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Ambedkar Jayanti: सरकारी, गैर सरकारी तंत्र ने मनाया बाबा साहब का जन्मदिन, याद करते हुए उनके जीवन पर डाला प्रकाश
Ambedkar Jayanti: जौनपुर जनपद में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती (Ambedkar Jayanti) सभी राजनैतिक दलो सहित समाज सेवियों एवं सरकारी संस्थानो में बड़े ही धूमधाम से मनायी गयी।
Jaunpur News: जौनपुर जनपद में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की जयन्ती (Ambedkar Jayanti) सभी राजनैतिक दलो सहित समाज सेवियों एवं सरकारी संस्थानो में बड़े ही धूमधाम से मनायी गयी। इस अवसर पर दलित बस्ती में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंच कर सांसद श्याम सिंह यादव (MP Shyam Singh Yadav) ने बाबा साहब को याद किया और उनके जीवन पर प्रकाश डाला तो प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री गिरीश चन्द यादव एवं जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा अम्बेडकर पार्क पहुंचकर बाबा साहब को याद किया इस क्रम में प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री खेल युवा कल्याण स्वतंत्र प्रभार गिरीश चंद्र यादव के द्वारा अम्बेडकर तिराहा स्थित बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि "बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने न सिर्फ देश के संविधान (country constitution) को बनाया बल्कि समरसता के उस भाव को भी आगे बढ़ाया है, जो भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। अंबेडकर ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने देश की अखंडता एवं एकता के लिए सतत प्रयास किया, उन्होंने ऐसे संविधान का निर्माण किया जिसमें से सभी वर्गों को समानता का अधिकार मिल सके।
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय (Veer Bahadur Singh Purvanchal University) के फार्मेसी संस्थान के शोध व नवाचार केंद्र में डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह मनाया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस.मौर्य की प्रेरणा से मनाया गया।
डॉ भीमराव अंबेडकर ने भारत को संविधान जैसी अनमोल कृति दी-डॉ रसिकेश
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ रसिकेश ने डॉ भीमराव अंबेडकर के विचारों की वर्तमान में प्रासंगिकता विषय पर अपने विचार को रखा। डॉ रसिकेश ने कहा कि डॉ अंबेडकर ने किसी जाति विशेष की बात न करके भारत को संविधान जैसी अनमोल कृति दी । उनके हर शब्द और विचार आज भी प्रासंगिक और अनुकरणीय है। वह दलितों के मसीहा नहीं सर्वसमाज को नई दिशा देने वाले महापुरुष थे।
भारतीय जनता पार्टी (BJP) जौनपुर के कार्यकर्ताओं ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती जिलाध्यक्ष पुष्पराज के नेतृत्व में बड़े धूमधाम से मनाई। सर्वप्रथम कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश महामंत्री भाजपा एव कन्नौज के सांसद सुब्रत पाठक ने समाजिक समरसता दिवस के अंर्तगत डॉ भीमराव अंबेडकर के जयन्ती के अवसर पर लाइन बाजार स्थित आईएमए भवन भाजयुमो द्वारा आयोजित रक्तदान कार्यक्रम का फीता काटकर कार्यक्रम की शुरुआत की। उस वक्त भाजयुमो जिलाध्यक्ष दिव्यांशु सिंह और दीपांशु उपाध्याय ने रक्तदान किया। उसके उपरांत भाजयुमो के सैकड़ो कार्यकर्ता ने रक्तदान किया। उसके उपरान्त अम्बेडकर तिराहा स्थित बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किये।
इस अवसर उनके जीवन पर विस्तार से चर्चा करते हुये वक्ताओ ने कहा कि डॉ भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को ब्रिटिशो द्वारा स्थापित केन्द्रीय प्रान्त (अब मध्यप्रदेश ) के एक छोटे से गांव मऊ में हुआ था। इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का भीमाबाई था। डॉ अम्बेडकर अपने माता-पिता की चौदहवीं संतान के रूप में जन्में थे। अम्बेडकर के पूर्वज लंबे समय तक ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना में कार्यरत थे और उनके पिता, भारतीय सेना की मऊ छावनी में सेवा में कार्य करते थे और यहां काम करते हुये वो सूबेदार के पद प्राप्त कर लिया था।
