे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के बड़े भाई से घंटों पूछताछ हुई।
Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर में पूर्व मंत्री स्व.हरिशंकर तिवारी के बेटे और पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी के धर्मशाला बाजार स्थित आवास पर शुक्रवार की सुबह 5 बजे से चल रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) की छापेमारी शाम 6 बजे खत्म हो गई। करीब 13 घंटे की इस छापामारी के दौरान पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर के छोटे बेटे विनय शंकर तिवारी तो यहां नहीं मिले। लेकिन, बड़े बेटे भीष्म शंकर तिवारी उर्फ कुशल तिवारी से ED की टीम ने घंटों पूछताछ की। टीम के जाने के बाद मीडिया से बातचीत में विनय शंकर के भाई और पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी ने कहा कि लोकसभा चुनाव सामने है, ऐसे में दबाव बनाने के लिए छापेमारी हो रही है।
ऐसे में दबाव बनाने के लिए हो रही छापेमारी
कुशल तिवारी ने कहा, ‘चुनाव नजदीक आ गया है। विपक्ष के लोगों पर दबाव बनाने के लिए अब इस तरह की छापेमारी शुरू हो गई है। जो मामला कोर्ट में लंबित है, कोर्ट में लगातार डेट पड़ रही है और सुनवाई हो रही है, उस मामले में कोई भी संस्था कैसे छापा मार सकती है। ED टीम पूरी दलबल के साथ सुबह 5 बजे पहुंची और शाम के करीब 6 बजे तक छापा मारा गया। घर के बाहार ताला लगा दिया गया। अधिकारी पूरी तरह उत्पीड़न के मूड में दिख रहे थे। करीब 13 घंटे के दौरान ED को यहां कुछ नहीं मिला। बता दें कि विनय शंकर तिवारी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत बड़ी कार्रवाई चल रही है। 3 महीने पहले भी ED ने बाहुबली स्व. पंडित हरिशंकर तिवारी के बेटे और गोरखपुर के चिल्लुपार विधानसभा से बसपा के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की करीब 73 करोड़ की संपत्तियां जब्त की थी। यह कार्रवाई विनय शंकर के साथ ही उनके परिवार से जुड़ी कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड पर हुई है। ED की यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत काफी दिनों से चल रही है।
तिवारी हाता के बाहर समर्थकों ने की नारेबाजी
ईडी की छापेमारी के दौरान तिवारी हाता पर समर्थकों की भारी भीड़ जुटी रही और विरोध प्रदर्शन भी हुआ। ED टीम तिवारी हाता में रेड करती रही तो बाहर समर्थक नारा लगाकर इस रेड का विरोध जताते रहे। विरोध करने वालों ने कहा कि राजनीति में इस तरह की कार्रवाई निंदनीय है। इस तरह की कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। विपक्ष के लोगों पर राजनीति के लिए इस तरह से दबाव बनाया जाएगा, ऐसा इससे पहले कभी नहीं हुआ है। सरकार जो कुछ भी कर रही है, वह चुनाव के दबाव में कर रही है। किसी भी संस्था को राजनीति के लिए हथियार बनाकर प्रयोग किया जाए यह पूरी तरह गलत है।'