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सरकारी योजनाओं को पलीता लगा रहे कर्मचारी व अधिकारी
संदीप अस्थाना
आजमगढ़: सूबे की सरकार भले ही आम लोगों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं संचालित कर रही है मगर सरकारी अधिकारी व कर्मचारी इन योजनाओं को पलीता लगाने में कोई भी कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इस गोरखधंधे में जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों की संलिप्तता उजागर हो रही है वहीं दलाल संस्कृति के हावी होने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। बात चाहे स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत शौचालयों के निर्माण की हो या फिर प्रधानमंत्री आवास योजना की, हर योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है। ऐसा नहीं है कि इस भ्रष्टाचार की पोल नहीं खुल रही है। एक-एक कर घपले उजागर होते जा रहे हैं और कार्रवाई भी शुरू हो गयी है।
दो ब्लाकों में हुआ बड़ा घोटाला
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के अंतर्गत लोहिया गांवों में खुले में शौच से मुक्त करने के लिए व्यक्तिगत शौचालय निर्माण में 1,01,40,600 रुपये की वित्तीय अनियमितता एवं गबन का मामला सामने आया है। इस प्रकरण में जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह के अनुमोदन एवं जिला पंचायत राज अधिकारी जितेन्द्र कुमार मिश्र के आदेश पर सहायक विकास अधिकारी पंचायत राघवेंद्र सिंह व बाबूराम यादव ने फूलपुर व पवई थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। फूलपुर तहसील में बीते 17 दिसंबर को आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में जिलाधिकारी के निर्देश पर जिलास्तरीय अधिकारियों ने विकासखंड पवई के ऊफरी, सरैयाखुर्द, बहाऊद्दीनपुर व शहराजा और विकासखंड फूलपुर के गांव डारीडीह, खरसहन खुर्द, नूरपुर, मुंहचुरा, ईशापुर व बरईपुर गांव में आवंटित व्यक्तिगत शौचालयों की जांच की। जांच रिपोर्ट के आधार पर अनिर्मित व अपूर्ण पाए गए शौचालयों को एक सप्ताह के अंदर पूरा किए जाने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक सिंह ने 21 दिसंबर व एक जनवरी को दिया था। इसके बावजूद निर्धारित समय में शौचालयों का निर्माण नहीं कराया जा सका।
महीनों से रुका है लाभार्थियों का अनुदान
स्वच्छ भारत मिशन के तहत मेहनगर ब्लाक की ग्राम पंचायत नई में विभागीय उदासीनता के चलते कई महीनों से लाभार्थियों का अनुदान रुका हुआ है। नई गांव के लगभग 50 लोगों के शौचालय का गड्ढा खोदकर छोड़ा गया है। अनुदान राशि न आने से शौचालय का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। इन्हें 12 हजार रुपये का अनुदान मिलना है। ग्राम पंचायत नई में तैनात ग्राम पंचायत अधिकारी दिलराम यादव की पदोन्नति हो जाने के कारण एक माह से उनका पद रिक्त पड़ा हुआ है। इसके चलते गांव का विकास ठप पड़ा हुआ है। लाभार्थी शौचालय का गड्ढा खोदकर निर्माण कराने के लिए अनुदान का इंतजार कर रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन के तहत प्रदेश को खुले में शौच मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
सरकार ने इस लक्ष्य को शत-प्रतिशत हासिल करने के लिए पंचायती राज विभाग के माध्यम से लोगों को 12 हजार रुपये की अनुदान राशि प्रदान कर घर-घर में शौचालय का निर्माण करवाने की योजना तैयार की है। इस योजना के तहत सरकार ने सभी ग्राम प्रधानों को अपने-अपने गांव में शौचालय रहित घरों को चिन्हित कर अनुदान राशि से शौचालय का निर्माण कराने के निर्देश दिए थे। सरकार के निर्देशानुसार ग्राम प्रधानों ने अपने-अपने गांवों में ऐसे घरों को चिन्हित कर परिवारों के मुखिया को अनुदान राशि के तहत शौचालयों का निर्माण कराने का कार्य शुरू करवाया था। इस दौरान ग्राम प्रधानों ने ग्रामीणों को उनके अनुदान के पैसे भी दिलवाने का भरोसा दिलाया है। इस बाबत पूछे जाने पर खंड विकास अधिकारी मेंहनगर केके यादव ने कहा कि हमने प्रस्ताव बनाकर अनुमोदन के लिए उच्चाधिकारियों को भेज दिया है। धन आते ही खाते में भेज दिया जाएगा।
गबन के आरोपी पर कसा कानूनी शिकंजा
