TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

पूर्व मंत्रियों और अफसरों पर लंबित हैं लोकायुक्त की ढेरों सिफारिशें, राज्यपाल ने सीएम से मांगा जवाब

राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि उप्र लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम की धारा-12(7) के तहत अब तक 53 विशेष प्रतिवेदन भेजे गए हैं। इनमें केवल 2 पर सरकार ने स्पष्टीकरण-ज्ञापन उपलब्ध कराए हैं। शेष 51 पर न तो स्पष्टीकरण मिला है, न ही राज्य विधान मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की सूचना है।

zafar
Published on: 23 Dec 2016 2:51 PM IST
पूर्व मंत्रियों और अफसरों पर लंबित हैं लोकायुक्त की ढेरों सिफारिशें, राज्यपाल ने सीएम से मांगा जवाब
X

लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम के 51 विशेष प्रतिवेदनों पर राज्य सरकार ने अब तक कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है और ना ही विधामंडल के समक्ष प्रस्तुत किया है। इनमें कई मामले बसपा सरकार में पूर्व मंत्रियों के साथ अफसरों के पद व शक्ति के दुरूपयोग कर भ्रष्टाचार करने और अवैध सम्पत्ति अर्जित करने की शिकायतों के संबंध मे हैं। राज्यपाल राम नाइक ने इस पर सख्त रूख अख्तियार करते हुए सीएम अखिलेश यादव को पुन: पत्र लिखा है और सरकार के किए गए अथवा प्रस्तावित कार्यवाही के साथ अपना और मुख्य सचिव का स्पष्टीकरण ज्ञापन जल्द उपलब्ध कराने को कहा है।

बसपा सरकार के इन पूर्व मंत्रियों की शिकायतों पर है विशेष प्रतिवेदन

-लोकायुक्त के विशेष प्रतिवेदन में बसपा सरकार के मंत्री अवधपाल सिंह यादव, रामवीर उपाध्याय, बादशाह सिंह, रामअचल राजभर, राजेश त्रिपाठी, अयोध्या प्रसाद पाल, रतन लाल अहिरवार, नसीमुद्दीन सिद्दीकी एवं स्वामी प्रसाद मौर्या शामिल हैं।

-विधायकों में जौनपुर के मडियाहूं विधान सभा सीट से तत्कालीन विधायक कृष्ण कुमार सचार का नाम शामिल है।

-राज्यपाल के भेजे गए पत्र के साथ संलग्न सूची में लोकायुक्त और उप लोकायुक्त से प्राप्त विशेष प्रतिवेदनों में 9 पूर्व मंत्रियों, 1 विधायक, 3 अध्यक्ष (नगर पालिका/नगर पंचायत) और 40 अधिकारियों का उल्लेख है।

12 अगस्त को भी सीएम को लिख चुके हैं पत्र

-राज्यपाल राम नाइक ने इसके पहले 12 अगस्त को मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था।

-इसमें उन्होंने लोकायुक्त एवं उप लोकायुक्त के विशेष प्रतिवेदनों पर सरकार द्वारा की गई अथवा प्रस्तावित कार्यवाही की जानकारी मांगी थी।

-साथ ही सीएम और मुख्य सचिव का स्पष्टीकरण-ज्ञापन उपलब्ध कराने की अपेक्षा की थी।

-अब उन्होंने इस सिलसिले में एक बार फिर सीएम को पत्र लिखा है।

सिर्फ दो विशेष प्रतिवेदनों पर स्पष्टीकरण

-राज्यपाल ने पत्र में कहा है कि उप्र लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम की धारा-12(7) के तहत अब तक 53 विशेष प्रतिवेदन भेजे गए हैं।

-इसमें वर्तमान लोकायुक्त न्यायमूर्ति संजय मिश्रा द्वारा प्रस्तुत एक विशेष प्रतिवेदन भी शामिल है।

-पर अभी तक केवल 2 विशेष प्रतिवेदनों पर सरकार ने स्पष्टीकरण-ज्ञापन उपलब्ध कराए हैं और शेष 51 के संबंध में न तो स्पष्टीकरण प्राप्त हुआ है और न ही राज्य विधान मण्डल के समक्ष प्रस्तुत किये जाने की सूचना है।

लंबे समय तक कार्यवाही न होने से लोकायुक्त संगठन का उद्देश्य विफल

-उन्होंने कहा है कि मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और लोक सेवकों के विरूद्ध भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायतों की जांच के बाद सरकार को प्रेषित जांच रिपोर्ट पर लम्बे समय तक कार्यवाही न होने से लोकायुक्त संगठन का उद्देश्य ही विफल हो जाता है।

-कहा गया है कि प्रदेश के नागरिकों को सुशासन का लाभ तब मिलेगा जब भ्रष्टाचारियों के विरोध में कार्यवाही होगी।

zafar

zafar

Next Story