Gorakhpur News: कुलपति को समस्याओं को लेकर 69 बार भेजा रिमाइंडर, DDU के सस्पेंड प्रोफेसर के आरापों से फिर विवादों में यूनिवर्सिटी

Gorakhpur News: बायोटेक्नोलॉजी के प्रो. जोन्नाडा के मुताबिक पिछले दो वर्षों से उनका ऑनलाइन आईडी और पासवर्ड ब्लॉक कर दिया गया है। इसी वजह से समर्थ पोर्टल पर भी वे छुट्टी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 3 Sep 2024 1:45 AM GMT
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Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी का विवादों से पुराना नाता है। पूर्व कुलपति प्रो.राजेश सिंह के जाने के बाद यूनिवर्सिटी में शैक्षणिक माहौल बना था, लेकिन बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रोफेसर के निलंबन और उनके द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद यूनिवर्सिटी फिर विवादों में है। प्रोफेसर का कहना है कि क्षेत्रवाद के चलते उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उनका दावा है कि हाजिरी के लिए जरूरी आईडी पासवर्ड के लिए उन्होंने कुलपति को 69 बार रिमाइंडर भेजा लेकिन उनकी समस्या दूर नहीं हुई। उल्टे 4 दिन के वेतन की कटौती कर दी गई।

बायोटेक्नोलॉजी के प्रो. जोन्नाडा के मुताबिक पिछले दो वर्षों से उनका ऑनलाइन आईडी और पासवर्ड ब्लॉक कर दिया गया है। इसी वजह से समर्थ पोर्टल पर भी वे छुट्टी के लिए आवेदन नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से उन्हें छुट्टी के लिए ऑफलाइन आवेदन करना होता है। बीते 20 से 23 अगस्त तक वे अवकाश पर थे। उन्होंने इस अवकाश के सम्बंध में विभागीय कर्मचारी को आवेदन पत्र देकर विभागाध्यक्ष को सौंपने के लिए कहा था। अब वेतन जारी होने पर पता चला कि चार दिन का सीएल स्वीकृत नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक वे यहां से हटेंगे नहीं।

उन्होंने डीडीयू प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रो. जोन्नाडा ने दावा किया कि उन्होंने कई समस्याओं को लेकर कुलपति को एक साल पहले पत्र लिखा था। उसके बाद 69 बार रिमाइंडर भेज चुके हैं। लेकिन उनकी समस्याओं का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। कुलसचिव कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी के मुताबिक, करीब दो वर्ष पूर्व तत्कालीन कुलपति प्रो. राजेश सिंह के कार्यकाल से ही इनकी आईडी व पासवर्ड ब्लॉक थी। पूर्व कुलपति के कार्यकाल में 11 दिनों का वेतन बाधित हुआ था। वर्तमान कुलपति के आदेश पर वह वेतन जारी किया गया था। समर्थ पोर्टल पर कार्य शुरू होने के बाद आईडी और पासवर्ड प्रो. जोन्नाडा के ईमेल पर भेज दी गई थी। अवकाश का आवेदन भी प्रो. जोन्नाडा के लौटने के बाद प्राप्त हुआ है।

निलंबन के दौरान नियंता कार्यालय से हुए संबद्ध

डीडीयू प्रशासन ने निलंबन के सम्बंध में जारी विज्ञप्ति में आरोप लगाया है कि प्रो. जोन्नाडा ने सुबह कार्यालय खुलने के समय विभागीय, शैक्षणिक एवं कार्यालयी कार्यों में बाधा उत्पन्न की। रिसर्च लैब में कार्य कर रहे एक प्रोफेसर को अपशब्द कहते हुए लैब के दरवाजे को लात मारकर क्षतिग्रस्त कर बाहर निकलने पर विवश कर दिया। उसके बाद विभाग के गेट पर ताला जड़कर विद्यार्थियों और अन्य विभागीय शिक्षकों का विभाग में प्रवेश कार्य अवरूद्ध कर दिया। कुलपति के आदेश के अनुपालन में विश्वविद्यालय परिनियम के प्रावधानों के तहत प्रो. जोन्नाडा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। उन्हें नियंता कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। विभाग में उनका प्रवेश वर्जित कर दिया गया है।

सोमवार से चालू घमासान अभी भी जारी, प्रोफेसर के अनशन पर बैठने की अटकले

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग में सोमवार को घमासान मच गया। सीनियर प्रोफेसर जोन्नाडा एवी प्रसादा राव ने डीडीयू प्रशासन पर मनमानी कर चार दिन का वेतन काटने का आरोप लगाते हुए हंगामा खड़ा कर दिया। सुबह 9 बजे पहुंचकर विभाग का गेट बंद कर दिया। गेट खोलने गए चीफ प्रॉक्टर प्रो. सतीश चन्द्र पाण्डेय से धक्का-मुक्की की तस्वीरें वायरल हो रही हैं। कुलसचिव और डीन साइंस प्रो. शांतनु रस्तोगी से भी जमकर बहस हुई। बायोटेक्नोलॉजी विभाग में पहुंचकर प्रोफेसर द्वारा हंगामा करने की सूचना के बाद कैंट थाने की पुलिस को सूचना दी गई। इसके बाद पुलिस और एलआईयू की टीम वहां पहुंची। इस दौरान विभिन्न विभागों के शिक्षक भी वहां पहुंचकर प्रो. जोन्नाडा से बात करते दिखे।

Shalini singh

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