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Gorakhpur: कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय का तंज, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में 450 रुपये में सिलेंडर तो यूपी से भेदभाव क्यो?
Gorakhpur News: प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनावी राज्यों में पीएम नरेन्द्र मोदी 450 रुपये में रसोई सिलेंडर देने का दावा कर रहे हैं। यूपी में भाजपा की सरकार है। यूपी में भी लोगों को 450 रुपये में सिलेंडर मिलना चाहिए।
Gorakhpur News: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय मंगलवार को पूर्व राज्यपाल स्व.महावीर प्रसाद के पैतृक गांव गोरखपुर के उज्जरपार में थे। वहां पूर्व राज्यपाल की प्रतिमा का लोकार्पण करने के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने केन्द्र की मोदी और प्रदेश की योगी सरकार पर जमकर भड़ास निकाली। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चुनावी राज्यों में पीएम नरेन्द्र मोदी 450 रुपये में रसोई सिलेंडर देने का दावा कर रहे हैं। यूपी में भाजपा की सरकार है। यूपी में भी लोगों को 450 रुपये में सिलेंडर मिलना चाहिए। आगामी 30 नवम्बर को पूरे प्रदेश में इस मांग को लेकर कांग्रेस प्रदर्शन करेगी।
भाजपा की सरकार कर रही है भेदभाव
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यूपी की जनता के साथ भाजपा की सरकार भेदभाव कर रही है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में भाजपा की नीयत को तब ठीक मान लिया जाता जब वह यूपी में भी लोगों को 450 रुपये में सिलेंडर मुहैया कराये। यहां के लोगों को अभी भी 1000 रुपये में सिलेंडर मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार कर्नाटक और हिमाचल में भाजपा को शिकस्त मिली है, वैसा ही हश्र पांच राज्यों में होगा।
प्रदेश की योगी सरकार पर हमला करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि योगी सरकार आस्था के नाम पर लोगों की भावनाओं से खेल रही है। महंगाई के मुद्दे पर नाकाम योगी सरकार आस्था का कार्ड खेलकर भ्रमित कर रही है। आस्था एक दीया जलाने से भी भगवान के प्रति रहती है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के समय धुरियापार चीनी मिल की शुरूआत हुई थी। जो यहां के विकास पुरुष महावीर प्रसाद की देन थी। आज चीनी मिल बंद है। तब के समय में कांग्रेस के समय में हर कार्यकर्ता जिलाध्यक्ष था, विधायक था।
प्रतिमा का हुआ अनावरण
सर्व समाज में शिक्षा का अलख जगाने के लिए पूर्व राज्यपाल महावीर प्रसाद ने स्व. उदासी देवी शिक्षा एवं जनसेवा संस्थान की स्थापना की थी। उनकी प्रतिमा का अनावरण लोगों में उनके योगदान की याद दिलाएगा। इस दौरान पूर्व सांसद कमान्डो कमल किशोर, मनोज यादव, महेंद्र मिश्रा, पारस सिंह कौशिक, हजारी लाल जायसवाल, पंडित हरिराम मधुकर, मधुसूदन त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे।