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वाराणसी के उद्यमियों से गवर्नर की अपील, टीबी ग्रसित और कुपोषण से जंग में आएं आगे
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी के साड़ी इंडस्ट्रीज व माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के उद्यमियों से टीवी से ग्रसित बच्चों और आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर समाज का सहयोग करने की अपील करते हुए उन्हें अपने प्रेरणादायी संबोधन से प्रेरित किया.
वाराणसी: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी के साड़ी इंडस्ट्रीज व माइक्रो स्मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के उद्यमियों से टीबी से ग्रसित बच्चों और आंगनवाड़ी केंद्रों को गोद लेकर समाज का सहयोग करने की अपील करते हुए उन्हें अपने प्रेरणादायी संबोधन से प्रेरित किया. उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि कोरोना कॉल लोगों का सहयोग करने के लिए किसी को निमंत्रण नहीं दिया गया था, लेकिन भारत की संस्कृति के अनुरूप लोग स्वयं आगे आकर लोगों का हर स्तर पर सहयोग किया. जिसे पूरी दुनिया ने देखा और पूरे विश्व में हम इस क्षेत्र में सबसे अग्रणी रहे.
तीन दिवसीय दौरे पर हैं गवर्नर
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपने तीन दिवसीय पर वाराणसी पहुँची. सर्किट हॉउस सभागार में उद्यमियों के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि हमारे नन्हे-मुन्ने बच्चे ही देश के भविष्य है. जब वही कुपोषित हो तो भविष्य कैसे बनेगा. देश की जितनी आबादी है, सरकार अपने स्तर पर हर क्षेत्रों में बहुत बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन स्तर को सुधारने एवं सामाजिक कार्यों को कर रही है. लेकिन इस कार्य में समाज के उद्यमियों एवं प्रबुद्ध जनों को भी बढ़ चढ़कर आगे आकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना होगा. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण की बात सामने आने पर अनेको एनजीओ ने आगे आकर इस कार्य में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और आज वर्तमान समय में शत-प्रतिशत शौचालय का निर्माण हो गया। अन्यथा शौचालयों के निर्माण कराने में ही कई वर्ष लग जाते.
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साल 2025 तक देश को टीबी मुक्त कराने का संकल्प
पूरे विश्व में वर्ष 2030 तक दुनिया को टीबी से मुक्त करने की घोषणा की है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोचा कि तब तक हमारे कितने बच्चों की मौत हो जाएगी और इसलिए उन्होंने भारत को वर्ष 2025 तक पूरी तरह टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है. चिकित्सा व्यवस्था एवं लोगों के सहयोग से 2025 तक भारत वास्तव रूप में टीबी मुक्त हो जाएगा. उन्होंने उद्यमियों से जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा से संपर्क कर टीबी ग्रसित बच्चों को गोद लेकर उनकी देखरेख तथा पोस्टिक आहार उपलब्ध कराए जाने पर जोर देते हुए कहा कि टीबी से ग्रसित बच्चों को समय से दवा व पौष्टिक आहार मिलता रहे, तो वे आगामी 6 माह के अन्दर टीबी रोग से मुक्त हो जाते हैं.
टीवी ग्रसित गोद लिए बच्चों के घरों पर जब जाकर उनकी देखरेख किया जाएगा, तो उनमें और उनके अभिभावको में भाव पैदा होगा. उन्होंने कहा कि टीबी के बच्चों को घरों में ही कैद न किया जाए बल्कि उन्हें स्कूलों में भी भेजा जाए. जिससे उनकी शैक्षणिक गतिविधि किसी भी दशा में रुकने न पाए. उन्होंने बताया कि पूरे भारत के 20 फ़ीसदी टीवी ग्रसित बच्चे उत्तर प्रदेश में है.
आशुतोष सिंह
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