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उच्च शिक्षा से ही देश के विकास की दिशा तय होती है- रामनाईक

प्रदेश के गवर्नर रामनाईक ने कहा कि उच्च शिक्षा से ही देश के विकास की दिशा तय होती है। उच्च शिक्षा के लिए अशांति लाभदायक नही होती है। इस दशा में शिक्षकों और छात्र में संवाद बहुत जरुरी है। सबको अनुशासित रहना चाहिए। मैं चाहता हूं कि यूपी के विश्वविद्यालयों का स्था

tiwarishalini
Published on: 5 Jan 2018 4:29 PM IST
उच्च शिक्षा से ही देश के विकास की दिशा तय होती है- रामनाईक
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लखनऊ: प्रदेश के गवर्नर रामनाईक ने कहा कि उच्च शिक्षा से ही देश के विकास की दिशा तय होती है। उच्च शिक्षा के लिए अशांति लाभदायक नही होती है। इस दशा में शिक्षकों और छात्र में संवाद बहुत जरुरी है। सबको अनुशासित रहना चाहिए। मैं चाहता हूं कि यूपी के विश्वविद्यालयों का स्थान देश के सभी विश्वविद्यालयों के बराबर हो। शिक्षा व्यवस्था में विकास हो। ये बातें उन्होंने राजधानी लखनऊ के राजभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही।

निकले चौंकाने वाले आंकड़े:

- एक आम धारणा है कि यूपी में उच्च शिक्षा का स्तर अन्य राज्यों की तुलना में कम है और छात्राओं की उच्च शिक्षा को लेकर बजी धारणा थी की इन्हें पढ़ाने की ज्यादा जरुरत नही है।

- लेकिन जो आंकड़े निकले वो हैरान कर देने वाले हैं। एक परिवर्तन दिखा।ये परिवर्तन महिला सशक्तिकरण का द्योतक हैं।

- कुल 15 लाख 60 हज़ार 375 स्टूडेंट्स को उपाधिया 2016-17 में दी गयी। इसमें 51 प्रतिशत छात्राये हैं। जिनमे छात्राओं का दीक्षांत में शिरकत करने का प्रतिशत 57% है।

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- जनरल डिग्री में 52%, चिकित्सा विश्वविद्यालय में 39%, प्राविधिक में 23%,कृषि विश्वविद्यालयों में 19%, शकुंतला मिश्र विश्वविद्यालय में 51%, भारतखंडे मे 61% छात्राओं को डिग्री मिली है।

- कुल पदको में 66% छात्राओं को पदक मिले हैं।

बढ़ते समय के साथ सुधरे हालात:

- गवर्नर रामनाईक ने कहा कि जब 1951 में जनसंख्या की गणना हुई तब पुरुष 27.60 और 8.86 महिलाएं साक्षर थी। 2011 में पुरुष साक्षरता दर 82.14 और महिलाओं की 65.46 हो गयी। साल दर साल हालात सुधरते रहे।

- रामनाईक ने कहा कि जब मैं राज्यपाल बना तो कहा कि शैक्षिक सत्र नियमित हो। इनका दीक्षांत और परिणाम समय पर हो। पहले जो बैचलर की डिग्री लेट में मिलती थी, अब उनमे सुधार आया है।

दीक्षांत समारोह में भी कोई देरी नहीं- रामनाईक

- राज्यपाल रामनाईक ने कहा कि उनको जिन 25 कॉलजों में दीक्षांत समारोह करवाना था, उनमे से 23 का हो गया है.

- बाकी के दो भी होने वाले हैं। दीक्षांत समारोह में भी हमने कोई लापरवाही या देरी नहीं की। ;

- मैंने सभी कुलपतियों को कहा था कि भारतीय वेश को विश्वविद्यालयों में पहनाये तो अच्छा होगा, इसे भी सबने स्वीकारा है।

रामनाईक ने बताया कि अभी 19% महिलाएं कृषि में अच्छी शिक्षा ग्रहण कर रही है।अगर और महिलाएं इस दिशा में आएंगी तो पीएम का सपना पूरा होने में सहयोग मिलेगा।

जब अटल बिहारी वाजपई प्रधानमंत्री थे तो सर्व शिक्षा अभियान शुरू हुआ था। इसके बाद पीएम मोदी ने 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' की मुहिम शुरू की। इससे महिलाओं और लड़कियों के जीवन में विकास आया है।

इन बिंदुओं पर काम करना जरूरी

1.शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा जाना है।

2.विश्वविद्यालयों की कार्यप्रणाली पारदर्शी और उत्तरदायी करने के लिए ऑनलाइन प्रणाली का अधिक प्रयोग करना।

3.छात्रों के पेपर को दिखाना।

4.नैक मूल्यांकन को सुनिश्चित किया जाये। महाविद्यालयों में भी नैक मूल्यांकन हो।

5.शिक्षा को रोजगार परक बनाने के लिए शैक्षिक और औद्योगिक संस्थानों के बीच सामंजस्य बढे। इंजीनियरिंग और कृषि में बहुत जरूरत है।

6.शोध के लिए प्रयास हो। पंडित दीन दयाल की स्मृति में रिसर्च चेयर बनाने की दिशा में काम होना चाहिये।

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रिटायर्ड शिक्षकों को यूनिवर्सिटी में रखने के सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि अनुभवी शिक्षक मिलना कठिन है।उनकी क्षमता का उपयोग हो। इसलिए ऐसा विचार है।



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tiwarishalini

tiwarishalini

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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