TRENDING TAGS :
Gorakhpur News: पाक और चीन से आया वायरस दे रहा आंखों को दर्द, शोध में खुलासे से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
Gorakhpur News: पिछले साल मानसून सीजन में गोरखपुर में हैमरेजिक कजक्टिवाइटिस के 600 से ज्यादा मरीज पाए गए थे।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा शोध संस्थान (आरएमआरसी) के वैज्ञज्ञनिकों द्वारा जीनोम सीक्वेंसिंग और जीन मैपिंग आधारित रिसर्च में खुलासा हुआ है कि पिछले साल कहर बरपाने वाले हैमरेजिक कंजंक्टिवाइटिस का वायरल पाकिस्तान और चीन से आया था। करीब आठ महीने तक चली रिसर्च की अगुवाई संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गौरव राज द्विवेदी ने की। रिसर्च टीम ने कंजंक्टिवाइटिस के कारक वायरस की पहचान के साथ उसके प्रसार की निगरानी भी की। शोध के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है। बता दें कि पाकिस्तान और चीन से आए वायरस ने पिछले साल उत्तर प्रदेश से लेकर पूर्वोत्तर के राज्यों तक हैमरेजिक कंजंक्टिवाइटिस (नेत्र शोथ) का कहर बरपाया था। रिसर्च में पता चला कि 75 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में संक्रमण की वजह कॉक्सकी ए-24 वायरस था।
हैमरेजिक कजक्टिवाइटिस के मिले थे 600 से अधिक मामले
पिछले साल मानसून सीजन में गोरखपुर में हैमरेजिक कजक्टिवाइटिस के 600 से ज्यादा मरीज पाए गए थे। संक्रमण के कारणों की पहचान के लिए आरएमआरसी की शोध टीम ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में आए 128 मरीजों की आंखों से स्मीयर्स के नमूने लिए। जीनोम सीक्वेंसिंग में संक्रमण का सबसे बड़ा कारण कॉक्सकी ए-24 वायरस पाया गया। इस वायरस की जीनोम सीक्वेंसिग व जीन मैपिंग पाकिस्तान और चीन में मिले स्ट्रेन के साथ कराई गई तो 99.9 फीसदी समरूपता मिली।
128 नमूनों में से 96 में पाकिस्तान और चीन का वायरस
रिसर्च में जिन 128 नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग और जीन मैंपिंग कराई गई, उनमें से 96 में पाकिस्तान और चीन में पाया गया कॉक्सकी ए-24 वायरस मिला। सिर्फ 32 नमूने ही ऐसे रहे जिनमें बैक्टीरिया व फंगल इन्फेक्शन मिला। शोध करने वाली टीम के मुताबिक, आमतौर पर कंजंक्टिवाइटिस बैक्टीरियल, फंगल और वायरल इन्फेक्शन से होता हैं। इस रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय जर्नल इंट्रो वायरोलॉजी ने स्वीकृति दे दी है। आने वाले संस्करण में यह पेपर प्रकाशित होगा।