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प्राइवेट इंग्लिश स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहा ये सरकारी स्कूल, CM योगी करेंगे दौरा
सहारनपुर: जब बात प्रदेश और देश की शिक्षा की होती है तो सबसे पहले निजी क्षेत्र के अच्छे स्कूलों की बात होती है। और बात जब सरकारी स्कूलों की होती है तो कोई भी व्यक्ति सरकारी स्कूलों में अपने बच्चे को भेजने की बात नहीं करता है। केवल वही व्यक्ति सरकारी स्कूलों की ओर रूख करता है, जो या तो गरीब हो अथवा जिसके पास अपने बच्चों को अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में भेजने का बजट न हो।
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मगर आज हम आपको बताने जा रहे हैं, कि सहारनपुर के एक गांव में एक ऐसा स्कूल है, जो अंग्रेजी माध्यम के कांवेन्ट स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहा है। जल्द ही प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के इस मॉडल स्कूल का दौरा करने के लिए आने वाले हैं।
सहारनपुर जनपद में एकमात्र ऐसा स्कूल
सहारनपुर जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से 1355 प्राइमरी और 576 जूनियर हाई स्कूलों का संचालन किया जाता है। इन दोनों प्राइमरी और जूनियर हाई स्कूलों में करीब एक लाख 62 हजार बच्चे पंजीकृत हैं और शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते है। बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से संचालित किए जाने वाले स्कूलों में अधिकांश स्कूल तो ऐसे हैं, जिनके पास अपनी छत भी नहीं है और वह या दान के भवन में संचालित हो रहे हैं अथवा किराये के भवन में।
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मगर सहारनपुर जनपद में एकमात्र ऐसा स्कूल भी है, जो प्राथमिक है लेकिन शिक्षा और भवन के मामले में कान्वेंट और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को भी पीछे छोड़ रहा है। इस स्कूल के भवन और व्यवस्थाओं को देखकर आप जरा भी अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि यह कोई सरकारी स्कूल है।
यहां 10 बच्चों की है संख्या
अधिकांश सरकारी प्राइमरी स्कूलों में कक्षों की संख्या चार या पांच होती है क्योंकि प्राइमरी स्कूलों में कक्षा पांच तक का ही संचालन होता है। जितनी कक्षाएं होती है, उतने ही कक्षा देखने को मिलते हैं लेकिन कक्षा पांच तक के इस स्कूल में कक्षाओं की संख्या 10 है। सहारनपुर जनपद के ब्लाक पुंवारका के गांव उग्राहू में यह स्कूल स्थित है। इस स्कूल के भवन और अन्य व्यवस्थाओं को देखकर एक बार तो आप भी चौंक जाएंगे और यही कहेंगे कि क्या कोई प्राइमरी स्कूल ऐसा हो सकता है।
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गांव उग्राहू की कुल आबादी करीब साढे आठ हजार है। इस गांव में साक्षरता दर भी सामान्य ही है। गांव में स्थित इस प्राथमिक विद्यालय में करीब 400 बच्चे पंजीकृत है और इतने ही शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। कक्षा पांच तक के इस स्कूल में कक्षों की कुल संख्या 10 है।
हर क्लास के दो सेक्शन
प्रत्येक क्लास के दो-दो सेक्सशन बनाए गए हैं। प्रधान अध्यापक अर्चना यादव समेत कुल पांच शिक्षक हैं, जो बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराते हैं। लेकिन बात दुखद है कि सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से 400 बच्चों पर केवल पांच ही शिक्षक दिए गए हैं। जनपद के इस अकेले स्कूल में बायोमैट्रिक हाजरी लगती है। स्कूल के बाहर और सभी कक्षों में सीसी टीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इस स्कूल की दशा और दिशा सुधारने में यहां की ग्राम प्रधान श्रीमती राजबाला का अहम रोल रहा है। वर्ष 2015 में हुए पंचायत चुनाव के बाद गांव की श्रीमती राजबाला ग्राम प्रधान चुनी गई थी। ग्राम प्रधान की शपथ लेने के बाद श्रीमती राजबाला और उनके प्रतिनिधि बेटे अरूण प्रताप ने एक संकल्प लिया था कि गांव के प्राइमरी स्कूल को ऐसा स्कूल बनाना है, जो मॉडल तो हो ही, साथ ही उसमें अंग्रेजी माध्यम जैसे स्कूलों जैसी सुविधा के साथ साथ गांव के प्रत्येक बच्चे को अच्छी और संस्कारी शिक्षा मिले।
ग्राम प्रधान व बेटे ने शुरू किया था ये काम
अपने इस संकल्प पर ग्राम प्रधान राजबाला और उनके बेटे अरूण प्रताप ने काम करना शुरू किया तो वह फलीभूत भी होता नजर आया। सरकार की ओर से मिलने वाली ग्राम पंचायत निधि से स्कूल का विकास किया गया। इस स्कूल को कान्वेंट स्कूल बनाने में करीब 20 लाख रूपये का खर्चा आ चुका है और अभी निर्माण कार्य जारी है।
ग्राम प्रधान श्रीमती राजबाला बताती हैं कि अच्छी शिक्षा ही घर और समाज की दशा व दिशा को सुधार सकती है। इसी पर उन्होंने काम करना भी शुरू किया। उन्होंने बताया कि इस स्कूल में न केवल उनके गांव उग्राहू बल्कि आसपास के स्कूलों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। वह बताती हैं कि जल्द ही स्कूल में स्मार्ट कलास और प्ले कलास का संचालन किए जाने की भी योजना है और इस योजना पर शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मदद से कार्य शुरू किया जा रहा है।
ग्राम प्रधान ने कराया ये काम
ग्राम प्रधान ने सरकार द्वारा चलाये गये स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत दस हजार की आबादी की पंयायत को सबसे कम समय में ओडीएफ कराया। जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने 2 अक्टूबर 2017 को प्रधान श्रीमति राजबाला को लखनऊ में सम्मानित किया था।
स्कूल में आने वाले प्रत्येक बच्चे को ग्राम पंचायत की ओर से पहचान पत्र प्रदान किए गए हैं और बच्चों की ड्रेस साफ सुथरी हो, इस पर भी ध्यान दिया जाता है। इस स्कूल का भ्रमण करने के बाद बच्चों के लिए बेहतरीन फर्नीचर, शिक्षाकों व आगंतुकों के लिए भी फर्नीचन की अच्छी व्यवस्था है। स्कूल और और स्कूल के कक्षों में गंदगी न फैले, इसके लिए जगह जगह डस्टबीन रखे गए हैं। स्कूल परिसर के आंगन और कक्षों में पूरी तरह से मार्बल के पत्थर लगाए गए हैं। बच्चों के खेलने के लिए खिलौनों के साथ साथ झूले आदि भी लगाए गए हैं।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरूण प्रताप सिंह राणा ने बताया कि पिछले सप्ताह उन्होंने लखनफ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी और गांव के इस प्राइमरी स्कूल के विकास की जानकारी दी थी। जिस पर सीएम योगी आदित्यथान ने जल्द ही इस स्कूल का भ्रमण करने का आश्वासन दिया है।