उन्होंने मराठी और अंग्रेजी में औपचारिक शिक्षा की डिग्री प्राप्त की थी। उन्होने अपने बच्चों को स्कूल में पढने और कड़ी मेहनत करने के लिये हमेशा प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेन्द्र सिंह, एमएलसी बृजेश सिंह प्रिंशु, पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक श्रीवास्तव, जिला उपाध्यक्ष सुधाकर उपाध्याय, सुरेन्द्र सिंघानिया, अनुसूचित मोर्चा की जिलाध्यक्ष अजय सरोज, अनुसूचित जन जाति के जिलाध्यक्ष सुरेश धुरिया ने सम्बोधित किया।
डा. भीमराव आंबेडकर सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे
समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव विवेक रंजन यादव के नेतृत्व में संविधान निर्माता भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 131 वीं जयंती विकास खण्ड धर्मापुर क्षेत्र स्थित ग्राम सभा उत्तरगांवा में धूमधाम के साथ मनाई गई। शाम को घरों पर दीपक और मोमबत्ती जलाकर खुशी मनाई।
इस मौके पर प्रभात फेरी निकालकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विचार गोष्ठी में उपस्थित लोगों ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव के जीवन पर प्रकाश डाला विवेक रंजन यादव ने कहा कि वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाते हैं। डा. भीमराव आंबेडकर सामाजिक क्रांति के अग्रदूत थे। सभी को उनके दिखाए रास्ते पर चलना चाहिए। उनके जीवन से हमें काफी सीखने को मिलता है।
डॉ. भीमराव सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। संविधान शिल्पी और सामाजिक क्रांति के संवाहक डॉ. भीमराव अम्बेडकर थे। वरिष्ठ नेता दलित चिंतक दीपचंद राम ने कहा राजनीतिक न्याय की लड़ाई लड़ने वाले संविधान शिल्पी डॉ. आंबेडकर एक व्यक्ति नहीं, वरन एक संकल्प थे। डॉ अंबेडकर ने समतामूलक न्यायपूर्ण समाज बनाने के लिए आजीवन संघर्ष किया। आज हम उनके जीवन तथा विचारों से शिक्षा ग्रहण करके उनके आदर्शों को अपने आचरण में ढालने का संकल्प लें।
समाजवादी पार्टी कार्यालय पर डा भीमराव अंबेडकर के जंयती के अवसर पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिलाअध्यक्ष लालबहादुर यादव ने उनके जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहब बचपन से ही न्याय की लड़ाई लड़ना शुरू कर दिया था। उन्हें प्रारंभिक शिक्षा लेने में भी कठिनाई का सामना करना पड़ा लेकिन इन सबके बावजूद भी अंबेडकर ने न केवल उच्च शिक्षा हासिल की बल्कि स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बने उन्होंने अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया था डॉक्टर भीमराव अंबेडकर समाज में दलित वर्ग को समानता दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष करते रहे उनके विचारों में लाखों युवाओं को प्रेरित किया बाबा साहब अंबेडकर विचारों को आगे ले जाना है उनके जो मुख्य विचार थे वह चाहते थे मुझे वह धर्म पसंद है जो स्वतंत्रता समानता और बंधुत्व सिखाता है एक समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मानता हूं जो महिलाओं ने हासिल किया है वे इतिहास नहीं बना सकते जो इतिहास को भूल जाता है शिक्षित बनो संगठित रहो धर्म मनुष्य के लिए है ना कि मनुष्य घर्म के लिए मनुष्य नश्र्वर है उसी तरह विचार भी नश्र्वर है एक विचार को प्रचार।
पौधों को पानी की नही तो दोनों मुरझाकर मर जाएंगे
प्रसार की जरूरत होती है जैसे कि एक पौधों को पानी की नही तो दोनों मुरझाकर मर जाएंगे एक महान आदमी एक प्रतिष्ठित आदमी से इस तरह अलग होता है कि वह समाज का नौकर बनने को तैयार रहता है बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए गोष्ठी मे मुख्य रूप से विधायक जगदीश नरायन राय पूर्व विधायक अरशद खान, दीपचंद राम, राहुल त्रिपाठी, महेंद्र यादव, जयहिंद यादव, पूनम मौर्या, श्रवण जयसवाल, श्याम नरायण बिंद, गप्पू मौर्य मनोज मौर्य, विजय सिंह बागी,शिवजीत यादव, भानू प्रताप मौर्य, शिवम,मेवालाल गौतम मालती निषाद, सोनी यादव उषा यादव, हिसामुद्दीन शाह आदि ने अपने विचारो को व्यक्त किया। सायंकाल के समय अम्बेडकर पार्क में अम्बेडकर के अनुयायियों द्वारा एक बड़ी जन सभा करायी गयी जिसमें समाजिक कार्यकर्ताओ सहित सभी दलों के लोंगो ने भाग लेकर बाबा साहब के जीवन दर्शन पर चर्चा करते हुए उसे आत्मसात करने की अपील किया।
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