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यूपी के इस सरकारी स्कूल में एडमिशन के लिए लगती है लाइन, जानिए क्यों
कौशांबी : सरकारी स्कूल के नाम पर नाक भौ सिकोड़ने वालों के लिए यहाँ का एक सरकारी स्कूल नजीर बन गया है। आलम ये है, कि इस स्कूल में दाखिला लेने के लिए लोग लंबे-लंबे जुगाड़ लगाने लगे हैं। जलवा ही कुछ ऐसा है इसका। यहाँ 400 से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। क्लास में प्रोजेक्टर व कंप्यूटर पर बच्चों को पढाई कराई जाती है। हम बात कर रहे हैं, लौधना सरकारी स्कूल की। यह स्कूल कौशांबी से 25 किमी दूर है।
लौधना के इस स्कूल में प्राइमरी से लेकर 10वीं तक की क्लास लगती हैं। प्राइमरी में जहाँ गत वर्ष 130 बच्चे थे, वहीँ इस बार 316 हैं। जूनियर में गत वर्ष 31 थे जो बढ़कर 84 हो गए हैं। 9वीं और 10वीं की बात करें तो गत वर्ष सिर्फ 7 थे जो इसबार 25 हो गए हैं। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कई निजी स्कूलों के लगभग 200 बच्चे इस साल यहाँ आ गए हैं हैं।
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इस स्कूल के प्रधानाध्यापक हैं पंकज सिंह, जो पिछले वर्ष ही यहाँ आए हैं। पंकज भी इसी स्कूल के छात्र रहे हैं और इसी गांव के निवासी भी हैं। 2005 में शिक्षक बने पंकज सिंह कहते हैं मैंने इसे बदलने की ठानी और अपनी कोशिश में काफी हद तक सफल भी हुआ हूं।
पंकज जब इस स्कूल में ट्रांसफर होकर आए तो ये भी आम सरकारी स्कूल जैसा ही था लेकिन उनके दिल में चाहत थी कि वो इसे बदल देंगे इसके लिए उन्होंने अपने पास से करीब दो लाख रुपये खर्च किए, इस पैसे से उन्होंने काफी कुछ बदला। गत वर्ष पंकज आसपास के घरों में जाकर स्कूल के बारे में लोगों को बताते और उनको अश्वासन देते की हमारे स्कूल में गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई होती है, विषय की जानकारी आधुनिक तरीके से दी जाती है।
अभिभावकों ने पहले स्कूल में पढ़ाई का स्तर देखा, और उसके बाद तो बच्चों के प्रवेश के लिए लाइन ही लग गई। सरकार ने बच्चों को ड्रेस दिया, लेकिन पंकज ने देखा, ड्रेस की गुणवत्ता खराब थी तो उसे लौटा दिया, और अपने पैसे से इसका इंतजाम किया।
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वैसे कुछ मामलों में ये भी अन्य सरकारी स्कूलों जैसा ही है लेकिन यहाँ जज्बे की कमी नहीं है जैसे कि आपको बता दें प्राइमरी में सिर्फ 6 टीचर हैं जबकि होने 10 चाहिए, वहीँ जूनियर में 3, 9वीं व 10वीं में 2 टीचर हैं। लेकिन पंकज ने पीरियड की व्यवस्था ऐसे निर्धारित की है कि सभी क्लास में टीचर मौजूद होते हैं। यहाँ बच्चों के शारीरिक विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है।
जिले बेसिक अधिकारी महाराज स्वामी कहते हैं, कि यह स्कूल जिले का माडल स्कूल बनेगा, मै स्वयं स्कूल का निरीक्षण करूँगा और व्यवस्था को और अधिक मजबूत करूँगा।