TRENDING TAGS :
UP Politics: महराजगंज से कांग्रेस टिकट पर सुप्रिया श्रीनेत लड़ेंगी चुनाव या फिर वीरेन्द्र चौधरी? अमरमणि के परिवार की जानिए तैयारी?
UP Politics: पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत पिछली बार लोकसभा चुनाव में टीवी पत्रकारिता छोड़कर उतरी थीं तो उनके पास पिता के विरासत को बताने के सिवा कुछ नहीं था।
UP Politics: समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के लिए जिन 11 लोकसभा सीटों से अपनी दावेदारी छोड़ी है, उसमें से एक महराजगंज की सीट मानी जा रही है। ऐसे में सपा नेता तो खामोश हैं लेकिन कांग्रेस खेमे में हलचल दिख रही है। लेकिन लोगों के जेहन में सवाल घूम रहा है कि महराजगंज से कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की तेज तर्रार प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत चुनावी मैदान में थीं। लेकिन उनके प्रदर्शन को लेकर टिकट की गारंटी नहीं मानी जा रही है। ऐसे में कुछ लोग फरेंदा से कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र चौधरी का नाम उछाल रहे हैं। वहीं पूर्व सांसद अखिलेश सिंह की भी सक्रियता बढ़ी है। महराजगंज की सियासत में अहम केन्द्र अमरमणि त्रिपाठी के परिवार का इस बार क्या रोल रहता है इसे लेकर भी कयास लग रहे हैं।
पूर्व सांसद हर्षवर्धन की बेटी सुप्रिया श्रीनेत पिछली बार लोकसभा चुनाव में टीवी पत्रकारिता छोड़कर उतरी थीं तो उनके पास पिता के विरासत को बताने के सिवा कुछ नहीं था। लेकिन वर्तमान में वह उन चुनिंदा कांग्रेस प्रवक्ता में शुमार हैं, जिन्हें भाजपा भी इग्नोर नहीं कर पाती है। लेकिन कांग्रेस सुप्रिया को टिकट देती है तो सवाल उनकी लोकसभा में पकड़ और जातिगत समीकरण को लेकर है। पिछले लोकसभा चुनाव में वह 72516 वोटों पर सिमट गई थीं। वही सपा के अखिलेश सिंह 3 लाख 85 हजार से अधिक वोट पाकर दूसरे नंबर पर रहे थे। भाजपा के पंकज चौधरी 726349 वोट पाकर लंबे अंतर से छठवीं बार संसद पहुंचे थे।
सुप्रिया का प्रदर्शन अन्य नेताओं के लिए उम्मीद का द्वार खोलता है। वैसे तो सपा से लड़ चुके अखिलेश सिंह किसानों के नाम पर ‘पूर्वांचल किसान यूनियन’ संगठन बनाकर अपनी सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस में सेटिंग हुई तो वह मैदान में उतर सकते हैं। दीगर है कि उनके छोटे भाई कौशल किशोर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह नौतनवा विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर ही अमरमणि को हराने में सफल हुए थे। हालांकि कांग्रेस का एक खेमा पंकज चौधरी के विरोध में जातिगत समीकरण को देखते हुए वीरेन्द्र चौधरी को मैदान में देखना चाहता है। वहीं सपा की राजनीति कर रहे पूर्व विधान परिषद अध्यक्ष गणेश शंकर पांडेय लोकसभा चुनाव को लेकर सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। हालांकि वह महराजगंल के लिए अनजान चेहरे नहीं है।
अमरमणि क्या करेंगे?
महराजगंज की सियासत में बड़ा सवाल यह है कि लंबे समय बाद जेल से छूटे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और उनके परिवार की सियासी रणनीति क्या होती है। जानकार मानते हैं कि अमरमणि भले ही जेल से रिहा हो गए हों लेकिन बस्ती में व्यापारी के अपहरण कांड में वह बुरी तरह फंसे दिख रहे हैं। इसे हर कोई जानता है कि अमरमणि किसके आशीर्वाद से जेल से बाहर हैं। ऐसे में वह लोकसभा चुनाव में मुखर होंगे इसकी संभावना काफी कम है। हालांकि यह जानना जरूरी है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत से पहले अमरमणि त्रिपाठी की बेटी तनुश्री को ही उम्मीदवार घोषित किया था।