धन आवंटन के बाद भी शौचालय न बनवाने और सरकारी धन के गबन के आरोपी फूलपुर ब्लाक के ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश यादव ग्राम बेंदुई थाना अहरौला को रविवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल मुआयना के बाद आरोपी ग्राम पंचायत अधिकारी को जेल भेज दिया गया। शौचालय निर्माण की जांच रिपोर्ट आने के बाद एडीओ पंचायत फूलपुर राघवेंद्र सिंह एवं पवई के एडीओ पंचायत बाबूराम यादव की तहरीर पर पुलिस ने संबंधित गांव के प्रधान व ग्राम पंचायत अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने वित्तीय अनियमितता और गबन के आरोपी ग्राम पंचायत अधिकारी राजेश यादव को मुडियार मोड़ से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
स्पष्टीकरण न देने पर हुआ निलंबन
आजमगढ़ जिले के विकासखंड तरवां की ग्राम पंचायत भींटी में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 13 अपात्र लाभार्थियों को आवास आवंटित करने के संबंध में समय से स्पष्टीकरण न देने और प्रथम दृष्टïया दोषी पाए जाने पर ग्राम पंचायत अधिकारी मिथिलेश कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इस मामले में सहायक विकास अधिकारी पंचायत विकासखंड मुहम्मदपुर को जांच अधिकारी नामित किया गया है। जांच अधिकारी प्रकरण की पूर्ण छानबीन कर तीन सप्ताह के अंदर आरोप पत्र तय कर डीपीआरओ को सौंपेंगे।
जिला पंचायत राज अधिकारी ने बताया कि अधिकारी से तरवां की ग्राम पंचायतों का चार्ज न देने पर स्पष्टीकरण मांगा गया था। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय से प्रधानमंत्री आवास के 13 अपात्र लाभार्थियों को आवास आवंटन के संबंध में भी स्पष्टीकरण मांगा गया था, लेकिन संबंधित ग्राम पंचायत अधिकारी ने किसी भी पत्र का स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया। उन्होंने बताया कि इसी वजह से दोषी ग्राम पंचायत अधिकारी को निलंबित किया गया और निलंबन के बाद उन्हें विकासखंड जहानागंज से संबद्ध कर दिया गया है।
बचाव के लिए नया रास्ता खोज निकाला
सरकार व उच्चाधिकारियों के दबाव के चलते शौचालयों के निर्माण जल्द कराने की होड़ में दीवार, छत व दरवाजा बनाकर जीरो टैकिंग कर रिपोर्ट भेज दी जा रही है। हकीकत यह है कि पूर्ण शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया है। अधिकारियों की सख्ती व कार्रवाई के भय से प्रधानों व कर्मचारियों ने भी नायाब तरीके अपना लिए हैं। पहले दीवार और छत बनवा रहे हैं कि लाभार्थी भाग न सकें। आनाकानी की दशा में प्रधान व कर्मचारी एक मीटर का गड्ढा बनवाकर शौचालय का कार्य पूर्ण करा लेंगे। ऐसे ही पूरे क्षेत्र में युद्ध स्तर पर शौचालय के निर्माण का कार्य चल रहा है। हर तरफ महंगाई की मार की चर्चा प्रधानों और कर्मचारियों के बीच सुनी जा सकती है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी भी दीवारों का निर्माण कराकर बालू, गिट्टी व सीमेंट सस्ता होने के इंतजार में हैं। उधर खंड विकास अधिकारी सहित ग्राम पंचायत अधिकारी धन वापसी का रौब दिखाकर जल्द निर्माण पूर्ण कराने की बात लाभार्थियों से कर रहे हैं। कुछ लाभार्थियों पर इस भय का असर भी हो रहा है।
‘अपना भारत’ ने पहले ही किया था घपले का दावा
आजमगढ़ में शौचालय के नाम पर करोड़ों का घपला किया गया है। यह साबित भले ही अब हो रहा है मगर ‘अपना भारत’ ने यह दावा कई सप्ताह पहले ही कर दिया था। यह दावा अभिलेखों के आधार पर किया गया था। यह अभिलेखीय प्रमाण दिया गया था कि कहीं एक ही व्यक्ति ने दो या उससे अधिक आईडी से धन निकाल लिया है और एक ही गांव के लाभार्थी सूची में उसका नाम कई क्रमांकों पर अंकित है तो कहीं एक ही परिवार के पिता, पुत्र, पुत्रों, पत्नी, बहुओं के नाम पर धन निकाल लिया गया है।
इतना ही नहीं कई लाभार्थियों को पता तक नहीं और उनके नाम पर धन निकाल लिया गया। इस गोरखधंधे में विभाग के कर्मचारियों सहित समाज के घोटालेबाज किस्म के लोग शामिल रहे। अब जबकि जिले के शौचालयों की जांच शुरू हुई है तो घोटाले सामने आना शुरू हो गए हैं। जिले के 22 विकासखंडों में शौचालय निर्माण के लिए आवंटित पांच करोड़, 61 लाख, 12 हजार रुपये सरकारी धन के गबन के मामले में 77 गांवों के प्रधानों व सचिवों के खिलाफ नोटिस जारी की गई है। समय से धनराशि जमा न करने पर आरसी के माध्यम से वसूली की जाएगी।