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जौनपुर: ग्राम पंचायत की पहली बैठक में चटकी लाठियां, फूटे सिर तो टूटी कुर्सियां

ग्राम पंचायत की पहली बैठक में ग्रामीण जनों पक्ष-विपक्ष के बीच ऐसी चटकी लाठियां कि किसी का सर फूटा तो किसी का हाथ टूटा।

Kapil Dev Maurya
Reporter Kapil Dev MauryaPublished By Chitra Singh
Published on: 28 May 2021 4:01 PM GMT
जौनपुर: ग्राम पंचायत की पहली बैठक में चटकी लाठियां, फूटे सिर तो टूटी कुर्सियां
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जौनपुर: गांव की सरकार गठन के बाद पहली ही बैठक में ग्रामीण जनों पक्ष-विपक्ष के बीच ऐसी चटकी लाठियां कि किसी का सर फूटा तो किसी का हाथ टूटा है। हालांकि ग्राम पंचायत की बैठक में हुईं मार-पीट की घटना के बाबत तहरीर मिलने पर थाना सुजानगंज की पुलिस विधिक कार्यवाही करने में जुटी हुई है।

मिली खबर के अनुसार, विकास खण्ड सुजानगंज के ग्राम पंचायत पतहना में शपथ ग्रहण के पश्चात ग्राम पंचायत समितियों के गठन हेतु पहली बैठक आहुत थी। बैठक में गांव के विकास कार्यों के लिए समितियों का गठन किया जाना था। इसी को लेकर पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच विवाद हो गया। देखते ही देखते लाठियां चटकने लगी। लोग लाठी एवं कुर्सियों से एक-दूसरे पर आक्रमण बोल दिये। इस दौरान लोगों को चोटें भी आयी और कुर्सियां भी टूटी। घटना के समय सुरक्षा कर्मी एवं बैठक के सेक्टर मजिस्ट्रेट बीएल यादव भी अनुपस्थित रहे। मारपीट के दौरान महिलाओं ने भागकर अपनी जान और आबरू को बचाई। यहां एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि आखिर कैसे पंचायती राज में विकास का कार्य पूरा होगा, जब शुरुआत में ही खून खराबा हो रहा है।

यहां बता दें कि ग्राम पंचायत पतहना विकासखंड सुजानगंज की नव-निर्वाचित प्रधान आशा देवी पत्नी प्रदीप पान्डेय यहां से गत चुनाव में प्रधान चुनी गयी है। इनके नेतृत्व में शासन की मंशा के अनुरूप विकास कार्यों को गति देने के लिए ग्राम पंचायत समितियों के गठन हेतु बैठक बुलाई गयी थी, जिसमें कुल 11 सदस्यों में से सिर्फ 04 सदस्य ही उपस्थित हुए थे, जिसके परिणाम स्वरूप कोरम के अभाव में सचिव राम बहादुर ने प्रधान की सहमति से बैठक स्थगित करते हुए अगली तिथि पर बैठक कराने की बात कही।

तत्पश्चात मौके पर उपस्थित गांव के अराजक तत्वों ने अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए मारपीट शुरू कर दिया, जिससे उपस्थित लोग चोटिल होने लगे तथा कुछ के सिर भी फूट गये, तो कुछ के हाथ पैर में चोटें आई हैं। पूरे घटनाक्रम से ग्राम पंचायत में काफी तनाव एवं आक्रोश है। अब ऐसा माना जा रहा है कि यदि जिला प्रशासन द्वारा अराजक तत्वों पर कठोर कानूनी कार्यवाही नहीं की गई, तो भविष्य में किसी बड़ी घटना के होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। हालांकि की पुलिस इलाका का कथन है कि अराजक तत्वों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जा रही है।

Chitra Singh

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