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World Eye Donation Day: कागजों में बन गए आंखों के दानवीर, मौत के बाद परिवार वाले नहीं दे रहे सूचना
World Eye Donation Day: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.रामकुमार जायसवाल कहते हैं कि नेत्रदान के इच्छुक लोग शपथ पत्र भरने से पहले अपने परिवार को अवश्य राजी करें। उनके निधन के बाद परिवार के लोग सूचना ही नहीं देते हैं।
World Eye Donation Day: नेत्रदान को लेकर जागरूकता का नतीजा है कि गोरखपुर के 670 लोगों ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आंखों के लिए रजिस्ट्रेशन भी कराया हैं। ये लोग कागजों में तो दानवीर हो गए लेकिन उनके निधन के बाद परिजन कार्निया दान करने से हिचक जाते हैं। इसी का नतीजा है कि गोरखपुर में 265 लोगों के सामने से आंखों का अंधेरा अभी दूर नहीं हो रहा है।
नेत्रदान के लिए लोगों को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। जिससे व्यक्ति की मौत के बाद आंखों के बीच मौजूद एक पतली सी झिल्ली यानी कार्निया निकाली जाती है। इस झिल्ली के नहीं मिलने से जिले के 265 लोगों के जीवन में अंधेरा कर रखा है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेत्र रोग विभाग में कार्निया के इंतजार करने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। चिकित्सक इसकी वजह लोगों में कार्निया दान को लेकर जागरूकता का अभाव बता रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि अपनों के निधन के बाद परिजन कार्निया दान कर दूसरों के जीवन में उजाला ला सकते हैं। इसे नेत्रदान कहते हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.रामकुमार जायसवाल कहते हैं कि नेत्रदान के इच्छुक लोग शपथ पत्र भरने से पहले अपने परिवार को अवश्य राजी करें। उनके निधन के बाद परिवार के लोग सूचना ही नहीं देते हैं। ऐसे में शपथ पत्र का कोई अर्थ ही नहीं निकलता। नेत्र दान में आंख नहीं केवल कार्निया निकाली जाती है।
मौत के छह घंटे के अंदर निकाला जाता है कार्निया
किसी के निधन के सिर्फ छह घंटे के अंदर ही कार्निया निकाला जा सकता है। पिछले वर्ष केवल दो लोगों ने नेत्रदान दिए है। इससे चार लोगों की जिदंगी में उजाला हो सका। जबकि निजी अस्पताल में भी दो व्यक्तियों के परिजनों ने नेत्रदान किया था। इसके बाद चार लोगों की जिदंगी रोशन हुई। बीआरडी में इस वर्ष जनवरी में बीएचयू से मिले तीन कार्निया तीन अलग-अलग लोगों को प्रत्यारोपित किए गए। एम्स में आई बैंक के लिए बीआरडी मदद करेगा, एम्स में कार्निया प्रत्यारोपण शुरू होने जा रहा है। एम्स का नेत्ररोग विभाग इसकी तैयारी कर रहा है। इसके साथ ही जल्द एम्स में आई बैंक शुरू करने जा रहा है। इसके लिए बीआरडी मेडिकल कालेज एम्स की मदद करेगा। एम्स के नेत्र रोग विभाग ने इसके लिए पहल की है। दोनों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी होंगे।