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बुलंदशहर की घटना पर सरकारी डॉ. नाराज, CM को पत्र लिख की हस्तक्षेप की मांग
पीएमएस के अध्यक्ष डा. सचिन वैश्य ने कहा है कि अगर समय रहते प्रशासनिक अधिकारी अपने आरचरण और व्यवहार में परिवर्तन नही लाते है तो विवश होकर चिकित्सकों को अपने मान सम्मान की रक्षा के लिये आन्दोलनरत होना पड़ेगा।
लखनऊ: बुलंदशहर में बीती चार जुलाई को जिलाधिकारी द्वारा मुख्य चिकित्साधीक्षक जिला चिकित्सालय बुलन्दशहर के साथ सार्वजनिक रूप से अभद्र और अमर्यादित व्यवहार पर प्रदेश के सरकारी चिकित्सकों ने कड़ी निन्दा करते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप की मांग की है। सरकारी चिकित्सकों का कहना है कि अगर प्रशासनिक अधिकारियों ने अपने आचरण में सुधार नहीं किया तो प्रदेश के सरकारी चिकित्सक आंदोलन करेंगे।
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प्रांतीय चिकित्सा सेवा संघ ने बुलंदशहर घटना की कड़ी निंदा करते हुये इसे आदर्श सेवा नियमावली के खिलाफ बताते हुये मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर हस्तक्षेप की मांग की गयी है। मुख्य मंत्री को भेजे गये पत्र में कहा गया है कि उक्त जिलाधिकारी पहले भी निरीक्षणो में कई बार ऐसे अमर्यादित आचरण कर चुके है और यह इनकी आदत बन चुकी है। जिसके कारण जनपद बुलन्दशहर के चिकित्सकों का तथा प्रदेश के चिकित्सकों मनोबल गिरता जा रहा है।
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चिकित्सा सेवा जगत का अपमान
पीएमएस के अध्यक्ष डा. सचिन वैश्य ने कहा है कि अगर समय रहते प्रशासनिक अधिकारी अपने आरचरण और व्यवहार में परिवर्तन नही लाते है तो विवश होकर चिकित्सकों को अपने मान सम्मान की रक्षा के लिये आन्दोलनरत होना पड़ेगा। डा. वैश्य ने कहा कि, ये पूरे चिकित्सा सेवा जगत का अपमान है जिलाधिकारी भी एक अधिकारी है और उन्हें भी प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखना चाहिये। इस तरह की घटनाओं से चिकित्सको का मनोबल टूटता है।
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संघ के महासचिव, डा. अमित सिंह ने कहा कि, ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों को अपने आचरण में सुधार करने की अत्यन्त आवश्यकता है तथा यह भी कहा कि, एक तो प्रदेश में वैसे ही चिकित्सकों की भारी कमी है दूसरे उनके ऊपर कार्य का बोझ है।