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Banda News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- बुंदेलखंड के लिए वरदान से कम नहीं मिलेट वर्ष 2023
Banda News: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा मिलेट वर्ष 2023 बुंदेलखंड के लिए अवसर है। किसान छोटी जोत से मोटा अनाज उगाने की शुरुआत करें। विश्व में मोटे अनाज की बढ़ती मांग वरदान बन सकती है।
Banda News Today: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह में शिरकत कर ज्यादा से ज्यादा मोटा अनाज उपजाने पर बल दिया। उन्होंने कहा- मिलेट वर्ष 2023 बुंदेलखंड के लिए अवसर है। किसान छोटी जोत से मोटा अनाज उगाने की शुरुआत करें। विश्व में मोटे अनाज की बढ़ती मांग वरदान बन सकती है।
मोटा अनाज उत्पाद आधारित उद्योग एक अवसर
राज्यपाल श्रीमती पटेल ने कहा- विदेश में मोटा अनाज बेचने को बढ़ावा मिल रहा है। हम सभी को मोटे अनाज का उपयोग विभिन्न व्यंजनों के लिए करना चाहिये। विश्वविद्यालय समेत सभी छात्रावासों के भोजन में भी मोटे अनाज को शामिल किया जाए। उत्तर गुजरात की तरह कम पानी वाले क्षेत्र बुंदेलखंड के लिए यह मिलेट वर्ष अपार संभावनाएं संजोए है। कृषि छात्रों के लिए भी मोटा अनाज उत्पाद आधारित उद्योग एक अवसर है। कृषि क्षेत्र में ड्रोन एवं आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस को बढ़ावा मिल रहा है। समाज में बड़ी भागीदारी निभा रहीं महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सम्मान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
देश को जी- 20 की अध्यक्षता मिलना सौभाग्य का विषय
विश्वविद्यालय कुलाधिपति श्रीमती पटेल ने कहा- देश को जी-20 की अध्यक्षता मिलना सौभाग्य का विषय है। संबोधन से पहले उन्होंने निराश्रित गौवंश के लिए विश्वविद्यालय परिसर में बने कामदगिरि नंदी-नंदिनी अभ्यारण्य का उदघाटन किया। 40 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को किट और 15 प्राथमिक विद्यालय के छात्र छात्राओं को उपहारों से नवाजा।
प्रो. नरेंद्र का पूरे देश दलहन फसल पर विशेष योगदान: प्रो. त्रिलोचन
दीक्षांत समारोह को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने कहा- बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुलपति के नेतृत्व में छात्रों और कृषकों के भविष्य निर्माण में विशेष योगदान दे रहा है। बुंदेलखंड देश का एक बहुमूल्य क्षेत्र है। वर्षा आधारित खेती ही यहां की पहचान और समस्या दोनों है। सूक्ष्म सिंचाई व्यवस्था अपनाकर कृषि को बढ़ाया जा सकता है। वर्षा जल संचय वरदान साबित हो सकता है। बुंदेलखंड और पूरे देश में दलहन फसल पर प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह का विशेष योगदान है। नई शिक्षा नीति सुनहरा अवसर है। डा. महापात्रा ने छात्रों के उज्वल भविष्य की कामना कर कहा- बरगद के सूक्ष्म बीज के विशाल पेड़ बनने जैसे गुण सभी छात्रों में होने चाहिए।
प्राकृतिक खेती और केन व गाय संरक्षण पर विशेष जोर: कुलपति
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. नरेंद्र प्रताप सिंह ने प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत कर बताया- दीक्षांत समारोह में 159 स्नातक तथा 47 परास्नातक छात्रों को उपाधि तथा 15 छात्र-छात्राओं को मेडल दिए गए हैं। पश2022-23 से तीन नए परास्नातक पाठ्यक्रम संचालित हैं। खाद्य प्रौद्योगिकी एवं कृषि अभियंत्रिकी में स्नातक की शिक्षा शुरू करने का प्रस्ताव है। मत्स्य महाविद्यालय का प्रस्ताव सरकार को भेजा जा चुका है। कृषि क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहे देश के नामी संस्थानों से अनुबंध भी हुआ है। प्राकृतिक खेती, केन तथा गाय का संरक्षण और बुंदेलखंडी बकरी एवं जालौनी भेड़ पर शोध एवं संरक्षण कार्य भी चल रहा है। बीज उत्पादन प्रक्षेत्र को विकसित किया गया है। कृषि विज्ञान केंद्र कृषक हितैषी तकनीक एवं ज्ञान प्रसारित कर रहे है। मिलेट वर्ष मनाने का कार्यक्रम है। अगले सत्र से पशु चिकित्सा महाविद्यालय शुरू करने का प्रस्ताव है। 14 जल संरक्षण संरचनाओं में मत्स्य पालन इको पार्क व वनस्पति उद्यान बनाए जा रहे हैं।
मौजूद रहे यूपी के मंत्री रामकेश निषाद समेत सांसद, कमिश्नर, डीआईजी, डीएम और एसपी
कुलसचिव डा. एसके सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन सहायक प्राध्यापक डा. बीके गुप्ता व डा। विज्ञा मिश्रा ने किया। डा. शालिनी पुरवार और डा. नीतू ने सहयोग किया। बतौर विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति डा. मिल्खा सिंह औलख समेत उत्तर प्रदेश के जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद, बांदा-चित्रकूट सांसद आरके सिंह पटेल, नरैनी विधायक ओममणि वर्मा, चित्रकूटधाम मंडलायुक्त आरपी सिंह, पुलिस उप महानिरीक्षक विपिन कुमार मिश्र, जिलाधिकारी दीपा रंजन, पुलिस अधिक्षक अभिनंदन और अनेक अधिकारी व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।