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'बीटिंग द रिट्रीट' में पहुंचे सीएम-गवर्नर, पारंपरिक धुन पर हुआ मार्च

Newstrack
Published on: 30 Jan 2016 12:41 PM IST
बीटिंग द रिट्रीट में पहुंचे सीएम-गवर्नर, पारंपरिक धुन पर हुआ मार्च
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लखनऊ: यूपी के सीएम अखिलेश यादव पुलिस लाइन में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक 'बीटिंग द रिट्रीट' कार्यक्रम में पहुंचे। कार्यक्रम के दौरान उनके साथ राज्यपाल राम नाईक भी मौजूद रहे। 'रिपब्लिक डे' शुरू होने के बाद अब तक ये कार्यक्रम सिर्फ दो बार स्थगित हुआ है। 'बीटिंग द रिट्रीट' गणतंत्र दिवस समारोह की समाप्ति का सूचक है। इस कार्यक्रम में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के बैंड पारंपरिक धुन के साथ मार्च करते हैं। ये सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। गणतंत्र दिवस के पश्चात हर वर्ष 29 जनवरी को 'बीटिंग द रिट्रीट' कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

जाने कब-कब निरस्त हुआ है ये कार्यक्रम

- 27 जनवरी 2009 को 8वें प्रेसिडेंट वेंकटरमन के निधन हो जाने के कारण इस कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।

- इससे पहले 26 जनवरी 2001 को गुजरात में आए भूकंप के कारण इसे रद्द किया गया था।

हर साल 29 जनवरी की शाम को होता है ये कार्यक्रम

- 'बीटिंग द रिट्रीट' गणतंत्र दिवस आयोजनों का आधिकारिक रूप से समापन घोषित करता है।

- इस दिन महत्वपूर्ण सरकारी भवनों को 26 जनवरी से 29 जनवरी के बीच सजाया जाता है।

- हर वर्ष 29 जनवरी की शाम को गणतंत्र दिवस के तीसरे दिन इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

- ये आयोजन तीनों सेनाओं के एक साथ मिलकर सामूहिक बैंड वादन से आरंभ होता है जो लोकप्रिय मार्चिंग धुनें बजाते हैं।

महात्मा गांधी की प्रिय धुनों में से एक धुन है 'एबाइडिड विद मी'

ड्रमर भी एकल प्रदर्शन 'ड्रमर्स कॉल' करते हैं। ड्रमर्स द्वारा एबाइडिड विद मी (यह महात्मा गाँधी की प्रिय धुनों में से एक कहीं जाती है) बजाई जाती है और ट्युबुलर घंटियों द्वारा चाइम्‍स बजाई जाती हैं। ये काफी दूरी पर रखी होती हैं और इससे एक मनमोहक दृश्य बनता है। इसके बाद रिट्रीट का बिगुल वादन होता है।

शाम 6 बजे बजाई जाती है बगलर्स रिट्रीट की धुन

जब बैंड मास्टर राष्ट्रपति के समीप जाते हैं और बैंड वापिस ले जाने की अनुमति मांगते हैं। तब सूचित किया जाता है कि समापन समारोह पूरा हो गया है। बैंड मार्च वापस जाते समय लोकप्रिय धुन 'सारे जहां से अच्छा' बजाते हैं। ठीक शाम 6 बजे बगलर्स रिट्रीट की धुन बजाते हैं और राष्ट्रीय ध्वज को उतार लिया जाता है। इसके बाद राष्ट्रगान गाया जाता है और इस प्रकार गणतंत्र दिवस के आयोजन का औपचारिक समापन होता हैं।

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