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Gorakhpur News: गोरखपुर से अधिक माफिया बस्ती जिले में, बुद्ध की धरती सिद्धार्थनगर में इतने माफिया
Gorakhpur News: गोरखपुर में बस्ती के मुकाबले माफियाओं की संख्या भले ही कम हो लेकिन ये खतरनाक श्रेणी के हैं। बस्ती जिले के 65 माफियाओं पर 452 मुकदमे हैं तो वहीं गोरखपुर के 63 माफियाओं पर 623 मुकदमे दर्ज हैं। माफियाओं की संख्या में तीसरे नम्बर पर सिद्धार्थनगर है
Gorakhpur News: कानून व्यवस्था के राज को लेकर लगातार दावे कर रहे प्रदेश सरकार में माफिया की संख्या में कोई कमी नहीं आ रही है। दिलचस्प यह है कि इन माफियाओं की संपत्ति जब्त हो रही है। बुलडोजर की कार्रवाई सुर्खियां भी बंटोर रही है। लेकिन इन्हें सजा दिलाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। गोरखपुर-बस्ती परिक्षेत्र की बात करें तो सर्वाधिक माफिया बस्ती जिले में हैं। जहां इनकी संख्या गोरखपुर के 63 के मुकाबले 65 है। वहीं बुद्ध की धरती सिद्धार्थनगर में भी माफियाओं की संख्या बढ़ रही है। जिले में 48 माफिया पुलिस की फाइल में दर्ज हैं।
गोरखपुर में बस्ती के मुकाबले माफियाओं की संख्या भले ही कम हो लेकिन ये खतरनाक श्रेणी के हैं। बस्ती जिले के 65 माफियाओं पर 452 मुकदमे हैं तो वहीं गोरखपुर के 63 माफियाओं पर 623 मुकदमे दर्ज हैं। माफियाओं की संख्या में तीसरे नम्बर पर सिद्धार्थनगर है, जहां 48 माफिया हैं और उन पर 395 केस दर्ज हैं। दिलचस्प है कि गोरखपुर के 63 माफियाओं पर 623 मुकदमे दर्ज हैं लेकिन अभी एक को भी सजा नहीं हो सकी है। पुलिस द्वारा दर्ज मामलों में ज्यादातर में सुलह-समझौता हो रहा है। फरार माफिया वादियों पर दबाव बनाकर मुकदमें खारिज करा रहे हैं।
गोरखपुर में जब्त हुई 10 अरब से अधिक की संपत्ति
इनमें सुधीर सिंह, विनोद उपाध्याय, राकेश यादव और राजन तिवारी को प्रदेशस्तरीय माफिया की सूची में शामिल किया गया है। ज्यादातर माफिया जेल में हैं। उन पर गैंगेस्टर के साथ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई भी हुई है। जिले में एक साल में 10 अरब से ज्यादा की संपत्ति जब्त हुई है। प्रदेश स्तरीय माफियाओं के मुकदमों में पैरवी के लिए नोडल भी बनाए गए हैं। इसके बावजूद पुलिस, माफिया के मुकदमों का ट्रायल नहीं पूरा करा पा रही है, क्योंकि गवाही पूरी न होने से मामला खिंच रहा है।
चार खतरनाक माफियाओं में दो जेल में
गोरखपुर के चार माफिया प्रदेशस्तरीय सूची में हैं। इनपर 125 केस दर्ज हैं। इनमें दो जेल में हैं तो एक जमानत पर और एक फरार है जिस पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित है। इधर, माफियाओं के मुकदमों का ट्रायल न सिर्फ लंबा खिंच रहा है बल्कि ज्यादातर में सुलह-समझौता हो गया है।